🕒 Published 4 months ago (5:35 AM)
बिहार NDA की चुनावी बैठक: अमित शाह के सामने सीएम आवास में बनी बड़ी रणनीति!
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और राजनीतिक हलचल अपने चरम पर है। सत्ता में वापसी और चुनावी जीत को सुनिश्चित करने के लिए बिहार NDA की चुनावी बैठक रविवार को पटना में मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित की गई। इस अहम बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान, हम के जीतनराम मांझी, रालोजपा के उपेंद्र कुशवाहा समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे। इस बैठक में चुनावी रणनीति और सीटों के बंटवारे से लेकर जनता तक अपनी बात मजबूती से पहुंचाने के तरीकों पर चर्चा हुई।
सीएम आवास में जुटे NDA के दिग्गज
पटना के 1 अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर हुई बिहार NDA की चुनावी बैठक में बिहार की राजनीतिक दिशा तय करने के लिए लंबी चर्चा चली। इस बैठक में यह तय किया गया कि आगामी चुनाव में NDA की जीत सुनिश्चित करने के लिए किन रणनीतियों को अपनाया जाए। भाजपा, जदयू, लोजपा (रामविलास), हम और रालोजपा के शीर्ष नेताओं ने अपनी बात रखी और मतभेदों को दूर करते हुए एकजुट होकर चुनाव लड़ने का संकल्प लिया।
क्या थी इस बैठक की सबसे बड़ी चर्चा?
इस बिहार NDA की चुनावी बैठक में मुख्य रूप से सीट शेयरिंग, बूथ लेवल मैनेजमेंट, मतदाताओं तक पहुंचने की रणनीति और विपक्ष की काट पर चर्चा हुई। बिहार में 225 सीटों पर NDA की जीत कैसे सुनिश्चित की जाए, इस पर गहन मंथन हुआ। अमित शाह ने बैठक में स्पष्ट कर दिया कि गठबंधन की ताकत तभी नजर आएगी जब सभी दल एकजुट होकर जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं।
NDA की रणनीति क्या होगी?
इस बैठक में यह रणनीति बनाई गई कि भाजपा, जदयू, लोजपा (रामविलास), हम और रालोजपा अपने-अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय करें और बूथ लेवल तक मजबूत पकड़ बनाएं। बिहार NDA की चुनावी बैठक में यह तय किया गया कि गठबंधन के नेताओं को अब जनता के बीच जाकर सीधा संवाद स्थापित करना होगा।
1. जनता तक अपनी बात कैसे पहुंचाएंगे?
गठबंधन के सभी नेता चुनाव प्रचार में उतरेंगे।
घर-घर जाकर मतदाताओं से बातचीत होगी।
सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर NDA की उपस्थिति बढ़ाई जाएगी।
हर क्षेत्र में NDA की उपलब्धियों को गिनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
2. सीट शेयरिंग का क्या फॉर्मूला होगा?
इस बैठक के बाद चिराग पासवान ने मीडिया से कहा कि एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर कोई पेंच नहीं है। इसे पूरी सहजता से सुलझा लिया जाएगा। चिराग ने महागठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि “पेंच तो वहां फंसता है जहां भरोसे की कमी होती है, NDA में यह समस्या नहीं आएगी।”
3. विपक्ष को कैसे देंगे टक्कर?
बिहार में तेजस्वी यादव लगातार भाजपा और जदयू पर निशाना साध रहे हैं।
NDA ने तय किया कि विपक्ष के हर हमले का सटीक और दमदार जवाब दिया जाएगा।
जनता को यह बताया जाएगा कि राजद के शासनकाल में बिहार को ‘जंगलराज’ का नाम क्यों मिला था।
तेजस्वी यादव और महागठबंधन की कमजोरियों को उजागर किया जाएगा।
अमित शाह का मास्टर प्लान!
गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में एनडीए नेताओं को स्पष्ट निर्देश दिए कि “बिहार में जीत सुनिश्चित करने के लिए सिर्फ भाषणबाजी नहीं, जमीनी काम भी करना होगा।” उन्होंने कहा कि गठबंधन के नेताओं को जनता के हर मुद्दे पर बोलना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि विरोधी दलों के झूठ को बेनकाब किया जाए। अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को बताया कि कैसे बिहार को एक बार फिर NDA के नेतृत्व में मजबूत और आत्मनिर्भर बनाना है।
नीतीश कुमार ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार NDA की चुनावी बैठक में कहा कि “हमारे पास बिहार में विकास की सबसे मजबूत विरासत है। हमने बिहार को अपराध, भ्रष्टाचार और पिछड़ेपन से निकालकर विकास की राह पर लाया है। अब इसे और आगे ले जाना है।” उन्होंने नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा कि “जनता के बीच जाएं और उन्हें बताएं कि बिहार में क्या-क्या बदला है।”
महागठबंधन की धड़कनें तेज!
NDA की इस बैठक के बाद महागठबंधन खेमे में हलचल तेज हो गई है। राजद और कांग्रेस इस बैठक पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। तेजस्वी यादव ने कहा, “NDA को अब हार का डर सताने लगा है, इसलिए वे बार-बार बैठकें कर रहे हैं। लेकिन जनता अब उन्हें सबक सिखाने को तैयार है।” वहीं कांग्रेस के नेताओं ने भी NDA पर तंज कसते हुए कहा कि “ये लोग जनता को सिर्फ सपने दिखाते हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और है।”
जनता क्या सोचती है?
NDA की इस बैठक के बाद बिहार के मतदाताओं में भी चर्चा तेज हो गई है। कुछ लोग मानते हैं कि NDA फिर से सत्ता में आएगा क्योंकि “पिछले कुछ सालों में बिहार में सड़कों, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जबरदस्त काम हुआ है।” वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि “NDA के वादे महज दिखावा हैं और बिहार को नए नेतृत्व की जरूरत है।”
क्या NDA जीत की राह पर है?
बिहार NDA की यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण रही। यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा, जदयू, लोजपा (रामविलास), हम और रालोजपा मिलकर मजबूती से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इस बैठक ने यह भी दिखा दिया कि विपक्ष के हर हमले का करारा जवाब दिया जाएगा और जनता को NDA के विकास कार्यों की जानकारी दी जाएगी।
अब देखना यह है कि बिहार की जनता आगामी चुनाव में किसे मौका देती है – NDA के विकास मॉडल को या महागठबंधन के नए वादों को!
बिहार NDA की चुनावी बैठक अब सिर्फ एक बैठक नहीं, बल्कि आगामी चुनाव की पूरी रणनीति का केंद्र बन गई है। अगले कुछ महीनों में इसका असर बिहार की राजनीति में साफ दिखने लगेगा। NDA की यह तैयारियां क्या उन्हें सत्ता में बनाए रखेंगी या बिहार की जनता कोई नया फैसला करेगी, यह देखने वाली बात होगी।
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