पटना। बिहार में शराबबंदी को लागू हुए 9 साल से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन राज्य में शराब की अवैध बिक्री और तस्करी पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है। पुलिस द्वारा जारी ताजा आंकड़ों से साफ होता है कि शराब माफिया अब भी सक्रिय हैं और शराबबंदी को चुनौती दे रहे हैं।
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हर महीने जब्त हो रही 77 हजार लीटर से ज्यादा शराब
मद्यनिषेध विभाग के अनुसार, जनवरी 2025 से अगस्त 2025 तक बिहार में हर महीने औसतन 77,540 लीटर शराब जब्त की गई है। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में करीब 16 फीसदी अधिक है, जिससे साफ है कि अवैध शराब का नेटवर्क पहले से और मजबूत हुआ है।
पिछले साल से ज्यादा हुआ जब्ती का आंकड़ा
2024 के पहले आठ महीनों के दौरान हर महीने औसतन 67 हजार लीटर शराब जब्त की गई थी। इस साल यह आंकड़ा लगातार बढ़ा है, जिसे लेकर पुलिस का दावा है कि यह सख्त निगरानी और कानून के कड़े पालन का नतीजा है।
अब तक 2.75 करोड़ लीटर शराब जब्त
अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) अमित कुमार जैन ने जानकारी दी कि शराबबंदी लागू होने के बाद से अब तक 2.75 करोड़ लीटर से ज्यादा शराब जब्त की जा चुकी है। इसमें से 97 प्रतिशत शराब नष्ट कर दी गई है।
विदेशी शराब, देसी शराब और स्प्रिट जब्त
विभाग के मुताबिक, 2025 में अब तक
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5,74,526 लीटर विदेशी शराब (IMFL)
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12,515 लीटर देशी शराब
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33,281 लीटर स्प्रिट जब्त की गई है।
चुनाव से पहले सख्ती बढ़ाई गई
राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, जिसके चलते मद्यनिषेध विभाग ने 393 अतिरिक्त चौकियां स्थापित करने की योजना बनाई है ताकि सीमावर्ती इलाकों में शराब और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी को रोका जा सके।
इसके अलावा बिहार-नेपाल सीमा पर जुलाई 2025 तक 188 बैठकें की गई हैं ताकि दोनों तरफ की एजेंसियों में समन्वय बन सके और शराब तस्करी पर नकेल कसी जा सके।
2016 में लागू हुई थी शराबबंदी
बिहार में अप्रैल 2016 में नीतीश कुमार सरकार ने पूर्ण शराबबंदी की घोषणा की थी। इसके तहत राज्य में शराब के निर्माण, बिक्री और सेवन पर पूरी तरह प्रतिबंध है। हालांकि, अब भी कई जिलों में शराब की भारी मात्रा में बरामदगी यह दिखाती है कि जमीनी स्तर पर इसका पालन एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
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