🕒 Published 2 weeks ago (11:54 AM)
चाईबासा : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। चाईबासा की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। यह मामला वर्ष 2018 से जुड़ा है, जब भाजपा नेता प्रताप कुमार कटियार ने राहुल गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी का आरोप लगाते हुए मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
मामले के अनुसार, राहुल गांधी ने 28 मार्च 2018 को कांग्रेस अधिवेशन में भाजपा पर तीखा हमला बोला था, जिसे लेकर प्रताप कुमार ने 9 जुलाई 2018 को चाईबासा CJM कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। उनका आरोप है कि राहुल गांधी के बयान से भाजपा की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।
बाद में 20 फरवरी 2020 को झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर यह मामला रांची के विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित किया गया, और फिर वहीं से चाईबासा की विशेष कोर्ट को सौंपा गया। कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए राहुल गांधी को समन भेजा, लेकिन बार-बार बुलावे के बावजूद वे कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए।
राहुल गांधी की अनुपस्थिति के चलते पहले कोर्ट ने जमानती वारंट जारी किया था। जब इसके बाद भी वे पेश नहीं हुए, तो कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया। राहुल ने इस वारंट को रद्द करवाने के लिए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका (डब्ल्यूपी सीआर नंबर 230/2024) दाखिल की, लेकिन हाईकोर्ट ने 20 मार्च 2024 को इसे खारिज कर दिया। इसके बाद राहुल गांधी ने चाईबासा कोर्ट में धारा 205 सीआरपीसी के तहत व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया।
अब कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस को गैर-जमानती वारंट पर अमल करने के निर्देश दे दिए गए हैं। इस घटनाक्रम ने राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है। भाजपा जहां राहुल गांधी पर पार्टी की छवि धूमिल करने का आरोप लगा रही है, वहीं कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दे रही है।