Author name: Pradeep dabas

Shashi Tharoor On Pakistan
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Shashi Tharoor On Pakistan: डिफेंस की आड़ में अटैक! थरूर ने खोली पाकिस्तान की पोल

Shashi Tharoor On Pakistan: कांग्रेस सांसद डॉ. शशि थरूर ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि उसके 81 फीसदी सैन्य उपकरण चीन से आते हैं, और इनका इस्तेमाल वह देश की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि हमले के लिए करता है। थरूर इस समय कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में हैं, जहां वे भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीतियों को साझा करने के उद्देश्य से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। पाकिस्तान-चीन गठजोड़ पर सवाल बोगोटा में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए थरूर ने कहा, “हमें भलीभांति मालूम है कि पाकिस्तान में इस्तेमाल हो रहे सैन्य उपकरणों का 81 प्रतिशत चीन से आता है। हालांकि ‘डिफेंस इक्विप्मेंट’ एक बहुत उदार शब्द है, क्योंकि ये उपकरण पाकिस्तान की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि आक्रामक कार्रवाई के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के बीच बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान के बंदरगाह से चीन को जोड़ने वाला गलियारा चीन के लिए सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। “इस कॉरिडोर के जरिए सामान को चीन तक तेज़ी और सस्ते में पहुंचाया जा सकता है,” थरूर ने कहा। भारत का स्पष्ट रुख: आत्मरक्षा का अधिकार थरूर ने यह भी कहा कि भारत की लड़ाई सिर्फ आतंकवाद से नहीं, बल्कि उन लोगों से है जो आतंकवाद को प्रायोजित करते हैं और उन्हें पनाह देते हैं। उन्होंने पाकिस्तान में चल रहे आतंकी ठिकानों पर भारतीय कार्रवाई को आत्मरक्षा का अधिकार बताया। कोलंबिया की प्रतिक्रिया पर असंतोष शशि थरूर ने कोलंबिया सरकार की प्रतिक्रिया पर निराशा जताई, जिसने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारत की कार्रवाई के दौरान मारे गए लोगों के लिए संवेदना प्रकट की थी। उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि शायद कोलंबिया सरकार ने स्थिति को पूरी तरह नहीं समझा। भारत ऐसा देश है जो दुनिया में शांति और प्रगति का प्रतीक रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि दुनिया की अन्य सरकारें उन लोगों से कहेंगी कि वे आतंकियों को पनाह देना बंद करें।” “हमारे पास हैं ठोस सबूत” थरूर ने पाकिस्तान पर पुख्ता सबूतों के आधार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, तो इसकी जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ नाम के संगठन ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा की एक इकाई है और पाकिस्तान के मुरिदके में सक्रिय है। उन्होंने कहा, “हम कोलंबिया के अपने दोस्तों से कहेंगे कि आतंकियों को भेजने वालों और आतंक से लड़ने वालों के बीच कोई समानता नहीं हो सकती। हम सिर्फ आत्मरक्षा कर रहे हैं और अगर इस पर कोई भ्रम है, तो हम उसे दूर करने को तैयार हैं। हमें कोलंबिया सरकार को हमारी कार्रवाईयों की विस्तृत जानकारी देने में खुशी होगी।” यह भी पढ़े: Modi Cabinet Meeting: किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, एमएसपी में बढ़ोतरी और कर्ज पर छूट, कैबिनेट के 5 बड़े फैसले Modi Cabinet Meeting: किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, एमएसपी में बढ़ोतरी और कर्ज पर छूट, कैबिनेट के 5 बड़े फैसले पांच देशों की यात्रा पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल गौरतलब है कि शशि थरूर की अगुवाई में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल इन दिनों गुयाना, पनामा, कोलंबिया, अमेरिका और ब्राजील की यात्रा पर है। इस दौरान भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीतियों, खासकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी सफल कार्रवाइयों की जानकारी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साझा की जा रही है। शशि थरूर ने बोगोटा से पाकिस्तान पर सीधे आरोप लगाते हुए दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत किसी भी आतंकी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा। चीन-पाक गठजोड़ पर सवाल उठाते हुए उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सिर्फ अपनी रक्षा नहीं कर रहा, बल्कि दुनिया को भी आतंक के खिलाफ सचेत कर रहा है।

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Modi Cabinet Meeting: किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, एमएसपी में बढ़ोतरी और कर्ज पर छूट, कैबिनेट के 5 बड़े फैसले

