नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस एक बार फिर रफ्तार पकड़ता नजर आ रहा है। दक्षिण और पश्चिम भारत से शुरू हुआ यह संक्रमण अब उत्तर भारत तक फैल चुका है। ICMR के मुताबिक, अब तक देशभर में कोरोना के 1000 से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इस नए उभार के पीछे LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 जैसे वैरिएंट जिम्मेदार बताए जा रहे हैं।
महाराष्ट्र में कोरोना के मामले सबसे ज्यादा रिपोर्ट हो रहे हैं। राज्य में अब तक 8,282 सैंपलों की जांच की गई, जिनमें से 435 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। फिलहाल 325 मरीज सक्रिय हैं जबकि 106 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। बीते 27 मई को राज्य में 66 नए मामले सामने आए, जिनका जिलेवार आंकड़ा इस प्रकार है:
मुंबई: 31
पुणे: 18
ठाणे: 7
नवी मुंबई: 4
पनवेल: 3
नागपुर: 2
सांगली: 1
मुंबई में जनवरी से अब तक कुल 316 कोरोना मामले सामने आए हैं, जिनमें से मई महीने में ही 310 केस दर्ज किए गए। जनवरी और फरवरी में 1-1, मार्च में कोई मामला नहीं, अप्रैल में 4 और मई में 310 केस रिपोर्ट हुए।
राज्य में अब तक कोरोना से 4 मरीजों की मौत हुई है। सभी मृतकों को पहले से अन्य गंभीर बीमारियां थीं, जैसे नेफ्रोटिक सिंड्रोम, कैंसर, ब्रेन स्ट्रोक और डायबिटिक कीटोएसिडोसिस।
केरल में अब तक 430 केस सामने आए हैं और 2 मौतें हुई हैं। वहीं कर्नाटक में 100 लोग संक्रमित हुए हैं और एक व्यक्ति की मौत दर्ज की गई है। दोनों ही राज्यों में संक्रमण के अधिकांश मामलों में हल्के लक्षण देखे जा रहे हैं।
उत्तर भारत भी कोरोना की चपेट में आ रहा है। नोएडा में 9 नए केस सामने आए हैं जिससे जिले में कुल मामलों की संख्या 10 हो गई है।
बिहार में पटना के एम्स अस्पताल के एक डॉक्टर समेत दो लोग संक्रमित पाए गए हैं। खास बात यह है कि इनमें से किसी ने राज्य से बाहर यात्रा नहीं की थी, जिससे सामुदायिक संक्रमण की आशंका जताई जा रही है।
राजस्थान के जयपुर में भी एक कोविड संक्रमित व्यक्ति की मौत हुई है। SMS अस्पताल में भर्ती अज्ञात मरीज की रिपोर्ट मौत के बाद पॉजिटिव आई।
मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में बीते तीन दिनों में 4 नए मामले सामने आए हैं। राज्य में जनवरी से अब तक कुल 11 केस दर्ज किए गए हैं और एक मौत हो चुकी है। संक्रमितों में एक 72 वर्षीय महिला भी शामिल हैं जो हाल ही में गोवा से लौटी थीं।
ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल के मुताबिक, देश में कोविड के जिन वैरिएंट्स की पहचान हुई है, वे नए स्ट्रेन LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 से जुड़े हैं। इन वैरिएंट्स में तेजी से फैलने की क्षमता है, हालांकि इनके लक्षण अब तक सामान्य ही रहे हैं।
सावधानी ही बचाव: स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को भीड़भाड़ से बचने, मास्क पहनने और हाथों की स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी है। अस्पतालों में ILI और SARI लक्षणों वाले मरीजों की विशेष जांच की जा रही है।
कोरोना के नए मामलों में भले ही गंभीर लक्षणों की पुष्टि नहीं हो रही, लेकिन संक्रमण की बढ़ती गति एक बार फिर सतर्कता की मांग कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य नियमों का पालन और सतर्कता ही हमें इस उभरते खतरे से सुरक्षित रख सकती है।
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