नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को विपक्षी इंडिया गठबंधन के लिए डिनर पार्टी का आयोजन किया, जिसमें बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई। संसद से लेकर चुनाव आयोग तक विरोध मार्च के बाद होटल ताज पैलेस में हुई इस बैठक में कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी, राजद, शिवसेना (उद्धव गुट), डीएमके और आम आदमी पार्टी के नेता भी शामिल हुए। यह केवल राजनीतिक मिलन नहीं बल्कि बिहार जैसे जातिगत समीकरण वाले राज्यों में विपक्ष की एकजुटता को मजबूत करने का संकेत था।
मल्लिकार्जुन खरगे अब राहुल गांधी के लिए सिर्फ संगठन के नेता नहीं बल्कि ‘तुरुप का इक्का’ बनकर उभरे हैं। राहुल गांधी इंदिरा गांधी की उस राजनीति को दोहराने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें दलित और सवर्ण वर्ग दोनों को साथ लेकर चुनावी समीकरण बनाए जाते थे। खासकर बिहार जैसे राज्यों में जहां जातीय आधार पर वोटिंग पैटर्न मजबूत है, वहां खरगे का दलित नेतृत्व कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को लाभ पहुंचा सकता है।
राहुल गांधी ने हाल ही में कई बार खरगे का समर्थन करते हुए दलित कार्ड खेला है और उनकी भाषाई कमजोरियों को राजनीतिक हमलों से बचाने की कोशिश की है। यह रणनीति उत्तर भारत के ग्रामीण और दलित बहुल इलाकों में कांग्रेस की छवि मजबूत करने का प्रयास है।
अगर खबर पसंद आई हो तो इसे शेयर ज़रूर करें!