Modi Cabinet Meeting: केंद्र सरकार ने किसानों और बुनियादी ढांचे से जुड़ी कई अहम घोषणाएं की हैं। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कृषि क्षेत्र को मजबूती देने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। खरीफ फसलों का एमएसपी बढ़ाया गया है, किसानों को ब्याज में राहत दी गई है और साथ ही कई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी दी गई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि केंद्र सरकार ने किसानों के हित में दो अहम फैसले लिए हैं – पहला, खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि और दूसरा, किसानों को मिलने वाली ब्याज सहायता योजना को मंजूरी देना। इसके अलावा सरकार ने तीन प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को भी हरी झंडी दी है। 1. खरीफ फसलों का MSP बढ़ा 2025-26 खरीफ सीजन के लिए केंद्र सरकार ने धान, मक्का, उड़द, मूंग, तूर और सोयाबीन जैसी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में इजाफा किया है। इसके लिए सरकार ने 2.07 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यह निर्णय किसानों की आय में वृद्धि और कृषि को लाभदायक व्यवसाय बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। 2. ब्याज सहायता योजना को मंजूरी सरकार ने ₹15,642 करोड़ की लागत वाली ब्याज सहायता योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत: किसानों को 2 लाख रुपये तक का शॉर्ट टर्म लोन 4% ब्याज दर पर मिलेगा। बैंक को सरकार की ओर से 1.5% ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को अतिरिक्त 3% की छूट मिलेगी, यानी उन्हें केवल 4% की दर से कर्ज मिलेगा। यह योजना किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कार्यशील पूंजी की सुविधा उपलब्ध कराएगी। सरकार बागवानी और पशुपालन जैसी गतिविधियों के लिए भी किसानों को 7% की रियायती ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध करा रही है। 3. बडवेल-नेल्लोर हाईवे प्रोजेक्ट कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश में 108 किलोमीटर लंबी बडवेल से नेल्लोर तक की फोर-लेन हाईवे परियोजना को मंजूरी दी है। यह परियोजना ₹3,653 करोड़ की लागत से BOT मॉडल पर विकसित की जाएगी और इसकी रियायत अवधि 20 वर्ष होगी। इससे क्षेत्र में कनेक्टिविटी बेहतर होगी और आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा। 4. वर्धा-बल्लारशाह रेलवे लाइन विस्तार महाराष्ट्र के वर्धा से बल्लारशाह के बीच रेलवे लाइन को दोहरीकरण की मंजूरी मिली है। इस परियोजना से माल और यात्री परिवहन की क्षमता दोगुनी हो जाएगी। यह क्षेत्र की आर्थिक तरक्की में मददगार साबित होगा। 5. रतलाम-नागदा रेलवे लाइन चौथी लाइन मध्यप्रदेश के रतलाम से नागदा के बीच 41 किलोमीटर लंबे रेलखंड पर चौथी रेलवे लाइन बिछाने को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना पर ₹1,018 करोड़ की लागत आएगी। इससे इस रूट पर ट्रेनों की आवाजाही सुगम और तेज हो सकेगी। रेलवे परियोजनाओं की कुल लागत ₹3,399 करोड़ कैबिनेट की बैठक में भारतीय रेलवे के लिए मल्टी ट्रैकिंग प्रोजेक्ट्स को भी स्वीकृति दी गई है, जिसमें वर्धा-बल्लारशाह और रतलाम-नागदा सेक्शन शामिल हैं। इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत ₹3,399 करोड़ है और इन्हें 2029-30 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। कुल मिलाकर, केंद्र सरकार के ये पांच बड़े फैसले किसानों की आय बढ़ाने, कर्ज का बोझ कम करने और देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में अहम माने जा रहे हैं। किसानों को एमएसपी में बढ़ोतरी और ब्याज सहायता से राहत मिलेगी, वहीं रेलवे और राजमार्ग प्रोजेक्ट्स से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और कनेक्टिविटी को भी बल मिलेगा।

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Mock Drill News: पाकिस्तान से सटे राज्यों में आज मॉक ड्रिल, क्या ये है कोई बड़ा संकेत?

Mock Drill News: पाकिस्तान से सटे चार राज्यों—जम्मू-कश्मीर, गुजरात, पंजाब और राजस्थान—में आज गुरुवार शाम को मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य सीमावर्ती इलाकों में आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों का परीक्षण करना है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी अफवाह से बचने की अपील की है। युद्ध जैसी स्थिति के लिए तैयारी इससे पहले 7 मई को पूरे देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी। इसमें आम नागरिकों, स्टाफ और छात्रों को एयर स्ट्राइक या आतंकी हमले जैसी स्थिति में खुद को कैसे सुरक्षित रखना है, इसकी ट्रेनिंग दी गई थी। इसके तहत ब्लैकआउट एक्सरसाइज भी की गई, जिसमें 12 मिनट के लिए लाइटें बंद रखी गई थीं। इसका मकसद था यह देखना कि दुश्मन की निगरानी से खुद को कैसे छिपाया जाए और अंधेरे में सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए। 1971 के बाद पहली बार इस स्तर की तैयारी जानकारों के अनुसार, इस तरह की व्यापक नागरिक तैयारी 1971 के भारत-पाक युद्ध के समय हुई थी। उस समय युद्ध के दौरान भी ऐसी मॉक ड्रिल की गई थी। अब एक बार फिर भारत-पाक संबंधों में बढ़ते तनाव को देखते हुए यह अभ्यास हो रहा है। क्यों हो रही है ये मॉक ड्रिल? दरअसल, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 टूरिस्टों की हत्या कर दी गई थी। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतर मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। इस हमले में करीब 100 आतंकियों को ढेर कर दिया गया था। इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया। इसके बाद 10 मई को शाम 5 बजे दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बनी, लेकिन पाकिस्तान अब भी भड़काऊ बयानबाजी कर रहा है, जिससे तनाव की स्थिति बनी हुई है। राजस्थान में खास तैयारियां, सायरन बजेंगे केंद्र सरकार के निर्देश के बाद राजस्थान समेत सभी सीमावर्ती राज्यों में मॉक ड्रिल की तैयारियां तेज़ हो गई हैं। राजस्थान में प्रशासन ने सभी जिलों को निर्देश भेज दिए हैं। पाकिस्तानी बॉर्डर से लगते जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजाए जाएंगे, और आपात व्यवस्थाओं की प्रभावशीलता को जांचा जाएगा। यह भी पढ़े: Tej Pratap-Anushka Controversy: तेज प्रताप-अनुष्का विवाद पर गरमाया मामला, भाई आकाश यादव बोले – ये मुगल-ए-आजम नहीं है, ये लोकतंत्र का दौर है Tej Pratap-Anushka Controversy: तेज प्रताप-अनुष्का विवाद पर गरमाया मामला, भाई आकाश यादव बोले – ये मुगल-ए-आजम नहीं है, ये लोकतंत्र का दौर है सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स में बंटवारा भारत सरकार ने देश के 259 जिलों को सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट के तौर पर वर्गीकृत किया है। ये जिले उनकी संवेदनशीलता के आधार पर तीन कैटेगरी में बांटे गए हैं: कैटेगरी-1: सबसे ज्यादा संवेदनशील जिले (कुल 13)। जैसे कि उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर, जहां नरौरा न्यूक्लियर प्लांट स्थित है। कैटेगरी-2: मीडियम रिस्क वाले जिले (कुल 201)। कैटेगरी-3: कम रिस्क वाले जिले (कुल 45)। इन जिलों में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट एक्सरसाइज के ज़रिए नागरिकों, सरकारी कर्मचारियों और छात्रों को आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है। क्या होती है मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट एक्सरसाइज? मॉक ड्रिल एक तरह की आपातकालीन अभ्यास प्रक्रिया है, जिसके जरिए यह देखा जाता है कि संकट की घड़ी में आम लोग और प्रशासन कितनी जल्दी और सही प्रतिक्रिया देते हैं। ब्लैकआउट एक्सरसाइज में एक तय समय के लिए इलाके की बिजली बंद कर दी जाती है, ताकि यह देखा जा सके कि अंधेरे में दुश्मन की निगरानी से कैसे बचा जाए और कैसे इलाके को छिपाकर रखा जा सकता है। देश की सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने और आम जनता को आपात परिस्थितियों के लिए तैयार रखने के उद्देश्य से आज पाकिस्तान से सटे चार राज्यों में मॉक ड्रिल की जा रही है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदले हालातों को देखते हुए यह कवायद बेहद अहम मानी जा रही है। जनता से अपील है कि वे प्रशासन का सहयोग करें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।

