🕒 Published 3 weeks ago (10:15 AM)
नई दिल्ली। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात को टालने का श्रेय खुद को दिया है। शनिवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने दावा किया कि उनके हस्तक्षेप के चलते परमाणु युद्ध टल गया। ट्रंप ने कहा, “दोनों देशों के बीच माहौल बेहद गंभीर था। मुझे लगता है कि कम से कम पांच लड़ाकू विमान मार गिराए गए होंगे।”
ट्रंप ने आगे कहा कि उन्होंने कूटनीतिक रणनीति के तहत व्यापार को हथियार बनाकर यह संकट टालने में सफलता पाई। “हमने दोनों देशों को स्पष्ट संदेश दिया कि अगर आप लड़ाई जारी रखते हैं और परमाणु हथियारों की ओर बढ़ते हैं, तो अमेरिका आपसे व्यापारिक समझौते नहीं करेगा,” ट्रंप ने कहा।
व्यापार के जरिए समाधान का दावा
ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका ने अपने कारोबारी प्रभाव का उपयोग कर भारत-पाक विवाद को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि हमने कई युद्धों को रुकवाने में भूमिका निभाई है, और भारत-पाक विवाद भी उनमें से एक है। ट्रंप का कहना है कि उनकी सख्त व्यापार नीति के चलते दोनों देशों ने पीछे हटने का फैसला किया।
ईरान और अफ्रीका के युद्धों का भी जिक्र
ट्रंप ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को भी कमजोर करने में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने रवांडा और कांगो जैसे वर्षों पुराने संघर्षों का उदाहरण देते हुए बताया कि अमेरिकी मध्यस्थता से कैसे वैश्विक शांति की दिशा में कदम बढ़ाए गए।
पहले भी कर चुके हैं ऐसा दावा
गौरतलब है कि ट्रंप पहले भी ओवल ऑफिस में हुई बैठक के दौरान यह दावा कर चुके हैं कि यदि अमेरिका हस्तक्षेप न करता, तो भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु संघर्ष संभव था। ट्रंप के अनुसार, “हमने दो देशों को व्यापारिक दबाव में लाकर मुद्दा हल करवाया। हमने कहा कि जब तक आप आपसी विवाद नहीं सुलझाते, हम व्यापार की मेज पर नहीं बैठेंगे।”