🕒 Published 2 months ago (3:23 PM)
लखनऊ 15 अप्रैल 2025: राजधानी के लोकबंधु राजनारायण अस्पताल में सोमवार रात आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। आग इतनी भीषण थी कि अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों को तत्काल बाहर निकालना पड़ा और उन्हें शहर के अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया गया। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में एक मरीज की मौत की भी पुष्टि हुई है।

सरकार सख्त, 5 सदस्यीय जांच कमेटी गठित
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने घटना को गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डिप्टी सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
घटना से मचा हड़कंप, मरीजों को रातोंरात शिफ्ट किया गया
इसके तहत 5 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है जिसकी अध्यक्षता महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं करेंगे। कमेटी में विद्युत सुरक्षा निदेशालय के निदेशक, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर निदेशक, अग्निशमन विभाग द्वारा नामित अधिकारी और चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं (विद्युत) के अपर निदेशक शामिल हैं।
15 दिन में सौंपनी होगी रिपोर्ट
कमेटी को निर्देश दिए गए हैं कि वह 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करे। जांच में आग लगने के कारण, सुरक्षा उपायों में चूक, किसी भी प्रकार की लापरवाही और दोषियों की पहचान के साथ-साथ भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपायों की सिफारिश की जाएगी।
अस्पताल की सेवाएं प्रभावित, मरीजों को किया गया शिफ्ट
घटना के बाद अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों को लखनऊ के अन्य प्रमुख अस्पतालों जैसे बलरामपुर, सिविल, लोहिया और केजीएमयू में स्थानांतरित कर दिया गया है। OPD में इलाज जारी है, लेकिन फिलहाल मरीजों को एडमिट नहीं किया जा रहा है। पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी सेवाएं बंद हो चुकी हैं और मरीजों को तीन दिन की दवाइयां देने के निर्देश दिए गए हैं।
जलीं मशीनें और जरूरी मेडिकल उपकरण
आग के कारण अस्पताल में रखा भारी मात्रा में मेडिकल सामान, दस्तावेज और मशीनें जलकर खाक हो गईं। शुरुआती अनुमान है कि रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी विभागों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है।
आगे की राह
इस घटना ने सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा मानकों की गंभीरता को फिर से उजागर कर दिया है। सरकार की जांच के बाद यह देखा जाना बाकी है कि लापरवाही किस स्तर पर हुई और भविष्य में मरीजों की सुरक्षा के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जाएंगे।