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Elon Musk: स्पेसएक्स को बड़ा झटका, स्टारशिप मिशन फिर फेल, हिंद महासागर के ऊपर फटा सुपर हैवी रॉकेट

एलन मस्क की स्पेस कंपनी स्पेसएक्स को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। मंगलवार शाम को लॉन्च किया गया स्टारशिप मेगा-रॉकेट, जो अब तक का सबसे बड़ा रॉकेट माना जा रहा था, उड़ान के दौरान नियंत्रण खो बैठा और हिंद महासागर के ऊपर विस्फोट हो गया। यह इस मिशन का नौवां परीक्षण था, जिसे सफल माना जा रहा था, लेकिन अंत में यह भी विफल साबित हुआ। टेक्सास से लॉन्च, लेकिन आसमान में धमाका स्पेसएक्स ने इस स्टारशिप मिशन की शुरुआत स्थानीय समय अनुसार शाम 6:36 बजे अमेरिका के टेक्सास राज्य में स्थित बोका चिका के पास अपनी स्टारबेस सुविधा से की थी। शुरुआत में रॉकेट ने अच्छी उड़ान भरी और लोगों को उम्मीद थी कि यह मिशन सफल हो सकता है, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, तकनीकी गड़बड़ी सामने आने लगी और फिर उड़ान के करीब 30 मिनट बाद रॉकेट में विस्फोट हो गया। लीक बना वजह, कंट्रोल हुआ खत्म स्पेसएक्स की ओर से बताया गया कि रॉकेट के ईंधन टैंक में रिसाव के कारण उसका संतुलन बिगड़ गया और वह अनियंत्रित रूप से घूमने लगा। यही नहीं, ऊपरी हिस्से में स्थित यान पेलोड डोर भी ठीक से नहीं खुल पाया, जिसके कारण नकली स्टारलिंक उपग्रहों को रिलीज नहीं किया जा सका। सुपर हैवी बूस्टर जो रॉकेट को अंतरिक्ष में ले जाने वाला मुख्य हिस्सा होता है, उसने 33 इंजनों के साथ उड़ान तो भरी, लेकिन अपेक्षित स्प्लैशडाउन से पहले ही वह फट गया। स्टारशिप ने कक्षा तो पकड़ी, लेकिन मिशन अधूरा हालांकि, यह बात जरूर सकारात्मक रही कि स्टारशिप अपने शुरुआती चरण में सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में पहुंचने में कामयाब रहा। मगर, मिशन का मूल उद्देश्य पूरा नहीं हो सका क्योंकि उपग्रहों को स्थापित नहीं किया जा सका। उड़ान की लाइव फुटेज में साफ देखा गया कि रॉकेट के चारों ओर आग की लपटें थीं और फिर वह तेज धमाके के साथ टूट गया। पहले भी हो चुके हैं विफल प्रयास गौरतलब है कि इससे पहले तीसरी परीक्षण उड़ान में भी इसी तरह की समस्या सामने आई थी, जब रॉकेट कैरेबियन सागर के ऊपर फट गया था। उस समय भी रॉकेट का मलबा आसमान में बिखर गया था और हवाई जहाजों को अपनी उड़ान का रास्ता बदलना पड़ा था। ऐसे में यह नौवां प्रयास भी स्पेसएक्स की उम्मीदों पर पानी फेर गया। स्पेसएक्स का आधिकारिक बयान इस घटना के बाद स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर बयान जारी करते हुए कहा, “जैसे कि उड़ान परीक्षण पर्याप्त रोमांचक नहीं था, स्टारशिप को एक तेज अनिर्धारित विघटन का सामना करना पड़ा। टीमें डेटा की समीक्षा करेंगी और अगली उड़ान के लिए तैयारी जारी रहेगी। इस तरह के परीक्षणों से मिलने वाला अनुभव हमें स्टारशिप की विश्वसनीयता को सुधारने में मदद करेगा। हमारा उद्देश्य मानव जीवन को बहुग्रहीय बनाना है।” इंजीनियरों को मिली नई सीख हालांकि मिशन विफल रहा, लेकिन स्पेसएक्स के इंजीनियरों का मानना है कि हर असफलता कुछ सिखाती है और इस प्रयोग से मिली जानकारी भविष्य की उड़ानों को बेहतर बनाएगी। कंपनी अब अगले परीक्षण की दिशा में काम शुरू कर चुकी है। एलन मस्क के महत्वाकांक्षी मंगल मिशन और अंतरग्रहीय यात्रा के सपने के लिए यह एक और बाधा साबित हुई है। अब देखना होगा कि अगली उड़ान में स्पेसएक्स इस तकनीकी खामी को सुधार कर अपने लक्ष्य की ओर कितना करीब पहुंच पाता है।

