पाक के लिए जासूसी करता पकड़ा गया CRPF जवान: अमित शाह की मूवमेंट तक की दी जानकारी, हनीट्रैप में फंसकर दो साल से भेज रहा था खुफिया डाटा

By Hindustan Uday

🕒 Published 2 months ago (7:09 PM)

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए सीआरपीएफ के जवान मोती राम जाट से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एनआईए ने उसे हिरासत में लेकर गहन पूछताछ शुरू कर दी है। जांच में सामने आया है कि पैसों के लालच में आकर मोती राम ने पिछले दो वर्षों में भारत की कई संवेदनशील जानकारियाँ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों तक पहुंचाईं।

पहलगाम हमले से पहले हुआ था ट्रांसफर

मोती राम जाट जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में सीआरपीएफ बटालियन में तैनात था। 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले से ठीक पांच दिन पहले ही उसका तबादला दिल्ली कर दिया गया था। जांच एजेंसियों को शक है कि इस हमले और उसकी जानकारियों के लीक होने के बीच गहरा संबंध हो सकता है।

महिला पत्रकार बनकर की गई जासूसी

जांच में सामने आया है कि एक महिला, जिसने खुद को चंडीगढ़ की टीवी पत्रकार बताया, मोती राम के संपर्क में आई। उसने पहले सामान्य जानकारी मांगी, फिर कॉल, मैसेज और वीडियो कॉल्स के जरिए नजदीकियां बढ़ाईं। धीरे-धीरे उसने मोती राम को एक अन्य व्यक्ति से मिलवाया, जिसे उसी चैनल का पत्रकार बताया गया, जबकि वह असल में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी का अधिकारी था।

अमित शाह की मूवमेंट की भी दी जानकारी

पूछताछ में मोती राम ने कबूल किया कि पहलगाम हमले के कुछ ही घंटों बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे की जानकारी भी उसी ने पाकिस्तानी एजेंटों को दी थी। इसके अलावा उसने भारत के 50 पर्यटन स्थलों के बंद होने, सीआरपीएफ जवानों की आवाजाही, संख्या, और आतंकियों की संदिग्ध लोकेशंस जैसी बेहद संवेदनशील जानकारियाँ भी साझा की थीं।

मोबाइल में मिले सारे सबूत

मोती राम के फोन की जांच में खुलासा हुआ कि उसने कोई भी मैसेज डिलीट नहीं किया था। फोन में कई ऐसे वीडियो और मैसेज मिले, जिनमें सुरक्षा एजेंसियों की मूवमेंट्स की जानकारी साझा की गई थी। पाकिस्तानी अधिकारी ने मोती राम से यह भी कहा था कि ऐसी खबरें मत भेजो जो पहले से सार्वजनिक हों।

पैसों के लिए बेचा देश

पूछताछ में मोती राम ने कबूल किया कि उसे पाकिस्तानी एजेंट हर महीने ₹3,500 और अहम जानकारी मिलने पर ₹12,000 तक अतिरिक्त भुगतान करते थे। इस मामूली रकम के लिए उसने देश की सुरक्षा से समझौता किया।

एनआईए अब इस पूरे नेटवर्क की तह तक जाने के लिए छानबीन कर रही है और अन्य संदिग्धों की पहचान की जा रही है। जवान की गिरफ्तारी से भारत की सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ा झटका लगा है।

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