“इसी सोच के कारण विपक्ष अगले 20 साल तक वहीं बैठा रहेगा” — सदन में गरजे गृहमंत्री अमित शाह

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By Hindustan Uday

🕒 Published 5 days ago (10:52 PM)

नई दिल्ली। लोकसभा में सोमवार को जैसे ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विस्तार से बयान देना शुरू किया, सदन का माहौल गरमा गया। जयशंकर ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई और पाकिस्तान की पोल खोलने वाली रणनीति की जानकारी देनी शुरू की, तभी विपक्षी दलों ने शोर-शराबा शुरू कर दिया।

इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि, “इसी मानसिकता के कारण विपक्ष अगले 20 वर्षों तक विपक्ष में ही बैठा रहेगा।”

विदेश मंत्री की जानकारी, विपक्ष का हंगामा

एस जयशंकर ने सदन को बताया कि पहलगाम हमले के बाद भारत ने न केवल पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया, बल्कि वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की छवि भी धूमिल की। उन्होंने कहा कि हमले के बाद पीएम मोदी के साथ उनकी 27 बार बातचीत हुई, जिसके बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया।

जयशंकर के बयान के दौरान विपक्षी सांसदों के हस्तक्षेप पर अमित शाह ने नाराजगी जताते हुए कहा, “जब इतने गंभीर विषय पर देश का विदेश मंत्री बोल रहा हो, तब बीच में बोलना क्या शोभा देता है?”

“विदेशी पर भरोसा, भारत के मंत्री पर नहीं”

अमित शाह ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मुझे इस बात पर आश्चर्य होता है कि विपक्ष को भारत के विदेश मंत्री पर विश्वास नहीं है, लेकिन विदेशी ताकतों पर भरोसा है। कांग्रेस की संस्कृति में विदेशी नेतृत्व की अहमियत हो सकती है, पर इसे संसद पर न थोपा जाए।”

उन्होंने आगे कहा, “जब आपके नेता झूठ बोल रहे थे तब हम धैर्य से सुन रहे थे। हमने असत्य को विष की तरह पी लिया, लेकिन जब सच बोला जा रहा है तो आप सुन नहीं पा रहे।”

इतिहास की समझ पर भी उठाया सवाल

विदेश मंत्री जयशंकर ने विपक्ष के नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इतिहास की समझ नहीं है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) 1950 में बना था और चीन-पाकिस्तान सैन्य गठजोड़ की शुरुआत 1966 में हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि जब 1980 में राजीव गांधी पाकिस्तान और चीन गए थे, उस समय दोनों देशों के बीच परमाणु सहयोग चरम पर था।

“जो कभी कुछ न कर सके, वही सवाल पूछ रहे हैं”

जयशंकर ने यूपीए सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए और कहा कि “मुंबई ट्रेन ब्लास्ट हो या 26/11, उस समय की सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। आज वही लोग हमसे जवाब मांग रहे हैं। क्या यह हास्यास्पद नहीं है?”

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