Tej Pratap-Anushka Controversy
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Tej Pratap-Anushka Controversy: तेज प्रताप-अनुष्का विवाद पर गरमाया मामला, भाई आकाश यादव बोले – ये मुगल-ए-आजम नहीं है, ये लोकतंत्र का दौर है

Tej Pratap-Anushka Controversy: RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और उनकी कथित गर्लफ्रेंड अनुष्का यादव के रिश्ते को लेकर राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक हलचल तेज हो गई है। अब इस मामले में अनुष्का के भाई आकाश यादव की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने तेज प्रताप का खुलकर समर्थन करते हुए लालू परिवार और आरजेडी पर गंभीर सवाल उठाए हैं। तेज प्रताप को पार्टी से निकालना गलत – आकाश यादव आकाश यादव ने मीडिया से बातचीत में साफ कहा कि तेज प्रताप यादव को पार्टी से बाहर निकालना सरासर गलत है। उन्होंने कहा, “क्या तेज प्रताप बलात्कारी हैं जो उन्हें पार्टी से निकाला गया? ये कोई मुगल-ए-आजम चल रहा है क्या? अब वो समय नहीं रहा जब प्रेम करने वालों को मार दिया जाता था। हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं, जहां हर व्यस्क को अपनी मर्जी से रिश्ते तय करने का अधिकार है।” अनुष्का के फैसले के साथ खड़ा है उसका परिवार उन्होंने कहा कि अनुष्का उनकी छोटी बहन है और उसका जो भी फैसला होगा, पूरा परिवार उस निर्णय के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि “मैं एक बड़े भाई के रूप में अपनी बहन के बेहतर भविष्य की कामना करता हूं और उसे सपोर्ट करता हूं।” तेज प्रताप को जोकर और पागल साबित करने की कोशिश – आकाश तेज प्रताप यादव के चरित्र पर उठे सवालों पर भी आकाश ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “तेज प्रताप को पागल और जोकर साबित करने की कोशिश की जा रही है। जो इंसान खुद को अर्जुन मानता था, अपनी पार्टी के लिए लड़ता था, उसी को आज अपमानित किया जा रहा है।” शादी पर टिप्पणी से किया इनकार, बोले- जो संबंधित हैं, वही बोलें शादी की बात पर उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में केवल लड़का और लड़की ही कुछ कहें तो ज्यादा उचित होगा। “जो लोग इसमें प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं, वही सामने आकर बात करें तो ज्यादा प्रभावशाली होगा,” उन्होंने कहा। यह भी पढ़े: तेजस्वी यादव बने दूसरी बार पिता, पत्नी राजश्री ने बेटे को दिया जन्म – परिवार में खुशियों का माहौल तेजस्वी यादव बने दूसरी बार पिता, पत्नी राजश्री ने बेटे को दिया जन्म – परिवार में खुशियों का माहौल तेजस्वी पर भी लगाया आरोप, कहा – घर और पार्टी से निकलवाया गया तेज प्रताप को आकाश यादव ने तेजस्वी यादव पर भी सीधा आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “तेजस्वी ने नेता प्रतिपक्ष और पार्टी के प्रमुख होने के नाते तेज प्रताप को घर और पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। मगर इसका ये मतलब नहीं कि मैं अपनी बहन को गोली मार दूं। मैं संवाद की बात कर रहा हूं।” लालू परिवार से भावुक अपील – चरित्र हनन बंद करें भावुक अंदाज में आकाश ने लालू परिवार से अपील करते हुए कहा, “आपके परिवार में बाहरी लोग घुस चुके हैं, जो परिवार को बर्बाद कर देंगे। मैं folded hands (हाथ जोड़कर) कहता हूं कि जो चरित्र हनन किया जा रहा है, उसे रोकिए। इसे ज्यादा तूल मत दीजिए।” अनुष्का घर पर सुरक्षित, सोशल मीडिया से ही मिल रही जानकारी – आकाश आकाश ने बताया कि अनुष्का इस समय अपने घर पर है और परिवार उसके साथ है। उन्होंने कहा कि उन्हें ज्यादातर जानकारी सोशल मीडिया के जरिए मिल रही है। उन्होंने यह भी चेताया कि उनकी बहन के चरित्र पर जो लोग सवाल उठा रहे हैं, उन्हें सही समय पर जवाब दिया जाएगा। इस पूरे विवाद में जहां एक तरफ तेज प्रताप यादव की निजी जिंदगी सार्वजनिक बहस का हिस्सा बन गई है, वहीं दूसरी तरफ अनुष्का के परिवार ने खुलकर उनके पक्ष में खड़े होकर मामले को एक नया मोड़ दे दिया है। अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि लालू परिवार इस पूरे मसले पर क्या रुख अपनाता है।

