🕒 Published 2 months ago (9:11 AM)
Bangladesh Political Crisis: बांग्लादेश में एक बार फिर सियासी भूचाल आने की आहट है। तख्तापलट के बाद सत्ता में आए मोहम्मद यूनुस अब खुद चौतरफा घिरे हुए हैं। विरोधियों का दबाव, सेना की चेतावनी और बढ़ते प्रदर्शनों के बीच यूनुस ने इस्तीफे की बात कह दी है। उन्होंने कहा—”मैं खुद को बंधक जैसा महसूस कर रहा हूं…” तो क्या बांग्लादेश में एक और सत्ता परिवर्तन की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है? आइए जानते हैं पूरी कहानी।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस इन दिनों चारों तरफ से घिरे हुए हैं। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि खुद यूनुस ने अपने इस्तीफे की बात कह दी है। ढाका में हुई एडवाइजरी काउंसिल की बैठक में उन्होंने मौजूदा राजनीतिक हालात पर नाराजगी जताई और कहा कि वह अब इस माहौल में काम नहीं कर सकते। छात्र नेता नाहिद इस्लाम ने भी पुष्टि की है कि यूनुस खुद को बंधक जैसा महसूस कर रहे हैं और वह अपने पद से हटने का मन बना चुके हैं।
दरअसल, यूनुस को सेना से कड़ी चेतावनी मिली है कि वह दिसंबर तक चुनाव कराएं, वरना नतीजे भुगतने होंगे। इसी बीच खबरें सामने आई हैं कि यूनुस सरकार ने अमेरिका के साथ म्यांमार सीमा पर मानवीय गलियारे को लेकर कोई गुप्त डील की थी, जिससे सेना और सरकार के रिश्तों में और खटास आ गई है।
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यही नहीं, विपक्षी पार्टियां और छात्र संगठन लगातार सड़कों पर हैं। मांग है कि सरकार से महफूज आसिफ और खलीलुर्रहमान जैसे नेताओं को बाहर किया जाए और जल्द चुनाव कराए जाएं। ऐसे में यूनुस की अगुवाई वाली सरकार पर चौतरफा दबाव बन गया है।
बता दें कि पिछले साल अगस्त में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद यूनुस को अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन अब वही यूनुस खुद कह रहे हैं कि मौजूदा हालात में काम करना नामुमकिन हो गया है।
तो बांग्लादेश में सत्ता का नया मोड़ अब ज्यादा दूर नहीं लगता। क्या मोहम्मद यूनुस इस्तीफा देंगे? क्या बांग्लादेश में एक और राजनीतिक उठापटक देखने को मिलेगी? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में साफ हो जाएंगे, लेकिन इतना तय है कि वहां का सियासी पारा तेजी से चढ़ता जा रहा है।