CAG रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला: 15 साल पुराने वाहनों पर पूरी तरह से बैन

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By Ankit Kumar

🕒 Published 4 months ago (6:52 AM)

दिल्ली की हवा को साफ करना मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के लिए प्रमुख प्राथमिकता है। मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में जब उन्होंने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पेश की, तो इसका उद्देश्य स्पष्ट था—वाहनों के प्रदूषण पर अधिक समझ हासिल करना और उसे नियंत्रित करने के उपायों को लागू करना। CAG की रिपोर्ट दिल्ली के बढ़ते वायु प्रदूषण और इससे संबंधित प्रदूषण के स्रोतों पर एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान करेगी, विशेष रूप से वाहनों के योगदान पर।

इस रिपोर्ट का महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि दिल्ली में वाहनों से होने वाले प्रदूषण का स्तर बेहद चिंताजनक है। राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना और नागरिकों की सेहत को सुरक्षित रखना है। इस संदर्भ में, दिल्ली सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 15 साल से पुरानी पेट्रोल और डीजल गाड़ियों पर ईंधन आपूर्ति रोकने का फैसला लिया है। यह निर्णय इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है कि पुरानी गाड़ियां प्रदूषण का बड़ा कारण बन रही हैं और इनके उत्सर्जन मानकों को पूरा नहीं किया जा रहा है।

CAG की रिपोर्ट से प्रदूषण को रोकने का मार्ग

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधानसभा में कहा कि CAG की रिपोर्ट से हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि वाहनों का प्रदूषण पर क्या असर पड़ रहा है और इसे नियंत्रित करने के लिए हमें क्या कदम उठाने चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में एक करोड़ से अधिक गाड़ियां हैं, और हर रोज़ 500 से ज्यादा चार पहिया वाहन पंजीकरण के लिए आते हैं। इनमें से बहुत सी पुरानी गाड़ियां हैं, जो न केवल प्रदूषण को बढ़ाती हैं, बल्कि शहर के पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाती हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में प्रदूषण के सबसे बड़े कारण वाहनों का उत्सर्जन है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, शहर के वायु प्रदूषण में वाहनों का योगदान सबसे बड़ा है। ये आंकड़े साफ बताते हैं कि यदि पुरानी गाड़ियों पर कड़ी रोक लगाई जाए, तो प्रदूषण में कमी आ सकती है और पर्यावरण को कुछ राहत मिल सकती है।

पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने का सुझाव

दिल्ली सरकार ने पुराने वाहन मालिकों से अपील की है कि वे अपनी गाड़ियों को स्क्रैप करें और प्रदूषण कम करने में सहयोग दें। सरकार का मानना है कि पुरानी गाड़ियों के स्क्रैप होने से, प्रदूषण की समस्या में काफी हद तक कमी आएगी। इसके अलावा, इन गाड़ियों के मालिकों को ईंधन आपूर्ति नहीं मिलने से उनका वाहन चलाने का खर्च बढ़ जाएगा, जो उन्हें गाड़ियों को त्यागने के लिए प्रेरित करेगा।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि हम जानते हैं कि दिल्लीवासियों के लिए यह एक कठिन निर्णय हो सकता है, लेकिन यह कदम हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बेहद आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि हम अब यह कदम नहीं उठाते हैं, तो भविष्य में प्रदूषण के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं और भी गंभीर हो सकती हैं।

वैकल्पिक परिवहन को बढ़ावा देना

दिल्ली सरकार का उद्देश्य सिर्फ प्रदूषण पर नियंत्रण पाना नहीं है, बल्कि यह भी है कि लोग प्रदूषण रहित परिवहन का उपयोग करें। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह सुझाव दिया कि दिल्लीवासी अब वैकल्पिक परिवहन साधनों का अधिक उपयोग करें, जैसे कि मेट्रो, इलेक्ट्रिक वाहन, और सार्वजनिक परिवहन। दिल्ली सरकार ने पहले ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक नीति बनाई है, जिसमें इन वाहनों को प्रोत्साहित किया गया है।

इसके अलावा, सरकार दिल्ली में वॉकिंग और साइक्लिंग को बढ़ावा देने के लिए भी कई योजनाएं चला रही है। इन परिवहन साधनों का उपयोग न केवल प्रदूषण को कम करता है, बल्कि यह स्वस्थ जीवनशैली को भी बढ़ावा देता है।

सख्त निगरानी और पालन की आवश्यकता

जहां सरकार ने 15 साल पुरानी गाड़ियों पर रोक लगाने का निर्णय लिया है, वहीं इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सख्त निगरानी की आवश्यकता होगी। सरकारी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि यह नीति सही तरीके से लागू हो और इसका उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

यह कदम सही दिशा में है, लेकिन इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नागरिकों, पेट्रोल पंप मालिकों और अधिकारियों के बीच सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होगी। यदि यह कदम पूरी तरह से लागू हो जाता है, तो दिल्ली में प्रदूषण का स्तर निश्चित रूप से कम हो सकता है, और राजधानी को एक स्वस्थ और साफ-सुथरी हवा मिल सकती है।

निष्कर्ष

दिल्ली के प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों से यह साफ जाहिर है कि यह मामला केवल पर्यावरण से जुड़ा नहीं, बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य से भी संबंधित है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का यह बयान कि दिल्ली की हवा को साफ करना हमारी प्राथमिकता है, यह दिखाता है कि सरकार प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए गंभीर है।

CAG की रिपोर्ट और 15 साल पुरानी गाड़ियों पर रोक लगाने का निर्णय यह सुनिश्चित करेगा कि दिल्लीवासी शुद्ध हवा में सांस ले सकें। अब यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम इन कदमों को पूरी तरह से समर्थन करें और प्रदूषण को नियंत्रित करने में अपनी भूमिका निभाएं।

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