🕒 Published 2 months ago (4:30 AM)
Baba Ramdev on Waqf Bill: योगगुरु बाबा रामदेव ने धार्मिक पर्वों पर प्रतिबंध लगाने की निंदा करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित और वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा बताया। रविवार को रामनवमी के अवसर पर पतंजलि योगपीठ में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “भारत सनातन धर्म का देश है। यह राम, कृष्ण, हनुमान और शिव की भूमि है, जहां सभी का सम्मान होता है। हिंदुत्व किसी से घृणा नहीं करता और न ही किसी के प्रति द्वेष रखता है।”
गांवों के नाम बदलने का समर्थन
बाबा रामदेव ने उत्तराखंड सरकार द्वारा गांवों के नाम बदले जाने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भारत में सभी धर्मों के लिए समान कानून की व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही वक्फ कानून को लेकर उठ रहे विरोध को भी उन्होंने वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित बताया।
संस्थानों का विलय, 31वां संन्यास दिवस मनाया गया
इस अवसर पर दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट), कृपालु बाग आश्रम और दिव्य योग मंदिर राममुलख दरबार का पतंजलि योगपीठ में विलय किया गया। बाबा रामदेव ने बताया कि 30 वर्ष पहले उन्होंने संन्यास ग्रहण किया था और दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट) की स्थापना की थी। अब यह एक संयोग ही है कि योगेश्वर स्वामी रामलाल महाराज के दिव्य योग मंदिर राममुलख दरबार और पतंजलि योगपीठ एक हो गए।
योगगुरु ने कहा कि योग परंपरा को मजबूत बनाए रखने के लिए स्वामी रामलाल महाराज ने रामनवमी के शुभ अवसर पर यह आहुति अर्पित की है। इस दौरान आचार्य बालकृष्ण ने बाबा रामदेव को माला पहनाकर शुभकामनाएं दीं और सभी देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं दीं।
पतंजलि वेलनेस फेस-2 स्थित योग भवन सभागार में 31वां संन्यास दिवस भी मनाया गया, जिसमें नवरात्रि यज्ञ, वैदिक अनुष्ठान और कन्या पूजन का आयोजन किया गया।