🕒 Published 12 hours ago (11:18 PM)
पटना: बिहार की राजनीति में रविवार को एक बड़ा घटनाक्रम सामने आने वाला है। कांग्रेस पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अशोक राम जनता दल यूनाइटेड (JDU) का दामन थामने जा रहे हैं। लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े रहे अशोक राम पार्टी छोड़ने का मन बना चुके हैं और आज औपचारिक रूप से JDU में शामिल हो सकते हैं।
राबड़ी सरकार में निभा चुके हैं मंत्री पद
अशोक राम छह बार बिहार विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। साल 2000 में जब राबड़ी देवी की सरकार बनी थी, तब उन्हें मंत्री पद की जिम्मेदारी भी दी गई थी। कांग्रेस विधायक दल के नेता के रूप में भी उन्होंने भूमिका निभाई थी। उनका राजनीतिक अनुभव और संगठन में पकड़ उन्हें प्रदेश में एक महत्वपूर्ण चेहरा बनाती है।
राजनीतिक विरासत से जुड़े नेता
अशोक राम एक पुराने राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता बालेश्वर राम भी बिहार की राजनीति में एक बड़ा नाम रहे हैं। बालेश्वर राम 1952 से 1977 तक सात बार विधायक बने और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे। इंदिरा गांधी की सरकार में उन्होंने राज्य मंत्री के रूप में काम किया था। यह विरासत अशोक राम की पहचान को और मजबूत करती है।
पार्टी में उपेक्षा से थे नाखुश
सूत्रों की मानें तो अशोक राम कांग्रेस नेतृत्व से लंबे समय से नाराज चल रहे थे। बिहार कांग्रेस में बदलाव के बाद से उन्हें पार्टी में हाशिए पर रखा गया। कृष्णा अल्लावरू को बिहार कांग्रेस प्रभारी बनाए जाने पर उन्होंने असहमति जताई थी। वहीं, जब हाल में पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष चुना गया, तब भी उन्हें नजरअंदाज किया गया। उनकी ही जाति से आने वाले राजेश राम को यह जिम्मेदारी दे दी गई, जिससे वह और आहत हुए।
कार्यक्रमों से किया गया दूर
बताया जा रहा है कि पार्टी के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और बैठकों से भी अशोक राम को अलग रखा गया। इस उपेक्षा के चलते उन्होंने कांग्रेस छोड़ने और नए राजनीतिक विकल्प की तलाश करने का निर्णय लिया। अब माना जा रहा है कि JDU में शामिल होकर वह अपनी राजनीतिक पारी को नए सिरे से शुरू करेंगे।