Donald Trump On Putin
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Donald Trump On Putin: ट्रंप ने पुतिन को बताया ‘पागल’, कहा- यूक्रेन पर कब्जे की कोशिश से रूस हो जाएगा बर्बाद

Donald Trump On Putin: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर तीखा हमला बोला है। ट्रंप ने पुतिन को ‘पागल’ करार देते हुए साफ कहा है कि अगर उन्होंने यूक्रेन पर पूरी तरह कब्जा करने की कोशिश की, तो यह रूस के पतन का कारण बनेगा। रूस द्वारा यूक्रेन पर जारी हमलों को लेकर ट्रंप ने कड़ी आलोचना की है और चेतावनी दी है कि इस रास्ते पर चलकर पुतिन रूस को विनाश की ओर ले जा रहे हैं। ट्रंप बोले: पुतिन पागल हो चुके हैं डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा, “मेरे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं, लेकिन अब लगता है उनके साथ कुछ गड़बड़ हो गई है। वे पूरी तरह पागल हो चुके हैं। बिना किसी तर्क के वह यूक्रेन के शहरों पर मिसाइलें और ड्रोन दाग रहे हैं। अनावश्यक रूप से लोगों की जानें जा रही हैं।” यूक्रेन के अधिकारियों के अनुसार, रूस ने फरवरी 2022 के बाद सबसे बड़ा हवाई हमला किया है, जिसमें 12 लोगों की मौत हुई है और दर्जनों घायल हुए हैं। यह भी पढ़ें: Tej Pratap Expels From RJD: लालू यादव ने बेटे को RJD से निकाला, ‘रिलेशनशिप पोस्ट’ पर मचा था बवाल Tej Pratap Expels From RJD: लालू यादव ने बेटे को RJD से निकाला, ‘रिलेशनशिप पोस्ट’ पर मचा था बवाल रूस के लिए खतरे की घंटी: ट्रंप ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर पुतिन पूरे यूक्रेन पर कब्जा करने की मंशा रखते हैं, तो यह उनके देश के लिए विनाशकारी साबित होगा। उन्होंने कहा, “अगर उन्होंने यही रास्ता अपनाया, तो यह रूस के पतन की वजह बन जाएगा।” ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बयानों पर भी नाराजगी जताई और कहा, “वे जिस तरह की बातें कर रहे हैं, वह उनके देश को फायदा नहीं पहुंचा रही। उनके शब्द मुश्किलें पैदा कर रहे हैं, और यह रुकना चाहिए।” “पुतिन के साथ रहा, लेकिन अब खुश नहीं हूं” – ट्रंप डोनाल्ड ट्रंप ने न्यू जर्सी से रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं व्लादिमीर पुतिन को लंबे समय से जानता हूं और अतीत में उनके साथ संबंध ठीक रहे हैं। लेकिन अब जो कुछ हो रहा है, वह बेहद निराशाजनक है। वह रॉकेट्स से शहरों को निशाना बना रहे हैं और मासूम लोगों की जानें ले रहे हैं। मुझे यह सब बिल्कुल पसंद नहीं है।” डोनाल्ड ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब रूस-यूक्रेन युद्ध एक बार फिर नए मोड़ पर पहुंच चुका है। पुतिन की नीतियों और हमलों को लेकर पश्चिमी देशों की चिंताएं और भी गहरी होती जा रही हैं, और ट्रंप की आलोचना इस तनाव को और बढ़ाने वाली है।

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Controversial Statement On Pahalgam Attack: “हाथ जोड़ने की बजाय मुकाबला करतीं तो कम जान जातीं” – पहलगाम हमले पर BJP सांसद का विवादित बयान

