🕒 Published 1 month ago (11:58 AM)
नेपीडॉ/ढाका, नई दिल्ली – म्यांमार में भीषण गृहयुद्ध जारी है इसका सबसे ज्यादा असर रखाइन राज्य पर हो रहा है। गत महीनों में अराकान आर्मी (AA) ने राज्य के काफी हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। लेकिन इस गृहयुद्ध के चलते रोहिंग्या मुसलमानों की हालात बदतर होते जा रहे हैं। और वे पलायन को मजबूर हो रहे हैं। बता दें कि सत्ता के लिए संघर्ष कर रही अराकान आर्मी के खिलाफ रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए है।
रोहिंग्या विद्रोही संगठन AA के खिलाफ
इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप (ICG) की एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि अब कई रोहिंग्या विद्रोही संगठन AA के खिलाफ लड़ाई के लिए जुंटा सेना के साथ मिल गए हैं। इस गठजोड़ ने गृहयुद्ध की दिशा ही बदल दी है। ARSA (Arakan Rohingya Salvation Army) जैसे संगठनों ने बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में लड़ाकों की भर्ती तेज कर दी है। खास बात यह है कि इन समूहों ने आपसी झगड़े बंद कर अपना ध्यान अराकान आर्मी के खिलाफ युद्ध पर लगा दिया है। सबसे ज्यादा जो नुकसान हुआ है वह म्यांमार की सैन्य सरकार का हुआ है। पिछले 18 महीनों में रखाइन काफी क्षेत्र सैन्य सरकार के हाथ से निकल गया है। AA ने उत्तरी रखाइन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है और अब पूरे राज्य पर एए की नजर है।
बांग्लादेश पर मंडराता नया संकट
बांग्लादेश के कॉक्स बाजार स्थित रोहिंग्या शिविरों में नई भर्तियाँ और हथियारबंद गतिविधियाँ बांग्लादेश सरकार के लिए नई चुनौती बनती जा रही हैं। साथ ही, सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाली पोस्ट और वीडियो की बाढ़ आ गई है, जिससे बांग्लादेश में सामाजिक अस्थिरता का खतरा बढ़ रहा है।