स्वदेशी मैसेजिंग ऐप Arattai को 2021 में लॉन्च किया गया था। हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा स्वदेशी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को अपनाने की अपील के बाद इस ऐप की लोकप्रियता अचानक बढ़ गई। कुछ ही दिनों में ऐप का ट्रैफिक 100 गुना बढ़ गया। भारत में घरेलू डिजिटल उत्पादों का ट्रैक रिकॉर्ड मिला-जुला रहा है, इसलिए सवाल उठता है कि क्या Arattai वास्तव में व्हाट्सऐप को टक्कर दे पाएगा।
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Arattai के लिए जरूरी फीचर्स
विश्लेषकों और निवेशकों का कहना है कि Arattai का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि वह चैट के अलावा और क्या सुविधाएं जोड़ता है। अगर ऐप में पेमेंट (UPI) और ई-कॉमर्स (ONDC) जैसी सेवाएं शामिल की जाएं, तो यह लोगों को और अधिक आकर्षित कर सकता है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और धर्मेंद्र प्रधान के जुड़ने से ऐप को लोकप्रियता मिली और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी उत्पादों के इस्तेमाल अभियान से जोड़ा गया।
स्थिरता के लिए नेटवर्क जरूरी
चेन्नई स्थित Zoho Corporation द्वारा बनाए गए इस ऐप का नाम Arattai का अर्थ है Chat। अर्ली स्टेज वेंचर कैपिटल फर्म 3one4 कैपिटल के फाउंडिंग पार्टनर सिद्धार्थ पई ने कहा कि घरेलू सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स आम तौर पर इसलिए लोकप्रिय नहीं हो पाते क्योंकि विदेशी टेक्नोलॉजी की तरफ लोगों का आकर्षण अधिक होता है। उन्होंने यह भी कहा कि Arattai के लिए सुविधा से ज्यादा जरूरी है प्लेटफॉर्म का नेटवर्क मजबूत रहना। साइन अप करने वाले यूजर्स और सक्रिय उपयोगकर्ता (Active Users) किसी भी मैसेजिंग ऐप की लोकप्रियता तय करते हैं।
व्यापक रूप से अपनाना होगा
इंडिया कोटिएंट के फाउंडिंग पार्टनर आनंद लूनिया ने कहा कि किसी भी मैसेजिंग ऐप के लिए व्यापक रूप से अपनाया जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि Arattai फिलहाल टूल्स और फीचर्स विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर सकता है, और यदि इसका बेस मजबूत रहा तो ऐप तेजी से 10, 20 या 100 गुना बढ़ सकता है और व्यापक रूप से अपनाया जाएगा।
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