Controversial Statement On Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 सैलानियों की दर्दनाक हत्या के बाद जहां पूरा देश शोक में डूबा हुआ है, वहीं भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। हरियाणा के भिवानी में पहुंचे सांसद जांगड़ा ने कहा कि अगर हमले के वक्त महिलाएं हाथ जोड़ने के बजाय आतंकियों से मुकाबला करतीं, तो मरने वालों की संख्या कम होती। यहां भी पढ़े- आज का दिन सौभाग्यशाली! 25 मई को इन राशियों की किस्मत खुलेगी जांगड़ा ने कहा कि पहलगाम हमले में जिन महिलाओं ने अपने पति खो दिए, अगर उनमें झांसी की रानी या अहिल्याबाई होल्कर जैसा जज्बा होता, तो आतंकियों का डटकर सामना किया जा सकता था। उन्होंने कहा, “जो महिलाएं उस हमले में थीं, अगर वे हाथ जोड़ने के बजाय लाठी-डंडा लेकर आतंकियों की तरफ दौड़तीं, तो शायद 5-6 लोग ही मरते और तीनों आतंकी वहीं ढेर हो जाते।” “वीरांगना का भाव नहीं था, इसलिए 26 लोग मारे गए” रामचंद्र जांगड़ा ने दावा किया कि जिन महिलाओं के सामने उनके पतियों को मौत के घाट उतार दिया गया, अगर उन्होंने इतिहास से प्रेरणा ली होती, तो यह मंजर नहीं होता। उन्होंने कहा, “जिनकी मांग का सिंदूर छीन लिया गया, अगर उन्होंने अहिल्याबाई होल्कर की गाथाएं पढ़ी होतीं, तो वो चुप न बैठतीं। उन महिलाओं में न वीरांगना जैसा भाव था, न जज्बा। इसी वजह से 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई।” यहां भी पढ़े- कन्नड़ भाषा को लेकर फिर विवाद, ATM में विकल्प न होने पर छिड़ी बहस अग्निवीर योजना का हवाला जांगड़ा ने इस दौरान केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना का भी ज़िक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं में वीरता और देशभक्ति की भावना जागृत करने के लिए यह योजना शुरू की है। उन्होंने कहा, “अगर पहलगाम में मौजूद सैलानियों को वैसी ही कोई सैन्य ट्रेनिंग मिली होती, जैसी अग्निवीर योजना में दी जाती है, तो आतंकी इतने लोगों की जान नहीं ले पाते।” भाजपा सांसद ने यह भी कहा कि अगर यात्रियों के हाथ में कुछ हथियार – लाठी, डंडा, पत्थर – होते और वे चारों तरफ से आतंकियों पर टूट पड़ते, तो शायद नतीजा कुछ और होता। हमले के दोषियों पर जवाब टाल गए जब जांगड़ा से पहलगाम हमले के दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने इस पर सीधा जवाब देने से परहेज़ किया। उन्होंने कहा कि भले ही आरोपी न पकड़े गए हों, लेकिन भारतीय सेना ने उनके ठिकानों और आकाओं को खत्म कर दिया है। कांग्रेस नेताओं पर भी साधा निशाना रामचंद्र जांगड़ा ने कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा पर भी तंज कसते हुए उन्हें अहंकारी बताया। उन्होंने कहा कि रोहतक की एक बैठक में डीसी और हुड्डा के बीच जो बहस हुई, उसमें गलती हुड्डा की थी। अगर वे समय पर पहुंचते, तो डीसी उन्हें रिसीव करते। वहीं, कुरुक्षेत्र में कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा पर भाजपा पार्षद द्वारा हुई मारपीट को जांगड़ा ने गलत बताया। उन्होंने कहा कि विधायक की बात सही थी कि बैठक में निर्वाचित प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया जाना चाहिए था। राहुल गांधी और शशि थरूर पर टिप्पणी सांसद जांगड़ा ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे विदेश जाकर देश के खिलाफ बयान देते हैं, इसलिए उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता। इसके उलट उन्होंने कांग्रेस नेता शशि थरूर की तारीफ की और कहा कि थरूर जैसे बुद्धिजीवी नेता “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे डेलिगेशन में भाग लेकर पाकिस्तान की असलियत दुनिया को बता रहे हैं। बयान पर विवाद, प्रतिक्रियाओं की संभावना भाजपा सांसद रामचंद्र जांगड़ा का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं आने की संभावना है। विपक्ष पहले ही केंद्र सरकार पर पहलगाम हमले को लेकर सवाल उठा रहा है, ऐसे में जांगड़ा की टिप्पणी नया विवाद खड़ा कर सकती है। अब देखना यह है कि भाजपा नेतृत्व इस बयान को लेकर क्या रुख अपनाता है और क्या सांसद जांगड़ा अपने बयान पर सफाई देते हैं या नहीं।

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भारत ने यूएन में पाकिस्तान को किया बेनकाब, ‘4 दशक से ज्यादा समय से आतंकवाद का सरपरस्त है पाकिस्तान’

