🕒 Published 4 months ago (5:30 AM)
गर्मियों के मौसम में जब तापमान तेज़ी से बढ़ता है, तब न केवल त्वचा और शरीर पर उसका असर होता है, बल्कि पेट और पाचन तंत्र भी इसकी चपेट में आ जाता है। इन दिनों लोगों को अपच, गैस, एसिडिटी और पेट दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ऐसे में अगर आप अपने गट यानी पेट की सेहत को बेहतर बनाए रखना चाहते हैं, तो घरेलू नुस्खों को अपनाना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
एक ऐसा ही घरेलू नुस्खा है – दही में भुने हुए जीरे का सेवन करना। यह नुस्खा न सिर्फ पुराने समय से चला आ रहा है, बल्कि आज के समय में भी इसकी उपयोगिता उतनी ही प्रभावशाली है। यह दादी-नानी के समय का आजमाया हुआ तरीका है, जो पाचन क्रिया को मजबूत करता है और पेट की कई समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है।
गर्मियों में क्यों बिगड़ती है गट हेल्थ?
गर्मी के दौरान शरीर में पानी की मात्रा तेजी से कम होती है, जिससे पाचन क्रिया सुस्त हो सकती है। साथ ही, पसीना अधिक निकलने और बैक्टीरियल संक्रमण की संभावना अधिक होने की वजह से पेट से जुड़ी समस्याएं ज्यादा हो जाती हैं। इस मौसम में बाहर का खाना खाने से या तले-भुने और मसालेदार भोजन से पेट में जलन, एसिडिटी और डायरिया जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में शरीर को ठंडक पहुंचाने और पाचन को सुधारने के लिए संतुलित और पोषक भोजन की आवश्यकता होती है।

दही और भुना जीरा: एक बेहतरीन संयोजन
दही अपने आप में एक प्रीबायोटिक फूड है, जिसमें जीवित बैक्टीरिया (प्रोबायोटिक्स) मौजूद होते हैं। ये बैक्टीरिया हमारे पाचन तंत्र में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाकर इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं। दही शरीर को ठंडक भी पहुंचाता है, जिससे गर्मियों में यह विशेष रूप से फायदेमंद होता है।
वहीं, जीरा आयुर्वेद में एक प्रमुख मसाले के रूप में जाना जाता है। इसका पाचन तंत्र पर सीधा असर पड़ता है। जब इसे भूनकर दही के साथ मिलाया जाता है, तो यह एक शक्तिशाली मिश्रण बन जाता है जो न केवल अपच और गैस से राहत देता है, बल्कि भोजन को जल्दी और सही ढंग से पचाने में भी सहायता करता है।
दही-जीरा मिक्सचर बनाने की विधि
- सबसे पहले एक कटोरी ताजा दही लें।
- अब तवे पर थोड़ी मात्रा में जीरा डालें और हल्की आंच पर उसे अच्छे से भूनें।
- जब जीरे से खुशबू आने लगे और वह सुनहरा हो जाए, तब गैस बंद करें।
- भुने हुए जीरे को मिक्सर में डालकर पाउडर बना लें।
- इस पिसे हुए जीरे को दही में मिलाकर अच्छे से फेंट लें।
- आप चाहें तो इसमें थोड़ा सा काला नमक भी मिला सकते हैं स्वाद के लिए।
यह तैयार मिश्रण दिन में एक बार खाना खाने के बाद लिया जा सकता है।
दही और जीरे के फायदे
1. सीने की जलन से राहत
गर्मी में तीखा और भारी खाना खाने के बाद अक्सर सीने में जलन की समस्या हो जाती है। दही और जीरा दोनों ही शरीर को ठंडक प्रदान करते हैं और एसिडिटी को कम करने में मदद करते हैं।
2. अपच और गैस में लाभकारी
भोजन के ठीक से न पचने पर पेट में भारीपन और गैस बनना आम है। यह मिश्रण गैस की समस्या को कम करता है और अपच से राहत देता है।
3. आंखों की सेहत में सुधार
हालांकि कम ही लोग जानते हैं, लेकिन इस मिश्रण में मौजूद पोषक तत्व आंखों की रोशनी के लिए भी फायदेमंद माने जाते हैं।
4. भोजन के जल्दी पचने में मददगार
यह मिश्रण पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करता है, जिससे भोजन जल्दी और बेहतर तरीके से पचता है। इससे न केवल पेट हल्का महसूस होता है बल्कि शरीर की ऊर्जा भी बनी रहती है।
क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
- यह ध्यान देना ज़रूरी है कि ताजे और अच्छे क्वालिटी के दही का ही उपयोग करें।
- जीरा बहुत ज्यादा न भूनें, अन्यथा इसका स्वाद कड़वा हो सकता है।
- इस नुस्खे को एक संतुलित डाइट के साथ अपनाएं।
- बाहर का तला-भुना और अनहेल्दी खाना कम करें।
लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव
सिर्फ एक घरेलू नुस्खा अपनाने से ही नहीं, बल्कि कुछ जीवनशैली संबंधी बदलाव भी जरूरी हैं जो गर्मियों में आपकी गट हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं:
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं: शरीर को हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी है।
- हल्का और ताजा खाना खाएं: मौसमी सब्जियां, फल और लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स को प्राथमिकता दें।
- फिजिकल एक्टिविटी: रोजाना थोड़ी सी एक्सरसाइज या योग पाचन को सक्रिय रखने में सहायक होती है।
- स्ट्रेस से बचें: तनाव पाचन तंत्र पर सीधा असर डालता है। मेडिटेशन और पर्याप्त नींद लें।
निष्कर्ष
गर्मियों में गट हेल्थ का ख्याल रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि एक बार अगर पाचन तंत्र गड़बड़ा गया, तो उसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है। दही और भुना हुआ जीरा एक ऐसा आसान और असरदार नुस्खा है, जिसे अपनाकर आप कई पेट की परेशानियों से राहत पा सकते हैं।
हालांकि, कोई भी घरेलू उपाय शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें, खासकर यदि आप पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त हैं या दवाइयां ले रहे हैं। यह नुस्खा एक सहायक विकल्प हो सकता है, लेकिन संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए संतुलित डाइट और स्वस्थ जीवनशैली जरूरी है।
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