Curd In Monsoon: मानसून में दही खाना हो सकता है नुकसानदायक, आयुर्वेद में बताया गया है परहेज का कारण

Photo of author

By Hindustan Uday

🕒 Published 3 weeks ago (8:06 AM)

नई दिल्ली: दही भारतीय भोजन का अहम हिस्सा है और इसका सेवन वर्षों से स्वास्थ्यवर्धक माना जाता रहा है। यह प्रोबायोटिक्स, प्रोटीन और हेल्दी फैट्स का बेहतरीन स्रोत है। लेकिन आयुर्वेद की दृष्टि से देखा जाए, तो हर मौसम में दही खाना फायदेमंद नहीं होता। खासकर बरसात के मौसम में इसके सेवन को लेकर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

मानसून में क्यों टालना चाहिए दही का सेवन?
आयुर्वेद के अनुसार, वर्षा ऋतु में वात, पित्त और कफ दोष असंतुलित हो जाते हैं। ऐसे में दही जैसे ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन इन दोषों को और बिगाड़ सकता है। इसका प्रभाव पाचन से लेकर इम्यून सिस्टम तक पड़ता है।

दही खाने से हो सकती हैं ये परेशानियां
पाचन में गड़बड़ी:
दही की प्रकृति ठंडी होती है। इससे अपच, गैस और पेट फूलने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं, खासकर यदि इसे बिना मसालों के खाया जाए। इस कारण आयुर्वेद में दही के साथ काली मिर्च, भुना हुआ जीरा या शहद मिलाने की सलाह दी जाती है।

प्रतिरोधक क्षमता कमजोर:
मानसून के समय शरीर का इम्यून सिस्टम पहले से ही कमजोर रहता है। दही जैसे ठंडे डेयरी उत्पाद बलगम बढ़ाकर शरीर को एलर्जी और संक्रमण की चपेट में ला सकते हैं। इसका असर खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा देखा जाता है।

सांस की दिक्कतें:
बरसात में नमी और ह्यूमिडिटी के चलते पहले से ही सर्दी-जुकाम का खतरा बना रहता है। ऐसे में नियमित रूप से दही खाने से छाती में बलगम जम सकता है और सर्दी-खांसी जैसी समस्याएं उभर सकती हैं।

मानसून में दही खाएं तो कैसे?
अगर दही खाना ज़रूरी हो, तो उसमें स्वादानुसार भुना जीरा, काली मिर्च, काला नमक या शहद मिलाकर सेवन करना चाहिए। इससे न केवल पाचन सुधरता है, बल्कि दही का ठंडा असर भी संतुलित होता है।

ध्यान रखें
दही स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, लेकिन मौसम के अनुसार इसका सेवन ही सही तरीका है। खासकर मानसून में, शरीर की इम्युनिटी का ख्याल रखते हुए संयमित मात्रा में और सही मसालों के साथ ही इसका सेवन करना बेहतर होता है।

डिस्क्लेमर:
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह के खानपान में बदलाव करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लें। यह रिपोर्ट किसी दावे की पुष्टि नहीं करती।

Leave a Comment