भारत ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को आतंकवाद के मसले पर पूरी तरह बेनकाब कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने दो टूक शब्दों में कहा कि पाकिस्तान आज से नहीं, बल्कि पिछले चार दशक से भी ज्यादा समय से आतंकवाद का समर्थन करता रहा है। भारत ने सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान द्वारा फैलाई जा रही गलत सूचनाओं को लेकर भी उसकी कड़ी आलोचना की। यह संधि पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक घातक आतंकी हमले के बाद निलंबित कर दी गई थी। राजदूत हरीश ने स्पष्ट किया कि 65 साल पुरानी यह संधि तब तक स्थगित रहेगी, जब तक कि “आतंकवाद का वैश्विक केंद्र” पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता। उन्होंने जोर दिया कि भारत ने हमेशा एक ऊपरी तटवर्ती राज्य के रूप में जिम्मेदार तरीके से काम किया है। यह भी पढ़े: Bihar Chunav 2025: चिराग, मुकेश सहनी, प्रशांत किशोर और आईपी गुप्ता ने बढ़ाई NDA और इंडिया गठबंधन की चिंता Bihar Chunav 2025: चिराग, मुकेश सहनी, प्रशांत किशोर और आईपी गुप्ता ने बढ़ाई NDA और इंडिया गठबंधन की चिंता पाकिस्तान के झूठ को सामने लाने के लिए साझा कीं 4 अहम बातें: राजदूत हरीश ने पाकिस्तान के झूठ को उजागर करने के लिए चार महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं: संधि का उल्लंघन: उन्होंने कहा कि भारत ने 65 साल पहले सद्भावनापूर्वक सिंधु जल संधि की थी। उस संधि की प्रस्तावना में इसे भावना और मित्रता के साथ संपन्न करने की बात कही गई थी। लेकिन, पिछले साढ़े छह दशकों के दौरान, पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले करके उस संधि की भावना का उल्लंघन किया है। हरीश ने बताया कि पाकिस्तान से मिलने वाले आतंकी समर्थन की वजह से पिछले 40 सालों में 20,000 से ज्यादा भारतीय ऐसे आतंकी हमलों में मारे गए हैं। भारत में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद का उद्देश्य नागरिकों के जीवन, धार्मिक सद्भाव और आर्थिक समृद्धि को बंधक बनाना है। बदलती परिस्थितियों में संशोधन की आवश्यकता: हरीश ने कहा कि पिछले 65 वर्षों में दूरगामी मौलिक परिवर्तन हुए हैं, न केवल सीमा पार आतंकवादी हमलों के कारण सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ी हैं, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन, जलवायु परिवर्तन और जनसांख्यिकीय परिवर्तन की बढ़ती आवश्यकताएं भी सामने आई हैं। बांधों के बुनियादी ढांचे के लिए प्रौद्योगिकी में बदलाव किया गया है ताकि संचालन और जल उपयोग की सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित की जा सके। कुछ पुराने बांधों को गंभीर सुरक्षा चिंताओं का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, पाकिस्तान ने इस बुनियादी ढांचे में किसी भी बदलाव और संधि के तहत अनुमत प्रावधानों में किसी भी संशोधन को लगातार रोकना जारी रखा है। पाकिस्तान का टालमटोल रवैया: तीसरी जानकारी साझा करते हुए उन्होंने बताया कि भारत ने पिछले दो वर्षों में कई मौकों पर पाकिस्तान से संशोधनों पर चर्चा करने के लिए औपचारिक रूप से अनुरोध किया है। हालांकि, पाकिस्तान इनसे इनकार करता रहा है और पाकिस्तान का बाधा डालने वाला दृष्टिकोण भारत द्वारा वैध अधिकारों के पूर्ण उपयोग को रोकता रहा है। संधि के निलंबन का कारण: अंत में, राजदूत हरीश ने स्पष्ट किया कि इसी पृष्ठभूमि में भारत ने घोषणा की है कि यह संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक कि पाकिस्तान, जो आतंकवाद का वैश्विक केंद्र है, विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपना समर्थन समाप्त नहीं कर देता।

Bihar Chunav 2025
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Bihar Chunav 2025: चिराग, मुकेश सहनी, प्रशांत किशोर और आईपी गुप्ता ने बढ़ाई NDA और इंडिया गठबंधन की चिंता

Bihar Chunav 2025: बिहार में विधानसभा चुनावों की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। चुनाव में अब महज पांच महीने शेष हैं और इस बीच कुछ चेहरे ऐसे हैं जो एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों के लिए चुनौती बनकर उभरे हैं। ये चार चेहरे हैं – चिराग पासवान, मुकेश सहनी, प्रशांत किशोर और आईपी गुप्ता। ये नेता अपने-अपने अंदाज़ में बिहार की सियासत में समीकरण बिगाड़ने की ताकत रखते हैं और इनकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। चिराग पासवान – एनडीए में रहकर भी दबाव की राजनीति लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान एक बार फिर अपने सियासी तेवरों को लेकर चर्चा में हैं। वे कभी 60 सीटों की मांग करते हैं, तो कभी खुद को बिहार की सेवा के लिए समर्पित बताते हैं। उनकी पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पारित किया है। हाल ही में उनके समर्थकों ने उनकी ताजपोशी के पोस्टर भी लगाए। 2020 में चिराग ने एनडीए से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ा था और भले ही सिर्फ एक सीट जीते, लेकिन जेडीयू को भारी नुकसान पहुंचाया। इस बार वे एनडीए का हिस्सा हैं और हालिया लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने पांच में से पांच सीटें जीतकर 100 प्रतिशत सफलता हासिल की है। यही सफलता अब विधानसभा में भी सीटों की दावेदारी के रूप में नजर आ रही है। मुकेश सहनी – हर गठबंधन की चाहत विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी बिहार की राजनीति में “हॉट केक” बन चुके हैं। वे न केवल महागठबंधन के साथ हैं, बल्कि एनडीए भी उन्हें फिर से अपने खेमे में लाने की कोशिश कर रहा है। सहनी लगातार 60 सीटों की मांग कर रहे हैं और खुद के लिए उपमुख्यमंत्री पद की भी दावेदारी जता चुके हैं। उनका राजनीतिक प्रभाव खासकर मल्लाह और निषाद समुदाय पर है, जिसकी संख्या राज्य में महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसे में दोनों गठबंधन उन्हें किसी भी हाल में खोना नहीं चाहते। प्रशांत किशोर – ‘जन सुराज’ से मचा रहे हैं हलचल चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर 2024 को ‘जन सुराज पार्टी’ की नींव रखी थी। पार्टी भले ही नई हो, लेकिन बहुत कम समय में उसने राज्य की राजनीति में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। दिसंबर 2024 में चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव में पार्टी ने हिस्सा लिया और 10 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया। तिरहुत क्षेत्र में एमएलसी चुनाव में पार्टी का प्रत्याशी एनडीए और इंडिया गठबंधन को पीछे छोड़ दूसरे नंबर पर रहा। अब प्रशांत किशोर के साथ आरसीपी सिंह जैसे अनुभवी नेता भी आ गए हैं। भीड़ जुटाने की उनकी क्षमता ने बड़े दलों को भी चौंका दिया है। आईपी गुप्ता – पान समाज की आवाज बनकर उभरे आईपी गुप्ता, जो कभी कांग्रेस में थे, अब अपनी नई पार्टी भारतीय इन्कलाब पार्टी (बीआईपी) के साथ मैदान में उतर चुके हैं। वे पान समाज से आते हैं और अनुसूचित जाति के दर्जे की बहाली के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनकी मांग है कि पान समाज को फिर से एसटी का दर्जा मिले, जिसे अदालत के फैसले से वापस ले लिया गया था। उन्होंने 7 अप्रैल 2025 को कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाई और गांधी मैदान में उनकी पहली सभा में उमड़ी भीड़ ने सबको चौंका दिया। वे पहली बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं और एनडीए और महागठबंधन दोनों उन्हें अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं। ओवैसी भी मैदान में, सीमांचल पर नजर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को भी बिहार की सियासत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने सीमांचल की 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और पांच पर जीत दर्ज की थी। भले ही बाद में चार विधायक आरजेडी में चले गए, लेकिन ओवैसी की पार्टी का वोट प्रतिशत 0.5 से बढ़कर 1.25 फीसदी हो गया। अब वे फिर से पूरी तैयारी के साथ चुनावी रण में उतरने को तैयार हैं। गठबंधनों में सीटों की खींचतान एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है। भाजपा और जेडीयू जैसे बड़े दल शांत नजर आ रहे हैं, लेकिन सहयोगी दल लगातार अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं। एनडीए में फिलहाल पांच दल – भाजपा, जेडीयू, लोजपा-आर, हम और आरएलएम हैं, जबकि महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, तीन वाम दलों के साथ वीआईपी और आरएलजेपी को जोड़ा गया है। यानी दोनों खेमों में सात-सात पार्टियां हैं। बिहार चुनाव 2025 में सिर्फ दो बड़े गठबंधनों की ही नहीं, बल्कि नए उभरते चेहरों की भी अहम भूमिका होगी। चिराग पासवान, मुकेश सहनी, प्रशांत किशोर और आईपी गुप्ता जैसे नेता बिहार की सियासत की दिशा और दशा तय करने की स्थिति में हैं। इनकी सक्रियता ने एनडीए और इंडिया दोनों की चिंता बढ़ा दी है, और आने वाले दिनों में ये चेहरे चुनावी समीकरण को पूरी तरह से बदल सकते हैं।

