🕒 Published 4 months ago (5:40 AM)
छत्तीसगढ़ में बड़ा एनकाउंटर: सुकमा में 16 नक्सली ढेर, टॉप लीडर भी मारा गया, एसपी के नेतृत्व में ऑपरेशन
छत्तीसगढ़ में एक बार फिर नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्रवाई की है। सुकमा जिले में हुए एक एनकाउंटर में 16 नक्सलियों को मार गिराया गया, जिसमें एक टॉप नक्सली लीडर भी ढेर हो गया। इस ऑपरेशन की खास बात यह थी कि इस पूरी कार्रवाई को सुकमा एसपी ने खुद लीड किया। मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के एक बड़े कैडर को घेर लिया और उनकी पूरी योजना को नाकाम कर दिया।
इस बड़े एनकाउंटर ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों का संघर्ष निरंतर जारी है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे यह ऑपरेशन हुआ, इस मुठभेड़ के दौरान क्या-क्या हुआ, और इसमें मारे गए नक्सलियों का क्या था इतिहास। तो आइए, एक नजर डालते हैं छत्तीसगढ़ में इस बड़े एनकाउंटर के पूरे घटनाक्रम पर।
छत्तीसगढ़ में बड़ा एनकाउंटर: एसपी के नेतृत्व में मुठभेड़
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक बार फिर नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्रवाई की है। यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ में बड़ा एनकाउंटर साबित हुआ, जिसमें 16 नक्सलियों के शव बरामद किए गए। बताया जा रहा है कि इस ऑपरेशन में एक टॉप नक्सली लीडर भी मारा गया। यह ऑपरेशन सुकमा एसपी की निगरानी में हुआ, जिन्होंने इस मुठभेड़ का नेतृत्व किया। ऑपरेशन में सीआरपीएफ और डीआरजी की संयुक्त टीम शामिल थी।
सुरक्षा बलों के जवानों ने सुबह-सुबह इलाके में सर्चिंग अभियान शुरू किया था। जैसे ही जवान इलाके में घुसे, नक्सलियों ने उन पर फायरिंग करना शुरू कर दिया। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच भारी मुठभेड़ हुई, जिसमें नक्सली संगठन को करारा झटका लगा।
ऑपरेशन का मकसद और नक्सलियों का बड़ा कैडर घेरना
सुरक्षा बलों का मुख्य उद्देश्य था नक्सलियों के बड़े कैडर को घेरना और उनका मुकाबला करना। सुकमा जिले का यह इलाका नक्सलियों के लिए एक प्रमुख ठिकाना माना जाता है, जहां उनकी गतिविधियां काफी ज्यादा रहती हैं। सुरक्षा बलों ने इस इलाके में घुसकर नक्सलियों के खिलाफ रणनीति बनाई और उन्हें घेरने में सफलता पाई।
इस ऑपरेशन में डीआरजी और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम के जवान शामिल थे, जो पूरी तरह से प्रशिक्षित और तैयार थे। जवानों ने नक्सलियों के मुख्य ठिकानों पर हमला किया और उनके कई महत्वपूर्ण ठिकानों को नष्ट कर दिया। इसके बाद नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखी गई, जिसमें मुठभेड़ के दौरान 16 नक्सलियों को मार गिराया गया।
मारे गए नक्सलियों में टॉप लीडर का भी होना बताया गया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस छत्तीसगढ़ में बड़े एनकाउंटर में मारे गए नक्सलियों में एक टॉप लीडर भी था। यह लीडर माओवादी संगठन का एक महत्वपूर्ण सदस्य था, जो कई बड़े अभियानों में शामिल रहा था। बताया जा रहा है कि इस एनकाउंटर में मारे गए नक्सली लीडर का नाम जगदीश था, जो एक प्रमुख माओवादी था।
इसके अलावा, मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार भी बरामद किए हैं। बरामद हुए हथियारों में इंसास राइफल, SLR जैसे ऑटोमैटिक वेपंस शामिल हैं। यह बरामदी न केवल सुरक्षा बलों की सफलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि नक्सलियों के पास भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री थी, जिससे वे बड़ी घटनाओं को अंजाम दे सकते थे।
घायल जवान और सुकमा एसपी की भूमिका
इस एनकाउंटर के दौरान दो जवान घायल भी हुए हैं, हालांकि उनकी स्थिति सामान्य बताई जा रही है। घायल जवानों को तत्काल उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है। इन जवानों की बहादुरी की कहानी भी कम नहीं है, जिन्होंने नक्सलियों से सीधे मुकाबला किया और उनकी योजना को नाकाम किया।
सुकमा एसपी की भूमिका इस ऑपरेशन में महत्वपूर्ण रही है। एसपी ने खुद मोर्चा संभालते हुए इस ऑपरेशन का नेतृत्व किया। उनकी पूरी टीम ने मिलकर नक्सलियों के खिलाफ यह बड़ा कदम उठाया और सफलता हासिल की।
नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अभियान जारी
यह मुठभेड़ नक्सल विरोधी अभियान के तहत की गई थी, जिसमें सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई की। इस महीने में यह जवानों का दूसरा बड़ा ऑपरेशन है, जो सफल रहा है। इससे पहले भी जवानों ने बीजापुर और कांकेर जिलों में बड़े एनकाउंटर किए थे, जिनमें कई नक्सली मारे गए थे।
नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अभियान लगातार जारी है। इस अभियान में नक्सलियों के बड़े और महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है। इस दौरान माओवादी संगठन के कई बड़े नेता मारे गए हैं और उनके खिलाफ सुरक्षाबल ने मजबूत कदम उठाए हैं।
छत्तीसगढ़ में बड़ा एनकाउंटर: आगे की रणनीति क्या होगी?
इस सफल ऑपरेशन के बाद अब यह सवाल उठता है कि नक्सलियों के खिलाफ आगे की रणनीति क्या होगी? सुरक्षा बलों का मानना है कि यह मुठभेड़ नक्सलियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम था, लेकिन अभी भी इस संगठन को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए कई और कदम उठाने होंगे।
सुरक्षा बलों की टीम अब नक्सलियों के बाकी ठिकानों की ओर बढ़ने की तैयारी कर रही है, ताकि उनकी पूरी योजना को नाकाम किया जा सके। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों को जनता का समर्थन भी मिल रहा है, जिससे इस अभियान को और मजबूती मिलेगी।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ में हुआ यह बड़ा एनकाउंटर न केवल सुरक्षा बलों की बड़ी जीत है, बल्कि यह माओवादी संगठन के खिलाफ सुरक्षा बलों के संघर्ष की निरंतरता को भी दिखाता है। यह एनकाउंटर नक्सलियों के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षा बल उन्हें हर कदम पर घेरने और नष्ट करने के लिए तैयार हैं। इस ऑपरेशन में मारे गए नक्सलियों के शव और बरामद हुए हथियार इस बात का प्रमाण हैं कि सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।
छत्तीसगढ़ में बड़ा एनकाउंटर हुआ, और सुरक्षा बलों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे नक्सलवाद के खिलाफ हर हाल में संघर्ष करेंगे।
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