🕒 Published 5 months ago (7:27 AM)
नोएडा स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट, जिसे देश के बेहतरीन खेल हब के रूप में विकसित करने का वादा किया गया था, आज भ्रष्टाचार और घोटाले का पर्याय बन गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई (CBI) ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं और दिल्ली-नोएडा सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की है। इस जांच में कई प्राइवेट कंपनियों, उनके निदेशकों और अज्ञात सरकारी अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है।
क्या था नोएडा स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट?
नोएडा के सेक्टर 78, 79 और 150 में विश्वस्तरीय खेल सुविधाओं के साथ आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्र विकसित करने के उद्देश्य से स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी। इस परियोजना के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम, खेल अकादमियां, और आवासीय सुविधाएं विकसित की जानी थीं, लेकिन अब यह परियोजना विवादों में घिर गई है।

घोटाले के आरोप और गड़बड़ियां
2011 से 2014 के बीच स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट के आवंटन, विकास और स्वीकृति में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। आरोप है कि प्रोजेक्ट के आवंटन के बाद कई शर्तों का उल्लंघन किया गया और नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों की मिलीभगत से कंपनियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया। कैग (CAG) की रिपोर्ट में इस घोटाले का खुलासा पहले ही हो चुका था, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी।
सरकारी अनुमानों के मुताबिक, इस घोटाले से सरकार को करीब 9,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
सीबीआई की कार्रवाई और बरामद सबूत
सीबीआई ने दिल्ली और नोएडा में कई ठिकानों पर छापेमारी कर अहम दस्तावेज, डिजिटल डेटा और अन्य महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए हैं। इन सबूतों की जांच के बाद कई अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई संभव है। सीबीआई अब यह खंगाल रही है कि इस घोटाले में कौन-कौन से बड़े नाम शामिल हैं और किस हद तक भ्रष्टाचार किया गया है।
नोएडा में पहले भी हुए हैं बड़े घोटाले
यह पहला मौका नहीं है जब नोएडा विकास प्राधिकरण भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा हो। इससे पहले भी कई बड़े घोटाले सामने आ चुके हैं:
- यादव सिंह घोटाला (2016): नोएडा अथॉरिटी के इंजीनियर यादव सिंह पर 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के भ्रष्टाचार का आरोप लगा था।
- प्लॉट आवंटन घोटाला (2019): इसमें फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए सरकारी जमीन पर कब्जा करने के मामले सामने आए थे।
दोषियों को सजा दिलाने की मांग तेज
नोएडा के कई निवासियों और होमबायर्स ने इस घोटाले की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है। सरकार भी इस मामले को गंभीरता से ले रही है और सीबीआई को पूरी छूट दी गई है ताकि कोई भी दोषी बच न सके। यदि जांच में किसी बड़े नाम की संलिप्तता पाई जाती है, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नोएडा स्पोर्ट्स सिटी घोटाला सिर्फ भ्रष्टाचार का एक मामला नहीं, बल्कि उन हजारों होमबायर्स और खिलाड़ियों के सपनों पर लगा धब्बा भी है, जिन्होंने इस प्रोजेक्ट से उम्मीदें लगाई थीं। अब देखना यह होगा कि सीबीआई की जांच कितनी पारदर्शिता से आगे बढ़ती है और क्या इस बार दोषियों को सही मायनों में न्याय के कटघरे में लाया जाता है या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।
अधिक जानकारी और ताज़ा ख़बरों के लिए जुड़े रहें hindustanuday.com के साथ।