🕒 Published 1 month ago (7:40 AM)
पाकिस्तान ने भारत के BSF जवान पूर्णम कुमार शॉ (Purnam Kumar Shaw) को रिहा कर दिया है। बुधवार को वह अटारी-वाघा बॉर्डर से भारत लौटे। BSF ने आधिकारिक पुष्टि करते हुए बताया कि जवान की मेडिकल जांच और पूछताछ के बाद उन्हें परिवार के पास भेजा जाएगा।
भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ जवानों का एक्सचेंज
सुबह 10:30 बजे अटारी बॉर्डर पर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत हुई, जिसके बाद दोनों देशों ने अपने-अपने जवानों की अदला-बदली की। भारत ने भी पाकिस्तान को उसके एक रेंजर को वापस सौंपा।
कैसे पहुंचे पाकिस्तान? सीमा भ्रम और पेड़ के नीचे आराम
40 वर्षीय पूर्णम साहू 23 अप्रैल को गलती से सीमा पार कर गए थे। वह पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में BSF की 182वीं बटालियन में तैनात थे। उस दिन वह किसानों के एक समूह की सुरक्षा के लिए तैनात थे और एक पेड़ के नीचे आराम करने के दौरान अनजाने में पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश कर गए। इसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
पाकिस्तान ने जारी की थी तस्वीरें
इस घटना के बाद 24 अप्रैल को पाकिस्तान रेंजर्स ने दो तस्वीरें जारी की थीं। एक तस्वीर में जवान पेड़ के नीचे खड़े थे और उनकी राइफल, पानी की बोतल व बैग जमीन पर पड़े थे। दूसरी तस्वीर में उनकी आंखों पर पट्टी बंधी थी, जिससे भारत में चिंता और आक्रोश फैल गया था।
पश्चिम बंगाल से है जवान का नाता, बेटे का सवाल – “पापा कब आएंगे?”
पूर्णम साहू पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रहने वाले हैं। उनके परिवार ने 20 दिन बेहद कठिन हालात में गुजारे। जवान का सात वर्षीय बेटा बार-बार पूछता था कि उसके पिता कब घर आएंगे। जैसे ही परिवार को उनकी वापसी की खबर मिली, घर में खुशी और राहत का माहौल छा गया।
पृष्ठभूमि में पहलगाम हमला और पाकिस्तान का रुख
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ था, जिसके अगले ही दिन पूर्णम कुमार पाकिस्तान की हिरासत में पहुंचे। इस घटनाक्रम ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और कूटनीतिक बातचीत को फिर से चर्चा में ला दिया था।