मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल 13 अप्रैल 2025। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। बीते कुछ दिनों से जिले के सुती और शमशेरगंज इलाकों में लगातार आगजनी, लूटपाट, तोड़फोड़ और हमलों की घटनाएं सामने आ रही हैं। इन घटनाओं में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक पिता और पुत्र शामिल हैं। कई इलाकों में पुलिसकर्मियों पर हमले हुए हैं, जिसमें दस से अधिक जवान घायल हुए हैं।
स्थिति को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने तत्काल प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से स्थानीय प्रशासन को मदद देने के लिए पहले से तैनात बीएसएफ जवानों के अलावा पांच अतिरिक्त कंपनियां भेजी गई हैं। गृह सचिव गोविंद मोहन ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हालात की समीक्षा की और राज्य को शांति बहाल करने के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
हिंसा के बाद इलाके में तनाव लगातार बना हुआ है। जाफराबाद में एक घर से दो शव बरामद हुए हैं, जिन पर धारदार हथियारों से हमले के निशान पाए गए हैं। वहीं, एक 21 वर्षीय युवक की गोली लगने से मौत हुई है। इसके अलावा दो बीड़ी फैक्ट्री मजदूरों को भी गोली मारी गई, जो अस्पताल में भर्ती हैं।
राज्य के पुलिस प्रमुख ने बताया कि अब तक कुल 138 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और कई संदिग्धों की पहचान की जा रही है। हिंसा को रोकने के लिए कई इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद किया गया है ताकि अफवाहों पर लगाम लगाई जा सके।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ किया है कि वक्फ कानून केंद्र द्वारा पारित किया गया है और राज्य में इसे लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि किसी भी उकसावे या अफवाह में न आएं। मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल धार्मिक भावनाओं को भड़काकर स्थिति को और खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने हिंसा पर स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रभावित इलाकों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोपरि है और ऐसी स्थिति में अदालत मूकदर्शक नहीं रह सकती।
विपक्ष की ओर से भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की जांच एनआईए से कराने की मांग की है। उन्होंने इस हिंसा को “पूर्व नियोजित साजिश” बताया और आरोप लगाया कि यह लोकतंत्र के खिलाफ जिहादी ताकतों का हमला है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि ममता सरकार प्रदर्शनकारियों के सामने झुक गई है और राज्य के हिंदुओं की सुरक्षा में विफल रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हिंसा नहीं रुकी तो विरोध तेज होगा।
तृणमूल कांग्रेस ने पलटवार करते हुए भाजपा पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि विपक्ष चुनावी लाभ के लिए समाज में तनाव फैला रहा है।
फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और प्रशासन की ओर से लगातार गश्त, गिरफ्तारियां और शांति बनाए रखने के प्रयास जारी हैं। केंद्र और राज्य दोनों की नजर अब आने वाले दिनों की स्थिति पर टिकी है।
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