आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक उच्च-स्तरीय वर्चुअल बैठक आयोजित की। केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री तोखन साहू और मंत्रालय के सचिव श्री एस. कटिकिथला की उपस्थिति में हुई इस बैठक में शहरी भारत में प्रत्यक्ष रूप से दृश्यमान स्वच्छता को प्राथमिकता दी गई, जिसमें स्वच्छता लक्षित इकाइयों (CTUs) की पहचान और परिवर्तन के दोहरे दृष्टिकोण पर जोर दिया गया।
विषयसूची
स्वच्छता को प्राथमिकता दें
स्वच्छता ही सेवा 2024 के दौरान 8 लाख से अधिक स्वच्छता लक्षित इकाइयों के रूपांतरण के साथ, MoHUA ने राज्यों से आग्रह किया है कि वे उपेक्षित, चुनौतीपूर्ण और डार्क स्पॉट्स की पहचान कर, एक निर्धारित समय सीमा में परिवर्तन और सौंदर्यीकरण सुनिश्चित करते हुए दृश्यमान शहरी स्वच्छता को प्राथमिकता दें।
साफ-सफाई के लिए एक रूपरेखा तैयार
शहरी विकास और नीति कार्यान्वयन में बदलाव के वाहक के रूप में #CTU की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल ने ज़ोर देकर कहा कि स्वच्छता और शहरी विकास एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। मंत्रालय ने इन शहरी स्थलों की समयबद्ध साफ-सफाई के लिए एक रूपरेखा तैयार की है, जो राज्यों द्वारा नियमित समीक्षा एवं गहन निगरानी, नागरिकों को संगठित करने और स्वच्छता ऐप के माध्यम से CTUs की मैपिंग के लिए इंटरफ़ेस, मैप किए गए स्थलों की त्वरित और समयबद्ध परिवर्तन, भूमि को खाली करा पुनः प्राप्त करने और उन स्थानों पर फिर से कचरे के जमाव को रोकने के लिए सौंदर्यीकरण पर केंद्रित है।
समय और संसाधन की आवश्यकता
इन CTUs को https://swachhatahiseva.gov.in/ पोर्टल पर मैप किया जाएगा। उपेक्षित और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, शहरों को सलाह दी गई है कि वे लेगेसी वेस्ट डंपसाइट्स को हाई-इंटेंसिटी वाले #CTUs के रूप में पहचानें, जिनके परिवर्तन के लिए समय और संसाधन की आवश्यकता होगी। शहरी स्थानीय निकाय इन CTUs को अपनाने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों, निजी फर्मों, CSR समूहों, गैर-सरकारी संगठनों, स्टार्टअप्स और अन्य हितधारकों के साथ साझेदारी कर सकते हैं।
स्वच्छता ऐप का लाभ उठाएं
नागरिक अपने शहरों में CTUs की पहचान के लिए स्वच्छता ऐप का लाभ उठा सकते हैं। अब तक 2 करोड़ से ज़्यादा नागरिक इस ऐप पर पंजीकृत हो चुके हैं। जब कोई नागरिक स्वच्छता ऐप के ज़रिए किसी समस्या की सूचना देता है, तो स्थान, CTU और तस्वीर लेकर संबंधित वार्ड अधिकारियों को स्वतः ही सौंप दी जाती है। सूचना मिलने और समाधान होने पर, दोनों चरणों में जानकारी साझा की जाती है और नागरिकों के पास समस्या हल हो जाने पर चिह्नित करने या असंतुष्ट होने पर उसे फिर से खोलने के लिए 7 दिनों का समय होता है।
स्वच्छता केवल कागजों पर ही न रहे
स्वच्छता के लिए माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान को दोहराते हुए, केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा, “CTUs की सफाई का उद्देश्य आंखों को चुभने वाले स्थानों को गौरवपूर्ण क्षेत्रों में परिवर्तित करना, सार्वजनिक स्थानों की गरिमा को फिर से बहाल करना और यह सुनिश्चित करना है कि स्वच्छता केवल कागजों पर ही न रहे, बल्कि प्रत्येक नागरिक अपने दैनिक जीवन में इसे देख सके, महसूस करे और खुद इसका अनुभव करे। यह पहल केवल अभियान अवधि के दौरान सुधार करने तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे वर्ष निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।”
अपशिष्ट प्रबंधन में तेजी लाने का आग्रह
आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने राज्यों से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि SBM-U 2.0 को पूरा होने में अब 12 महीने शेष हैं और यह अवसर निर्धारित समय-सीमा के भीतर सभी प्रमुख लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से आगे बढ़ने का है।
मार्गदर्शन और सहयोग करेंगे
स्वच्छ शहरों के निर्माण और SBM-U 2.0 के अंतर्गत क्षमताएं मजबूत बनाने के प्रयासों के अनुरूप, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने ‘स्वच्छ शहर जोड़ी’ (SSJ) से संबंधित दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले 72 शहर, उम्मीद से कमतर प्रदर्शन करने वाले 72 प्रशिक्षु शहरों का मार्गदर्शन और सहयोग करेंगे। ‘Each One Teach One’ मॉडल पर आधारित SSJ का उद्देश्य स्वच्छता की दिशा में सफल मॉडलों के प्रभाव को बढ़ाना और एक ही राज्य के अंतर्गत मेंटर और मेंटी शहरों के बीच एक ‘संरचित मार्गदर्शन, सहकर्मी शिक्षण और सहयोगात्मक कार्रवाई’ को संस्थागत रूप देना है।
कचरा मुक्त शहरों का लक्ष्य प्राप्त करने में तेज़ी लाएं
दो महीनों के भीतर, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के तहत प्रगति की समीक्षा के लिए दो दौर की राज्य बैठकें आयोजित कीं, जिनमें पारंपरिक अपशिष्ट प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और CBG संयंत्रों की स्थापना पर विशेष ध्यान दिया गया। कचरा मुक्त शहरों का लक्ष्य प्राप्त करने में तेज़ी लाने के लिए, मंत्रालय ने शहरों से सक्रिय निगरानी, फास्ट-ट्रैक अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्रों और डंपसाइट रिमिडिएशन के साथ दैनिक समीक्षा करने का आग्रह किया।
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