नई दिल्ली। बीजिंग से आई एक चौंकाने वाली खबर ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में हलचल मचा दी है। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश संबंध विभाग के प्रमुख और वरिष्ठ राजनयिक लियू जियानचाओ को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, 61 वर्षीय लियू को जुलाई के अंत में विदेश यात्रा से बीजिंग लौटते ही सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ के लिए ले जाया। हालांकि, चीनी सरकार ने अब तक आधिकारिक तौर पर उनकी हिरासत की पुष्टि नहीं की है।
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राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी माने जाते थे लियू
लियू जियानचाओ न केवल चीन की विदेश नीति के प्रमुख रणनीतिकार माने जाते थे, बल्कि उन्हें मौजूदा विदेश मंत्री वांग यी का संभावित उत्तराधिकारी भी माना जा रहा था। कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के मंत्री के रूप में वे विदेशी राजनीतिक दलों के साथ चीन के संबंधों के समन्वय का जिम्मा संभाल रहे थे। हाल ही में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में ‘लिबरेशन मूवमेंट समिट’ में चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया था।
SCO बैठक से पहले बढ़ी बेचैनी
लियू की गिरफ्तारी की खबर ऐसे समय पर आई है, जब इस महीने के अंत में 31 अगस्त से 1 सितम्बर तक चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का शिखर सम्मेलन होना है। उनकी अचानक अनुपस्थिति ने चीनी राजनयिक और राजनीतिक गलियारों में सवाल खड़े कर दिए हैं।
भारत से भी हाल में हुई थी मुलाकात
14 जुलाई को बीजिंग यात्रा के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी लियू से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों की प्रगति और पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद हुए बदलावों पर चर्चा की थी।
आधिकारिक चुप्पी, लेकिन अटकलें तेज
हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि लियू की पूछताछ का कारण क्या है, लेकिन उनकी अचानक हुई ‘गायबगी’ ने चीन की विदेश नीति के शीर्ष स्तर पर हलचल पैदा कर दी है। अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक इसे चीन के भीतर चल रहे शक्ति संघर्ष और कूटनीतिक समीकरणों से जोड़कर देख रहे हैं।
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