असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष महमूद ए मदनी को चेतावनी दी है। सरमा ने कहा कि अगर मदनी ने अपनी सीमाएं पार की तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। उन्होंने यह भी साफ किया कि भाजपा या वे खुद मदनी से डरते नहीं हैं और उनकी अहमियत केवल कांग्रेस के समय ही थी।
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महमूद मदनी का दौरा और प्रतिक्रिया
मदमूद मदनी सोमवार को असम के गोलपाड़ा जिले में मौजूद थे और वहां चल रहे बेदखली अभियानों का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार से कहा कि सभी बेदखली अभियान सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार होने चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि उन्होंने जानबूझकर मदनी को दौरा करने की अनुमति दी ताकि उन्हें जमीन पर हालात का अनुभव हो सके।
अतिक्रमण पर कड़ी कार्रवाई
सीएम सरमा ने स्पष्ट किया कि अगर कोई वनभूमि, गांव के चरागाह या अन्य सार्वजनिक जमीन में अवैध कब्जा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मदनी को भी यह एहसास हो गया होगा कि जमीन पर कब्जा करना कितना जोखिम भरा है।
महमूद मदनी की टिप्पणी
मदनी ने सरमा की चेतावनी पर पलटवार करते हुए कहा कि उनके पूर्वज स्वतंत्रता संग्राम में जेल गए थे। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि वे महान हैं और मैं शून्य। साथ ही उन्होंने असम के मूल निवासियों की अहमियत पर जोर दिया और जमीयत की ओर से सरमा को हटाने की मांग का समर्थन किया।
महिला उद्यमिता अभियान में सफलता
सीएम सरमा ने राज्य में महिला उद्यमिता अभियान की सफलता का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि केवल होजाई विधानसभा क्षेत्र में 31,000 से अधिक महिलाओं को इस योजना के तहत लाभ वितरित किया गया। उन्होंने कहा कि दिसंबर या जनवरी तक राज्य की सभी 126 विधानसभा क्षेत्रों में इसी तरह की बैठकें आयोजित कर लाभ पहुंचाया जाएगा।


