बेंगलुरु भगदड़ मामला: RCB, इवेंट कंपनी और KSCA पर गंभीर धाराओं में FIR, CID जांच शुरू

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By Rita Sharma

🕒 Published 1 week ago (6:08 AM)

बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई दर्दनाक भगदड़, जिसमें 11 लोगों की जान गई और 56 घायल हुए, अब महज एक हादसा नहीं रह गया है। प्रशासन ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

RCB, आयोजन कंपनी और KSCA के खिलाफ एफआईआर
इस मामले में कब्बन पार्क पुलिस ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB), डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स (जो कार्यक्रम की आयोजक थी), कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है।

इन धाराओं में मामला दर्ज किया गया:
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ है, वे इस मामले को बहुत गंभीर बनाती हैं:

  • धारा 105 – गैर इरादतन हत्या
  • धारा 115 – जान-बूझकर चोट पहुंचाना
  • धारा 118 – खतरनाक तरीके से गंभीर चोट
  • धारा 125(12) – दूसरों की जान को खतरे में डालना
  • धारा 132 – लोक सेवक को रोकना
  • धारा 142 – गैरकानूनी जमावड़ा
  • धारा 121 – किसी अपराध के लिए उकसाना
  • धारा 190 – भीड़ में शामिल होकर अपराध की जिम्मेदारी

इन धाराओं से स्पष्ट है कि प्रशासन इसे महज भीड़ के नियंत्रण से बाहर हो जाने का मामला नहीं, बल्कि एक प्रणालीगत विफलता और घोर प्रबंधन चूक के रूप में देख रहा है।

अब CID करेगी जांच, SIT का गठन

कर्नाटक सरकार ने हाईकोर्ट को बताया है कि इस संवेदनशील मामले की जांच CID (क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट) को सौंपी गई है। CID के तहत एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई जा रही है जो पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जांच करेगी।

इसके अलावा, एक मजिस्ट्रेट जांच भी शुरू की गई है, जिसकी जिम्मेदारी बेंगलुरु सिटी के डिप्टी कमिश्नर और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को सौंपी गई है। यह जांच 15 दिनों में पूरी की जाएगी, जिसमें यह पता लगाया जाएगा:

  • भगदड़ की असली वजह क्या थी?
  • कहां चूक हुई?
  • किसकी जिम्मेदारी बनती है?

2.5 लाख लोगों की भीड़ पर क्यों नहीं चला नियंत्रण?

सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, इवेंट के दिन स्टेडियम के पास करीब 2.5 लाख लोग जमा हो गए थे। मौके पर 1380 पुलिसकर्मी और KSRP के 13 प्लाटून (कुल 325 जवान) तैनात थे, लेकिन इसके बावजूद भीड़ कई गेटों पर बेकाबू हो गई, जिससे भगदड़ मच गई।

अब सवाल उठ रहा है कि जब इतने बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया, तो भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा की समुचित व्यवस्था क्यों नहीं की गई? क्या आयोजकों ने अनुमति से अधिक संख्या की भीड़ को आमंत्रित किया?

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