नीलम रत्न: शनि का आशीर्वाद या सावधानी की कसौटी? जानिए इसके फायदे और पहनने का सही तरीका

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By Rita Sharma

🕒 Published 1 month ago (4:03 PM)

Blue Sapphire

Blue Sapphire : ज्योतिष शास्त्र में रत्नों को ग्रहों की ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है, और उनमें नीलम (Blue Sapphire) को सबसे शक्तिशाली और रहस्यमयी माना जाता है। यह रत्न शनि देव का प्रतिनिधित्व करता है, जिन्हें कर्म और न्याय का देवता माना जाता है। नीलम केवल एक आभूषण नहीं, बल्कि एक ऐसा माध्यम है, जिससे शनि की कृपा प्राप्त की जा सकती है — बशर्ते इसे सही समय और सही विधि से धारण किया जाए। माना जाता है कि यह रत्न सही व्यक्ति को चमत्कारी रूप से सफलता, स्थायित्व और समृद्धि दिला सकता है।

किन राशियों के लिए है फायदेमंद?

ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि मकर, कुंभ और तुला राशि के जातकों के लिए नीलम विशेष रूप से शुभ फलदायी हो सकता है। यदि किसी की कुंडली में शनि ग्रह शुभ और योगकारक स्थिति में हो, तो यह रत्न जीवन में स्थायित्व, उन्नति और आर्थिक समृद्धि प्रदान कर सकता है। वहीं जिनकी कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हो, उनके लिए भी यह रत्न उपयोगी हो सकता है — लेकिन इसे प्रयोग में लाने से पहले विशेष सावधानी और परीक्षण आवश्यक होता है।

नीलम पहनने का सही समय और विधि

नीलम को शनिवार के दिन धारण करना सबसे शुभ माना गया है। इसे चांदी या पंचधातु की अंगूठी में बनवाकर मध्यमा (मिडिल) उंगली में पहना जाता है। धारण करने से पहले 108 बार “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।

लेकिन ध्यान रहे, नीलम की तेज़ और सक्रिय ऊर्जा हर किसी के लिए अनुकूल नहीं होती। इसलिए बिना किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य की सलाह के इसे धारण करना खतरनाक हो सकता है। आमतौर पर सलाह दी जाती है कि इसे ट्रायल बेसिस पर 2-3 दिन पहनकर इसके प्रभाव को देखा जाए।

निष्कर्ष

नीलम रत्न यदि आपकी कुंडली के अनुसार अनुकूल है तो यह जीवन में अविश्वसनीय सकारात्मक बदलाव ला सकता है। लेकिन इसकी तीव्र शक्ति के कारण यह रत्न उतना ही लाभकारी हो सकता है, जितना कि गलत धारण करने पर हानिकारक। इसलिए इसे धारण करने से पहले हमेशा विशेषज्ञ ज्योतिषीय परामर्श लेना अत्यंत आवश्यक है।

क्या आप जानना चाहेंगे कि आपकी राशि के अनुसार नीलम रत्न आपके लिए अनुकूल है या नहीं?

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