20 दिन पाकिस्तान की कैद में रहे BSF जवान PK साहू ने बताई आपबीती… आंखों पर पट्टी, गालियां और मानसिक यातना

Photo of author

By Pradeep dabas

🕒 Published 4 weeks ago (11:23 AM)

भारत-पाक तनाव के बीच गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गए बीएसएफ जवान पीके साहू को आखिरकार 20 दिन बाद भारत वापस लाया गया। वतन लौटने के बाद पीके साहू ने पाकिस्तान की कैद के अनुभव साझा करते हुए कई अहम खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि कैसे पाकिस्तान आर्मी और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।

गलती से पाक सीमा में घुसा जवान

23 अप्रैल को पंजाब के फिरोजपुर में तैनात जवान पीके साहू गलती से पाकिस्तान की सीमा में घुस गया था। इससे एक दिन पहले यानी 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सीमा पर गश्त बढ़ा दी गई थी। उसी दौरान पीके साहू ने सीमा के पास झाड़ियों में संदिग्ध हलचल देखी और जांच करते-करते पाक सीमा में दाखिल हो गया, जहां पाक रेंजर्स ने उसे पकड़ लिया।

20 दिन की कैद, हर दिन एक सजा

पीके साहू ने सेना और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) को बताया कि पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें 20 दिनों तक मानसिक यातना दी।

  • उन्हें ठीक से सोने नहीं दिया गया।
  • ब्रश तक करने नहीं दिया गया।
  • हर वक्त आंखों पर पट्टी बांधकर रखा गया।
  • पूछताछ करने वाले लोग सिविल ड्रेस में थे, जो बार-बार भारतीय सेना के अफसरों के फोन नंबर और मोबाइल का पासवर्ड मांगते रहे।
  • उन्हें तीन अलग-अलग गुप्त स्थानों पर रखा गया, जिनमें से एक जगह पर उन्होंने हवाई जहाज की आवाजें सुनीं, जिससे अंदाजा लगाया गया कि वह कोई एयरबेस हो सकता है।
  • एक बार उन्हें जेल की कोठरी में भी बंद किया गया।

हालांकि पीके साहू ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके साथ किसी तरह की शारीरिक हिंसा नहीं की गई, लेकिन मानसिक रूप से उन्हें काफी प्रताड़ित किया गया।

13 मई को भारत वापसी

लगभग 20 दिन की कड़ी मशक्कत और जवान की पत्नी एवं सेना के प्रयासों के बाद पाकिस्तान ने 13 मई को अटारी बॉर्डर पर पीके साहू को भारत को सौंपा। लौटते ही प्रोटोकॉल के तहत उनके कपड़े जलाए गए और सेना ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इस समय वे अपने घर नहीं लौटे हैं। सेना और खुफिया एजेंसियां उनसे लगातार पूछताछ कर रही हैं।

Leave a Comment