औरंगजेब और टीपू सुल्तान की तस्वीर शेयर कर विवादों में घिरे कांग्रेस नेता, भड़काऊ कैप्शन के चलते केस दर्ज

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By Ankit Kumar

🕒 Published 4 months ago (6:35 AM)

कर्नाटक के बेलगावी में हाल ही में एक विवाद सामने आया, जिसमें कांग्रेस के एक स्थानीय नेता मुजामिल अत्तर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। यह मामला तब उठा जब उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर मुगल शासक औरंगजेब और मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की तस्वीरों को साझा किया। इस पोस्ट में एक भड़काऊ संदेश लिखा गया था – ‘बाप हैं तुम्हारे, भूलना मत।’ जिसके बाद इस पोस्ट को लेकर काफी हंगामा मच गया और पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।

सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट

बेलगावी के आजाद नगर निवासी मुजामिल अत्तर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इस विवादित पोस्ट को साझा किया था, जिसमें हिंदी फिल्म ‘अग्निपथ’ का एक आक्रामक संवाद भी जोड़ा गया था – ‘ज्वाला सी जलती है।’ जैसे ही यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई, स्थानीय लोगों और संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई। मामला गर्माने के बाद पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और कांग्रेस नेता के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई।

पुलिस की कार्रवाई और पोस्ट का डिलीट होना

शिकायत दर्ज होते ही पुलिस ने तुरंत इस मामले की जांच शुरू की। रिपोर्ट के अनुसार, यह पोस्ट मूल रूप से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा साझा की गई थी, लेकिन मुजामिल अत्तर ने इसे अपने इंस्टाग्राम स्टेटस में रीशेयर किया था। हालाँकि, पोस्ट में जो कैप्शन लिखा गया था, वह उनकी खुद की रचना थी, जिससे मामला और गंभीर हो गया। केस दर्ज होने के तुरंत बाद उन्होंने अपनी पोस्ट को सोशल मीडिया से हटा लिया, लेकिन तब तक यह पोस्ट कई लोगों तक पहुँच चुकी थी।

 

औरंगजेब पर बढ़ता विवाद

यह पहली बार नहीं है जब औरंगजेब के नाम पर विवाद हुआ है। हाल ही में रिलीज हुई मराठी फिल्म ‘छावा’ में औरंगजेब की क्रूरता को उजागर किया गया, जिसके बाद से सोशल मीडिया और विभिन्न समूहों में इस विषय पर बहस और चर्चाएँ बढ़ गई हैं। फिल्म में दिखाई गई घटनाओं ने लोगों के भीतर ऐतिहासिक चरित्रों को लेकर एक नई जिज्ञासा और असंतोष पैदा किया है।

इसके अलावा, नागपुर में भी हाल ही में औरंगजेब की कब्र को हटाने की माँग को लेकर हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान कई गिरफ्तारियाँ भी हुईं और मामला अब भी जांच के अधीन है। सोशल मीडिया पर लगातार औरंगजेब से जुड़े पोस्ट और टिप्पणियाँ साझा की जा रही हैं, जिससे इस विषय पर चर्चाएँ और भी तेज हो गई हैं।

टीपू सुल्तान पर विवाद

टीपू सुल्तान का नाम भी लंबे समय से विवादों में रहा है। कुछ लोग उन्हें स्वतंत्रता सेनानी मानते हैं, जबकि कुछ उन्हें क्रूर शासक के रूप में देखते हैं। उनकी नीतियाँ और शासन शैली को लेकर अक्सर बहस होती रही है। सोशल मीडिया के इस युग में जब भी कोई राजनीतिक या ऐतिहासिक मुद्दा उठता है, तो वह तेजी से लोगों के विचारों का केंद्र बन जाता है।

राजनीतिक माहौल और इस घटना का प्रभाव

यह घटना सिर्फ सोशल मीडिया विवाद तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसका राजनीतिक माहौल पर भी प्रभाव पड़ा। विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश की। कुछ लोगों ने इस पोस्ट को एक उकसाने वाला कदम बताया, जबकि कुछ ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जोड़कर देखा।

इस पूरे प्रकरण ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ऐतिहासिक व्यक्तित्वों पर चर्चा करने और उन्हें सोशल मीडिया पर प्रस्तुत करने के लिए एक संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है? इतिहास को समझने और उसकी व्याख्या करने के तरीके समय के साथ बदलते रहते हैं, लेकिन जब इसे राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, तो इससे सामाजिक असंतोष पैदा हो सकता है।

निष्कर्ष

बेलगावी में कांग्रेस नेता द्वारा किया गया यह पोस्ट विवादों का कारण बना और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई। यह घटना दिखाती है कि सोशल मीडिया पर साझा की जाने वाली सामग्री कितनी प्रभावशाली हो सकती है और इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। ऐसे मामलों में जहाँ इतिहास, राजनीति और सामाजिक भावनाएँ आपस में टकराती हैं, वहाँ अधिक सतर्कता की आवश्यकता होती है।

इस प्रकरण ने फिर से यह साबित कर दिया कि डिजिटल युग में किसी भी पोस्ट, विचार या अभिव्यक्ति की ताकत बहुत अधिक होती है और इसका प्रभाव व्यापक हो सकता है। यह मामला अभी भी पुलिस की जांच के अधीन है और आने वाले दिनों में इस पर और भी चर्चाएँ हो सकती हैं।

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