पटना। विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे बिहार में प्रचार-दौड़ जोर पकड़ रही है। मतदान पहले चरण में 6 नवंबर को होना है और इस वक्त सभी प्रमुख दल अपनी पुरज़ोर कोशिशों में हैं। आज राज्य में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की रैलियाँ हो रही हैं। इस बीच अमित शाह ने एक बार फिर से विपक्षी दलों विशेष रूप से Indian National Congress (कांग्रेस) पर तीखा हमला किया है।
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विपक्ष पर तीखा आरोप
अमित शाह ने कहा कि पिछले दशकों में आतंकवाद को खत्म करने के लिए व्यापक कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने दावा किया कि पहले कांग्रेस सत्ता में थी और उस दौरान प्रतिदिन आतंकवादी हमला होते थे लेकिन कठोर कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि ‘‘आतंकवादियों को बिरयानी खिलाई जाती थी’’ और जब नरेंद्र मोदी की सरकार आई तो उसने उरी, पुलवामा, पहलगाम, सर्जिकल स्ट्राइक, एयरस्ट्राइक, ऑपरेशन सिंदूर जैसे बड़े कदम उठाए और देश को सुरक्षित बनाया।
उन्होंने आगे कहा कि ‘‘राहुल गांधी छठ मैया का अपमान करते हैं। क्या ऐसा करना चाहिए? राहुल गांधी, आप मोदी जी का जितना चाहें उतना अपमान कर सकते हैं, हमें आपत्ति नहीं है। लेकिन आपने छठ मैया का अपमान किया है। बिहार के लोग इसे हमेशा याद रखेंगे।’’
विकास का दावा और शिक्षा पर निशाना
शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस और Rashtriya Janata Dal (RJD) सिर्फ घुसपैठियों से जुड़ी राजनीति करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बिहार का भविष्य आप तय करेंगे या घुसपैठिये तय करेंगे? उन्होंने कहा कि बिहार को घुसपैठियों से बचाने की जरूरत है और उनकी सरकार आने पर उन्हें हटाने का काम किया जाएगा।
उन्होेंने कहा कि कांग्रेस ने पहले कहा था कि जब उसकी सत्ता आएगी तब बिहार में Nalanda University जैसा विश्वविद्यालय बनेगा, पर उन्होंने सिर्फ 20 करोड़ रुपये दिए और फिर भूल गए। हमारी सरकार ने 10 साल में विश्वविद्यालय के लिए 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा बजट दिया है तथा आज 21 से ज़्यादा देशों के छात्र वहाँ पढ़ रहे हैं।
गठबंधन पर हमला-राष्ट्रवादी संदेश
शाह ने विपक्षी गठबंधन (INDIA bloc) को ‘‘महा-घोटबंधन’’ कहा और कहा कि उनसे बिहार नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले बिहार ‘‘जंगलराज’’ में था — अपहरण-फिरौती, हत्या, अपराध देर तक चलता था। उन्होंने यह पूरा मुक़ाबला विकास के एजेंडे से जोड़ा और कहा कि मतदान इस बार आपको तय करना है कि आपको जंगलराज चाहिए या विकास।
मतदान प्रक्रिया, प्रचार और माहौल
राज्य में सभी दल अपने प्रचार में जुटे हैं। आज अमित शाह तथा अन्य बड़े नेता कई जिलों में रैलियाँ करेंगे, जिससे चुनावी तापमान और बढ़ गया है। प्रशासन ने भी सुरक्षा-व्यवस्था और मतदान प्रक्रिया को सुचारु बनाने के लिए कदम उठाए हैं।
चुनाव का पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को आयोजित है। मतगणना 14 नवंबर को होगी। इस बार मतदान के साथ साथ मतदाता सूची, घुसपैठियों और चुनाव-सुरक्षा जैसे बिंदुओं पर भी बहस तेज है।
बिहार में इस चुनाव में सिर्फ सीटों की जंग नहीं बल्कि राजनीति-संदेश का व्यापक संवाद चल रहा है। अमित शाह के बयान ने स्पष्ट कर दिया है कि केंद्रीय नेतृत्व किस तरह से विपक्षी दलों को घेरना चाहता है और विकास व सुरक्षा की पद्धति को आगे रख रहा है। अब यह देखना होगा कि मतदाता इन बयानों और एजेंडों को किस दृष्टि से लेते हैं और 6 नवंबर को किस दिशा में मतदान करते हैं।
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