Bangladesh Political Crisis
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Bangladesh Political Crisis: बंधक बन चुके हैं Yunus? सेना की चेतावनी के बाद घबराए, कही इस्तीफे की बात

Bangladesh Political Crisis: बांग्लादेश में एक बार फिर सियासी भूचाल आने की आहट है। तख्तापलट के बाद सत्ता में आए मोहम्मद यूनुस अब खुद चौतरफा घिरे हुए हैं। विरोधियों का दबाव, सेना की चेतावनी और बढ़ते प्रदर्शनों के बीच यूनुस ने इस्तीफे की बात कह दी है। उन्होंने कहा—”मैं खुद को बंधक जैसा महसूस कर रहा हूं…” तो क्या बांग्लादेश में एक और सत्ता परिवर्तन की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है? आइए जानते हैं पूरी कहानी। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस इन दिनों चारों तरफ से घिरे हुए हैं। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि खुद यूनुस ने अपने इस्तीफे की बात कह दी है। ढाका में हुई एडवाइजरी काउंसिल की बैठक में उन्होंने मौजूदा राजनीतिक हालात पर नाराजगी जताई और कहा कि वह अब इस माहौल में काम नहीं कर सकते। छात्र नेता नाहिद इस्लाम ने भी पुष्टि की है कि यूनुस खुद को बंधक जैसा महसूस कर रहे हैं और वह अपने पद से हटने का मन बना चुके हैं। दरअसल, यूनुस को सेना से कड़ी चेतावनी मिली है कि वह दिसंबर तक चुनाव कराएं, वरना नतीजे भुगतने होंगे। इसी बीच खबरें सामने आई हैं कि यूनुस सरकार ने अमेरिका के साथ म्यांमार सीमा पर मानवीय गलियारे को लेकर कोई गुप्त डील की थी, जिससे सेना और सरकार के रिश्तों में और खटास आ गई है। यह भी पढ़े: https://hindustanuday.com/corona-jn-1-variant-explained/ यही नहीं, विपक्षी पार्टियां और छात्र संगठन लगातार सड़कों पर हैं। मांग है कि सरकार से महफूज आसिफ और खलीलुर्रहमान जैसे नेताओं को बाहर किया जाए और जल्द चुनाव कराए जाएं। ऐसे में यूनुस की अगुवाई वाली सरकार पर चौतरफा दबाव बन गया है। बता दें कि पिछले साल अगस्त में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद यूनुस को अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन अब वही यूनुस खुद कह रहे हैं कि मौजूदा हालात में काम करना नामुमकिन हो गया है। तो बांग्लादेश में सत्ता का नया मोड़ अब ज्यादा दूर नहीं लगता। क्या मोहम्मद यूनुस इस्तीफा देंगे? क्या बांग्लादेश में एक और राजनीतिक उठापटक देखने को मिलेगी? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में साफ हो जाएंगे, लेकिन इतना तय है कि वहां का सियासी पारा तेजी से चढ़ता जा रहा है।

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