Delhi’s air turns poisonous , दिल्ली-एनसीआर की हवा एक बार फिर से जहरीली हो चुकी है। प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा पार कर चुका है, और अब इसकी गूंज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court )तक पहुंच गई है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के बढ़ते प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि “स्थिति बहुत-बहुत गंभीर है”, और यह लोगों के शरीर को स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है।
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सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी,Delhi’s air turns poisonous
जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस अतुल एस. चंद्रचूड़ की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि वकीलों को अदालत आने की ज़रूरत नहीं है, वे वर्चुअल सुनवाई की सुविधा का उपयोग करें।
इस दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा – “हम मास्क पहनकर आए हैं।”
इस पर जस्टिस नरसिम्हा ने जवाब दिया – “सिर्फ मास्क काफी नहीं… यह प्रदूषण शरीर को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है। हम इस पर मुख्य न्यायाधीश से भी चर्चा करेंगे।”

दिल्ली की हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में
कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के अनुसार मंगलवार सुबह 9 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 425 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
इसके बाद NCR में तुरंत GRAP (Graded Response Action Plan) Stage-III लागू कर 9-बिंदु ऐक्शन प्लान शुरू किया गया।
CAQM की 9-बिंदु योजना
- निर्माण कार्यों पर सख्त रोक
- सरकारी और निजी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम की सलाह
- ट्रकों की एंट्री पर रोक
- सड़कों पर पानी का छिड़काव और सफाई बढ़ाना
- डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर रोक
- स्कूलों में आउटडोर गतिविधियों पर प्रतिबंध
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवाओं में वृद्धि
- पेट्रोल-डीजल वाहनों की निगरानी
- औद्योगिक इकाइयों की सघन जांच
पराली पर supreme-court की फटकार,Delhi’s air turns poisonous
एक दिन पहले चीफ जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने पंजाब और हरियाणा सरकारों से पूछा था कि उन्होंने पराली जलाने पर क्या कार्रवाई की है। कोर्ट ने कहा कि राज्यों को बताना होगा कि उन्होंने प्रदूषण फैलाने वालों पर क्या ठोस कदम उठाए हैं, क्योंकि दिल्ली की जहरीली हवा में इन राज्यों की भूमिका भी अहम है।
सुप्रीम कोर्ट का संदेश – “तकनीक से बचाइए सेहत”
अदालत ने कहा कि जब वर्चुअल सुनवाई जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, तो लोगों को बाहर निकलने से बचना चाहिए। कोर्ट ने साफ किया कि सिर्फ मास्क पहनना पर्याप्त नहीं है, क्योंकि दिल्ली की हवा में घुला जहर अब स्वास्थ्य के लिए स्थायी खतरा बन चुका है।
अब देखना यह होगा कि सुप्रीम कोर्ट की इस सख्त चेतावनी के बाद सरकारी तंत्र कितनी तेजी से हरकत में आता है, ताकि दिल्ली की हवा फिर से सांस लेने लायक बन सके।
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