🕒 Published 4 days ago (7:57 AM)
डार्क चॉकलेट का नाम सुनते ही ज्यादातर लोगों के चेहरे पर खुशी आ जाती है। इसका स्वाद, सेहतमंद इमेज और स्मूद टेक्सचर इसे हेल्दी स्नैक की तरह पेश करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि यही चॉकलेट आपकी नींद की सबसे बड़ी दुश्मन भी बन सकती है?
नींद को क्यों कर सकती है प्रभावित?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, डार्क चॉकलेट में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो नींद लाने वाले हार्मोन मेलाटोनिन की प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं। सफदरजंग अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. दीपक सुमन बताते हैं कि डार्क चॉकलेट में कैफीन और थियोब्रोमिन नामक कंपाउंड होते हैं जो दिमाग को एक्टिव बनाए रखते हैं और शरीर को आराम करने की बजाय अलर्ट मोड में डाल देते हैं।
मेलाटोनिन और कैफीन का टकराव
मेलाटोनिन एक ऐसा हार्मोन है जो हमारे शरीर को सोने का संकेत देता है। लेकिन जब डार्क चॉकलेट के जरिए कैफीन शरीर में प्रवेश करता है, तो यह मेलाटोनिन की प्रक्रिया को बाधित कर देता है। इस कारण व्यक्ति को नींद आने में देरी होती है या बार-बार नींद टूट जाती है।
थियोब्रोमिन: एक धीमा लेकिन लंबा असर
डॉ. सुमन यह भी बताते हैं कि थियोब्रोमिन नामक पदार्थ दिल की धड़कन को तेज कर सकता है और आपको देर तक सतर्क बनाए रखता है। इसका असर कैफीन से थोड़ा धीमा लेकिन अधिक समय तक रहता है। यही वजह है कि रात को डार्क चॉकलेट खाने के बाद कुछ लोग देर रात तक करवटें बदलते रहते हैं।
समय और मात्रा का रखें ध्यान
अगर आप डार्क चॉकलेट का स्वाद लेना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि इसे सुबह या दोपहर में खाएं। रात में खाने से यह आपकी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। खासकर जिन लोगों को अनिद्रा या स्लीप डिसऑर्डर की समस्या है, उनके लिए रात को डार्क चॉकलेट खाना बिल्कुल भी उपयुक्त नहीं है।
सभी पर असर एक जैसा नहीं
हालांकि हर व्यक्ति की शरीर संरचना अलग होती है। कुछ लोगों को डार्क चॉकलेट से कोई असर नहीं होता, जबकि कुछ को थोड़ी सी मात्रा भी रातभर जगा सकती है। इसलिए अपने शरीर की प्रतिक्रिया को समझें। अगर आप महसूस करें कि चॉकलेट खाने के बाद नींद में रुकावट आ रही है, तो इसे टालना ही बेहतर होगा।डार्क चॉकलेट स्वाद में तो लाजवाब है, लेकिन इसकी हर ‘बाइट’ में एक चेतावनी भी छिपी है। दिन में खाएं, सीमित मात्रा में खाएं, और रात को खाने से परहेज करें—यही बेहतर नींद और मीठे सपनों की गारंटी हो सकती है।