जयशंकर ने बांगलादेश, श्रीलंका और अन्य देशों के विदेश मंत्रियों से की मुलाकात: दक्षिण एशिया में सहयोग पर जोर

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By Pragati Tomer

🕒 Published 6 months ago (7:30 AM)

दक्षिण एशिया में सहयोग पर जोर: जयशंकर ने बांगलादेश, श्रीलंका और अन्य देशों के विदेश मंत्रियों से की मुलाकात

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में ओमान में आयोजित 8वें भारतीय महासागर सम्मेलन के दौरान बांगलादेश, श्रीलंका और अन्य दक्षिण एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दक्षिण एशिया में सहयोग पर जोर देना और क्षेत्रीय संबंधों में सुधार करना था। यह बैठक खासतौर पर भारत और बांगलादेश के बीच कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई थी, जिसमें अल्पसंख्यकों पर हमले और बांगलादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का भारत में रहना शामिल था।

दक्षिण एशिया में सहयोग पर जोर देने की आवश्यकता

एस. जयशंकर ने दक्षिण एशिया में सहयोग पर जोर दिया और बताया कि पश्चिम एशिया और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में हो रहे बदलावों के कारण इस क्षेत्र में “चरण” देखने को मिल सकता है। उन्होंने इस बात की चेतावनी दी कि यदि उचित कदम नहीं उठाए गए तो दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता की स्थिति पर संकट आ सकता है।

बांगलादेश के विदेश मंत्री से मुलाकात

भारत और बांगलादेश के बीच रिश्तों को मजबूत करने के लिए जयशंकर ने बांगलादेश के विदेश मंत्री सलाहकार, मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच लगातार हो रहे द्विपक्षीय आदान-प्रदानों और आगामी सीमा रक्षकों की बैठक पर चर्चा की। उन्होंने यह स्वीकार किया कि दोनों देशों को कई सामरिक और राजनीतिक मुद्दों पर एकजुट होकर काम करना होगा, ताकि इन समस्याओं का समाधान निकाला जा सके।

दक्षिण एशिया में सहयोग पर जोर

दक्षिण एशिया में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने के कारण

जयशंकर ने सम्मेलन के दौरान यह भी कहा कि दक्षिण एशिया में सहयोग पर जोर देना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि क्षेत्र में कई चुनौतियां मौजूद हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के लिए दक्षिण एशिया में स्थिरता और शांति अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, और इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी देशों को एक साथ काम करना होगा।

भारत-बांगलादेश संबंधों की दिशा में प्रगति

एस. जयशंकर ने बांगलादेश के साथ भारत के रिश्तों को मजबूत करने पर भी जोर दिया। दोनों देशों के बीच BIMSTEC (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation) के तहत तकनीकी और आर्थिक सहयोग बढ़ाने की दिशा में कई सकारात्मक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, और वे मिलकर दोनों देशों के हितों को आगे बढ़ाएंगे।

दक्षिण एशिया में सुरक्षा और विकास की ओर कदम

जयशंकर ने यह भी कहा कि दक्षिण एशिया में सुरक्षा और विकास के लिए एक समन्वित प्रयास की आवश्यकता है। इसके लिए सभी देशों को एकजुट होकर विभिन्न संकटों का समाधान ढूंढ़ने की आवश्यकता है। उनके अनुसार, इंडियन ओशन क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने और हर देश की सुरक्षा और विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक मजबूत और समन्वित दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

दक्षिण एशिया में सहयोग पर जोर देने के महत्व की समझ

जयशंकर के अनुसार, क्षेत्रीय सहयोग से न केवल द्विपक्षीय मुद्दों का समाधान निकाला जा सकता है, बल्कि यह पूरे दक्षिण एशिया के लिए भी एक स्थिर और शांतिपूर्ण वातावरण बनाने में मदद कर सकता है। उनका मानना ​​है कि अगर हम सब मिलकर काम करें तो दक्षिण एशिया में सामूहिक रूप से विकास और समृद्धि लाई जा सकती है।

दक्षिण एशिया में सहयोग पर दी जा रही प्राथमिकता

एस. जयशंकर ने यह स्पष्ट किया कि दक्षिण एशिया में सहयोग पर जोर देना भारत के विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी साझा सुरक्षा और विकास की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए सभी दक्षिण एशियाई देशों के साथ करीबी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

क्षेत्रीय कूटनीति की मजबूती

जयशंकर ने यह भी उल्लेख किया कि दक्षिण एशिया में शांति और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय कूटनीति की मजबूती जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत, बांगलादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और अन्य देशों को मिलकर क्षेत्रीय मुद्दों का समाधान निकालने के लिए काम करना चाहिए, जिससे इन देशों की स्थिति और भी मजबूत हो सके।

अगला कदम: द्विपक्षीय बैठकें और सीमा मुद्दों पर चर्चा

भारत और बांगलादेश के बीच कई सीमा मुद्दे हैं, जिनका समाधान निकाले जाने की जरूरत है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने इस बात पर सहमति जताई कि इन मुद्दों को समाधान के लिए द्विपक्षीय बैठकें आयोजित की जाएंगी। जयशंकर ने बताया कि जल्द ही सीमा रक्षकों की एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिससे इन समस्याओं का समाधान खोजने में मदद मिलेगी।

नवीनतम घटनाक्रम और भविष्य की दिशा

भारत और बांगलादेश के बीच रिश्ते मजबूत होते जा रहे हैं और इन द्विपक्षीय संबंधों में निरंतर प्रगति हो रही है। एस. जयशंकर ने कहा कि आगामी दिनों में दोनों देशों के रिश्ते और भी मजबूत होंगे। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय और बांगलादेशी दोनों देशों के नागरिकों के बीच सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंध महत्वपूर्ण हैं।

निष्कर्ष

एस. जयशंकर की मुलाकात और उनके द्वारा दक्षिण एशिया में सहयोग पर जोर देने से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय विदेश नीति दक्षिण एशिया में स्थिरता और शांति को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। भारत ने दक्षिण एशिया में सुरक्षा और विकास के लिए सहयोग बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, जिससे पूरे क्षेत्र को लाभ होगा। यही कारण है कि दक्षिण एशिया में सहयोग पर जोर और बढ़ता हुआ है, ताकि सभी देशों को विकास और समृद्धि की दिशा में काम करने का मौका मिले।

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