Bihar Politics:बिहार में वोटर लिस्ट को लेकर तकरार तेज, तेजस्वी ने चुनाव बहिष्कार का दिया संकेत

By Hindustan Uday

🕒 Published 2 weeks ago (4:02 PM)

पटना: आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। सत्ता और विपक्ष के बीच चल रही खींचतान के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने बड़ा बयान देकर राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है। तेजस्वी का कहना है कि यदि वोटर लिस्ट अपडेट में निष्पक्षता नहीं बरती गई, तो पार्टी चुनावी प्रक्रिया से खुद को अलग रखने पर विचार कर सकती है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि अंतिम निर्णय जनता की इच्छा को देखते हुए लिया जाएगा।

विधानसभा से लेकर संसद तक विरोध की लहर

वोटर लिस्ट की पारदर्शिता को लेकर शुरू हुआ यह मुद्दा अब राज्य की सीमाओं को पार कर संसद तक पहुंच चुका है। बिहार विधानसभा में राजद के विधायकों ने काले कपड़े पहनकर विरोध जताया, तो वहीं I.N.D.I.A गठबंधन के सांसदों ने संसद में ‘ब्लैक प्रोटेस्ट’ किया। विपक्ष का आरोप है कि चुनाव आयोग सरकार के इशारों पर कार्य कर रहा है। तेजस्वी यादव ने तीखा हमला बोलते हुए कहा, “पहले जनता सरकार चुनती थी, अब सरकार अपने वोटर चुन रही है।” इसके साथ ही उन्होंने बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ का मुद्दा उठाकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

सत्तापक्ष का पलटवार, विपक्ष पर हार के डर का आरोप

जनता दल यूनाइटेड (JDU) के सांसद संजय झा ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विपक्षी दल हार के डर से इस पूरी प्रक्रिया को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि SIR प्रक्रिया को लेकर सरकार पूरी तरह स्पष्ट और पारदर्शी रही है। वहीं सूत्रों के अनुसार, राजद ने बिहार चुनाव के लिए INDIA गठबंधन के अन्य दलों से संवाद भी शुरू कर दिया है।

तेजस्वी यादव के चुनाव बहिष्कार वाले बयान ने राजनीतिक माहौल में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। खासकर तब जब राज्य सरकार ने SIR प्रक्रिया पर किसी भी तरह की बहस से इनकार कर दिया है, जिससे आने वाले दिनों में विरोध और तेज हो सकता है।

वोटर लिस्ट संशोधन अंतिम चरण में

चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, बिहार में SIR का कार्य अब समापन की ओर है। अब तक राज्य के 98.01 प्रतिशत मतदाताओं को कवर कर लिया गया है। पुनरीक्षण के दौरान 20 लाख मृतक, 28 लाख प्रवासी और 7 लाख डुप्लिकेट वोटरों के नाम हटाए गए हैं। इसके अलावा 1 लाख मतदाता ऐसे भी हैं जिनका कोई पता नहीं चल पाया है। फिलहाल, 7.17 करोड़ वोटरों (लगभग 91%) के फॉर्म प्राप्त और डिजिटाइज हो चुके हैं। नए फॉर्म जमा करने के लिए अब केवल तीन दिन शेष हैं।

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