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अंदर TMC छात्रनेता मोनोजीत कर रहा था दरिंदगी, बाहर सुरक्षा गार्ड दे रहा था पहरा: कोलकाता गैंगरेप केस में चौथा आरोपी गिरफ्तार

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी एक बार फिर शर्मसार हो गई है। कोलकाता लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली 24 वर्षीय छात्रा के साथ दिन-दहाड़े गैंगरेप की वारदात सामने आई है। इस घिनौने अपराध में कॉलेज के पूर्व छात्र और तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (TMCP) के नेता मोनोजित मिश्रा मुख्य आरोपी है, जिसे उसके तीन साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया है। चौथा आरोपी कॉलेज का सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी है, जो गेट पर पहरा देता रहा जबकि भीतर दरिंदगी चलती रही।

शादी से इनकार पर की गई दरिंदगी

पीड़िता के अनुसार, मोनोजित ने उसे शादी का प्रस्ताव दिया था, जिसे उसने ठुकरा दिया। इसके बाद मोनोजित ने अपने साथियों के साथ मिलकर पहले उसे पीटा और फिर घसीटकर गार्ड रूम में ले जाकर गैंगरेप किया। इस दौरान तीनों आरोपियों ने सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को गेट पर निगरानी रखने को कहा था ताकि किसी के आने पर वो इशारा कर सके।

गिरफ्तार हुए चारों आरोपी

अब तक इस मामले में कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें मोनोजित मिश्रा, जैब अहमद (19), प्रमित मुखोपाध्याय (20), और सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी शामिल हैं। जैब और प्रमित कॉलेज के थर्ड सेमेस्टर के छात्र हैं, जबकि मोनोजित कॉलेज पासआउट होने के बाद भी क्लेरिकल स्टाफ के तौर पर कॉलेज से जुड़ा था।

मेडिकल रिपोर्ट ने किया पुष्टि

पीड़िता की मेडिकल जांच कोलकाता के नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (CNMC) में कराई गई, जिसमें गैंगरेप की पुष्टि हुई है। पीड़िता के शरीर पर मारपीट, काटने और नाखून से खरोंच के निशान भी मिले हैं। पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह घटना अत्यंत गंभीर है और आरोपियों पर कठोर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

टीएमसी सांसद के बयान से मचा बवाल

इस पूरे मामले पर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के बयान ने आग में घी का काम किया। उन्होंने कहा, “कुछ ही पुरुष ऐसे अपराध करते हैं। लेकिन अगर एक दोस्त अपने ही दोस्त का रेप करे तो क्या किया जा सकता है?” साथ ही उन्होंने कॉलेजों में हर समय पुलिस की तैनाती को अव्यावहारिक बताया। इस बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है।

भाजपा ने साधा ममता सरकार पर निशाना

भाजपा ने टीएमसी सांसद के बयान को शर्मनाक बताते हुए कहा कि यह बयान अपराधियों को संरक्षण देने जैसा है। बीजेपी ने आरोप लगाया कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार पूरी तरह विफल रही है। भाजपा युवा मोर्चा ने इस घटना के विरोध में कसबा थाने के बाहर प्रदर्शन किया, जहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई। स्थिति संभालने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें कई कार्यकर्ता घायल हुए और कुछ को हिरासत में लिया गया।

आरोपी के संबंध सत्ता से जुड़े

जानकारी के मुताबिक, मोनोजित मिश्रा टीएमसीपी की कॉलेज यूनिट का अध्यक्ष रह चुका है और टीएमसी विधायक अशोक देब द्वारा कॉलेज की गवर्निंग बॉडी में ‘कैज़ुअल क्लरिकल स्टाफ’ के रूप में हायर किया गया था। हालांकि, अब टीएमसी और उसकी छात्र इकाई TMCP ने मोनोजित से किनारा कर लिया है। टीएमसीपी अध्यक्ष त्रिणांकुर भट्टाचार्य ने कहा कि, “मोनोजित अब हमारी यूनिट में नहीं है। अगर वह दोषी है, तो सख्त सजा मिलनी चाहिए।”

पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग तेज

यह मामला न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि कॉलेज कैंपस की सुरक्षा व्यवस्था और छात्र राजनीति में अपराधियों की घुसपैठ को भी उजागर करता है। सोशल मीडिया पर पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग जोर पकड़ रही है। इस केस ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या आज के कॉलेज परिसर वास्तव में सुरक्षित हैं?

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