दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और हरियाणा का खास कनेक्शन, जानें पूरी कहानी

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By Ankit Kumar

दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा बदलाव आया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने रेखा गुप्ता को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है। शालीमार बाग विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता को दिल्ली बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया, जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके चयन के साथ ही दिल्ली की राजनीति में नए युग की शुरुआत हो गई है।

रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर

रेखा गुप्ता का नाम राजनीति में नया नहीं है। वह लंबे समय से बीजेपी से जुड़ी रही हैं और पार्टी में विभिन्न पदों पर काम कर चुकी हैं। बीजेपी की विचारधारा और संगठन के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें इस ऊंचाई तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शालीमार बाग सीट से विधायक बनने के बाद, उन्होंने अपनी संगठनात्मक क्षमताओं और जनता से जुड़ने की कला से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का विश्वास जीत लिया।

 

हरियाणा से दिल्ली तक का सफर

दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का पुश्तैनी गांव हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ में स्थित है। उनके परिवार का गहरा संबंध हरियाणा से रहा है, और उनके मुख्यमंत्री बनने की खबर ने न केवल दिल्ली बल्कि हरियाणा में भी खुशी की लहर दौड़ा दी है। उनके पिता जयभगवान बैंक मैनेजर थे, और उनकी नौकरी के चलते परिवार दिल्ली आकर बस गया था। यहीं पर रेखा गुप्ता की शिक्षा-दीक्षा हुई और बाद में उन्होंने राजनीति में कदम रखा।

राजनीतिक चुनौतियां और विजय

रेखा गुप्ता ने अपने पहले ही विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रत्याशी वंदना कुमारी को हराकर जीत दर्ज की। यह कोई आसान मुकाबला नहीं था, क्योंकि वंदना कुमारी दो बार से इस सीट पर जीत रही थीं। लेकिन रेखा गुप्ता ने अपनी मेहनत, जमीनी पकड़ और बीजेपी के चुनावी रणनीति के बल पर इस चुनावी जंग को जीत लिया।

बीजेपी ने क्यों चुना रेखा गुप्ता को?

बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने रेखा गुप्ता को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनाने के कई कारण बताए:

1. महिला नेतृत्व को प्राथमिकता: बीजेपी ने दिल्ली में महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए रेखा गुप्ता को चुना। इससे पार्टी को महिला वोटरों का समर्थन बढ़ाने में मदद मिलेगी।

2. मजबूत संगठनात्मक क्षमता: रेखा गुप्ता पार्टी में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुकी हैं, और संगठन में उनकी पकड़ काफी मजबूत है।

3. संघ से जुड़ाव: उनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से गहरा संबंध रहा है, जिसने उनके चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

4. युवा और ऊर्जावान चेहरा: बीजेपी ने दिल्ली में एक नया नेतृत्व देने के उद्देश्य से युवा और ऊर्जावान नेता को आगे बढ़ाने का फैसला किया।

हरियाणा में क्यों मना जश्न?

रेखा गुप्ता के दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने के बाद हरियाणा, विशेष रूप से जींद जिले में जश्न का माहौल है। अखिल भारतीय अग्रवाल समाज हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजकुमार गोयल ने इसे पूरे अग्रवाल समाज और जींद जिले के लिए गर्व का क्षण बताया। अग्रवाल समाज के अन्य पदाधिकारियों ने भी इस उपलब्धि पर अपनी खुशी जताई और कहा कि रेखा गुप्ता ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत और समर्पण से कोई भी ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।

 

दिल्ली की जनता के लिए उम्मीदें

रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने के बाद दिल्ली के लोगों को कई उम्मीदें हैं। उनके सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • प्रदूषण नियंत्रण: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए प्रभावी नीति लागू करना।
  • यातायात समस्या का समाधान: दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाना।
  • महिला सुरक्षा: महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देना और मजबूत कानून व्यवस्था लागू करना।
  • स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति को सुधारना।
  • शिक्षा क्षेत्र में सुधार: सरकारी स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में बेहतर सुविधाएं प्रदान करना।

बीजेपी की भविष्य की रणनीति

बीजेपी ने दिल्ली में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने संभावित मंत्रियों और विधायकों को 90 दिन का एक रोडमैप तैयार करने के लिए कहा था। इस रोडमैप के तहत, सरकार को पहले 15, 30, 60 और 90 दिनों में क्या-क्या करना होगा, इसकी रूपरेखा तैयार करनी थी। इससे साफ है कि बीजेपी दिल्ली में अपने प्रशासन को प्रभावी और जनता के अनुकूल बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

निष्कर्ष

रेखा गुप्ता का दिल्ली की मुख्यमंत्री बनना न केवल बीजेपी बल्कि दिल्ली और हरियाणा के लोगों के लिए भी ऐतिहासिक क्षण है। उनकी नेतृत्व क्षमता, संगठनात्मक कौशल और जनता से जुड़ने की योग्यता ने उन्हें इस पद तक पहुंचाया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह दिल्ली को कैसे नई ऊंचाइयों तक ले जाती हैं और जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरती हैं। उनकी सरकार के फैसले आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीति की दिशा तय करेंगे।

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