सीएम योगी का बड़ा बयान: ‘नमाज के नाम पर सड़क जाम क्यों? हिंदुओं से सीखें अनुशासन!’

By Pragati Tomer

🕒 Published 4 months ago (5:16 AM)

सीएम योगी का बड़ा बयान: ‘नमाज के नाम पर सड़क जाम क्यों? हिंदुओं से सीखें अनुशासन!’

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर अपने बेबाक और स्पष्ट बयानों के लिए सुर्खियों में हैं। सीएम योगी का बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने मेरठ की घटना को लेकर कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा, “सड़कें चलने के लिए हैं, नमाज के लिए नहीं।” उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

मेरठ की घटना और योगी का बयान

हाल ही में मेरठ में पुलिस द्वारा सड़क पर नमाज अदा करने की अनुमति न देने पर विवाद खड़ा हो गया था। इस मुद्दे पर सीएम योगी का बड़ा बयान आया कि सड़कें सार्वजनिक यातायात के लिए होती हैं, धार्मिक आयोजन के लिए नहीं। उन्होंने हिंदुओं के अनुशासन का उदाहरण देते हुए कहा कि “66 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज में एकत्र हुए थे, लेकिन कहीं भी अराजकता नहीं फैली। न कोई हिंसा हुई, न तोड़फोड़, न छेड़छाड़, न आगजनी। यह अनुशासन की मिसाल है।”

क्या यह दोहरे मापदंड का मामला है?

कुछ लोग इस मुद्दे पर सवाल उठा रहे हैं कि कांवड़ यात्रा में भी सड़कें घिरी रहती हैं, तो फिर नमाज के दौरान सड़कों के इस्तेमाल पर आपत्ति क्यों? इस पर सीएम योगी का बड़ा बयान है कि कांवड़ यात्रा एक पारंपरिक धार्मिक परंपरा है जो निर्धारित मार्गों पर होती है और प्रशासन इसके लिए खास इंतजाम करता है। वहीं, बिना अनुमति के सड़क पर नमाज अदा करना यातायात व्यवस्था में बाधा डालता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुहर्रम के जुलूस भी निकलते हैं और प्रशासन उन्हें रोकता नहीं है, बल्कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

‘अनुशासन जरूरी है’ – योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में कहा कि अगर किसी समुदाय को सुविधा चाहिए तो उसे अनुशासन भी सीखना चाहिए। उन्होंने कहा, सीएम योगी का बड़ा बयान सिर्फ एक समुदाय के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए है। उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रियों को भी प्रशासन की गाइडलाइन्स का पालन करना पड़ता है। डीजे की ऊंचाई नियंत्रित रखनी होती है, ताकि आम जनता को असुविधा न हो।

सीएम योगी का बड़ा बयान

‘सभी के लिए कानून समान’

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार में कानून सबके लिए समान रूप से लागू होता है। “हमने किसी धार्मिक आयोजन को नहीं रोका, लेकिन कोई भी गतिविधि जो जनता के लिए परेशानी खड़ी करे, उसे अनुमति नहीं दी जा सकती।” सीएम योगी का बड़ा बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि धार्मिक स्वतंत्रता का अर्थ अराजकता नहीं हो सकता।

योगी का हमला – ‘क्या सड़कों पर ईद मनाने की जरूरत है?’

योगी आदित्यनाथ ने सवाल उठाया कि जब ईदगाह और मस्जिदें मौजूद हैं, तो फिर सड़क पर नमाज पढ़ने की जरूरत क्यों पड़ती है? सीएम योगी का बड़ा बयान इस सवाल को केंद्र में रखता है कि धार्मिक आयोजनों के नाम पर सार्वजनिक यातायात को बाधित करने की छूट नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा, “कोई भी त्योहार उद्दंडता फैलाने का माध्यम नहीं बनना चाहिए।”

मेरठ में पत्थरबाजी पर योगी का सख्त रुख

मेरठ में नमाज को लेकर हुए विवाद के बाद पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आईं, जिस पर सीएम योगी का बड़ा बयान आया कि यह अस्वीकार्य है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हिंसा को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। “पत्थर फेंकने वाले चाहे किसी भी समुदाय से हों, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। कानून का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है।”

सोशल मीडिया पर बयान की गूंज

योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ इसे भेदभावपूर्ण बता रहे हैं। हालांकि, योगी आदित्यनाथ के समर्थकों का कहना है कि वह सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने की बात कर रहे हैं। सीएम योगी का बड़ा बयान अब सिर्फ यूपी ही नहीं, पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुका है।

क्या आगे कोई नई गाइडलाइन्स आएंगी?

इस विवाद के बाद संभावना जताई जा रही है कि सरकार सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक आयोजनों को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी कर सकती है। सीएम योगी का बड़ा बयान इस ओर संकेत करता है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

निष्कर्ष

योगी आदित्यनाथ का यह बयान उनकी सख्त प्रशासनिक नीति को दर्शाता है। सीएम योगी का बड़ा बयान बताता है कि उनकी सरकार किसी भी तरह की अराजकता को बर्दाश्त नहीं करेगी। सवाल यह है कि क्या सभी समुदाय इस अनुशासन को अपनाने के लिए तैयार हैं? या फिर आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और विवाद खड़ा होगा? यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल योगी का बयान सियासी गलियारों में गर्म बहस का मुद्दा बन चुका है।

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