🕒 Published 1 month ago (8:12 AM)
Donald Trump on India-Pakistan Ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव भरे हालात के बीच शनिवार को घोषित संघर्षविराम (Ceasefire) कुछ ही घंटों में टूट गया। सीमापार से हुई फायरिंग और ड्रोन हमलों ने एक बार फिर से पाकिस्तान की नीयत को उजागर कर दिया। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संघर्षविराम का श्रेय खुद को देते हुए कहा कि वे भारत-पाकिस्तान के साथ मिलकर कश्मीर मुद्दे का स्थायी समाधान निकालने की दिशा में काम करेंगे।
ट्रंप का दावा: अमेरिका ने कराया Ceasefire
डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे पहले संघर्षविराम की सूचना ट्रुथ सोशल पर साझा करते हुए लिखा: “भारत और पाकिस्तान का नेतृत्व इस बात को समझ गया है कि समय आ गया है कि इस संघर्ष को रोका जाए, जिससे लाखों बेगुनाहों की जान जा सकती थी। मुझे गर्व है कि अमेरिका ने इस ऐतिहासिक फैसले में मदद की।”
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के साथ व्यापार को भी आगे बढ़ाएगा और दोनों देशों के साथ मिलकर हजार साल पुराने कश्मीर मुद्दे का समाधान तलाशने का प्रयास करेगा।
भारत का रुख स्पष्ट: बिना मध्यस्थता हुआ समझौता
हालांकि भारत ने साफ किया है कि यह समझौता द्विपक्षीय स्तर पर हुआ है, इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं है। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान को अब जिम्मेदारी से पेश आना चाहिए और संघर्षविराम की शर्तों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
संघर्षविराम के तुरंत बाद फिर हमला
दिल्ली में सीजफायर पर सहमति की घोषणा के कुछ मिनट बाद ही पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के आरएसपुरा, सांबा, ललियान और रामगढ़ क्षेत्रों में फायरिंग और ड्रोन हमले शुरू कर दिए।
इस हमले में बीएसएफ के उपनिरीक्षक मोहम्मद इम्तियाज शहीद हो गए और 7 जवान घायल हो गए।
15 शहरों में ब्लैकआउट, सेना को सख्त कार्रवाई की छूट
रातभर हुए हमलों के चलते पंजाब, राजस्थान और गुजरात के करीब 15 शहरों में ब्लैकआउट करना पड़ा। केंद्र सरकार ने इसे सहमति का उल्लंघन बताते हुए सेना को कड़ी जवाबी कार्रवाई की छूट दे दी है।
विदेश सचिव का कड़ा बयान
विदेश सचिव ने कहा: “पाकिस्तान को समझना चाहिए कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति बिल्कुल स्पष्ट है और ऐसी किसी भी हरकत का जवाब कड़ा और निर्णायक होगा।”
12 मई को फिर होगी बातचीत
भारतीय और पाकिस्तानी सेना के डीजीएमओ के बीच फोन पर हुई बातचीत में सहमति बनी है कि 12 मई को दोपहर 12 बजे एक बार फिर बातचीत होगी। भारत ने साफ किया है कि आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं होगा और सिंधु जल संधि निलंबित ही रहेगी।
संघर्षविराम की इस असफलता और ट्रंप की भूमिका पर अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें टिक गई हैं। क्या अमेरिका की मध्यस्थता में शांति स्थापित हो पाएगी या फिर पाकिस्तान की दोहरी चालबाज़ी एक और बड़े टकराव की ओर ले जाएगी — ये सवाल अब और गंभीर हो चले हैं।