दिल्ली में आयोजित नेशनल नारकोटिक्स टास्क फोर्स के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन में गृह मंत्री अमित शाह ने ड्रग्स के खिलाफ कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “नशा मुक्त भारत” का विजन तभी साकार होगा, जब समाज के हर वर्ग की भागीदारी इस अभियान में होगी। शाह ने जोर दिया कि 2047 तक विकसित भारत का सपना तभी पूरा हो सकता है, जब युवा पीढ़ी नशे से पूरी तरह दूर रहे।
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ड्रग सप्लाई पर कड़ा वार
अमित शाह ने कहा कि भारत की भौगोलिक स्थिति के कारण यह ड्रग्स सप्लाई का बड़ा रूट बन गया है। ऐसे में चुनौती और बढ़ जाती है। उन्होंने साफ किया कि अब सिर्फ छोटे स्तर पर काम करने वाले ड्रग तस्करों को पकड़ने से बात नहीं बनेगी, बल्कि पूरे ड्रग कार्टेल को जड़ से खत्म करना होगा। इसके लिए एंट्री प्वाइंट, सप्लाई चैन और रिटेल नेटवर्क की हर कड़ी को तोड़ना जरूरी है। शाह ने यह भी कहा कि राज्यों के विभाग मिलकर ही इस लड़ाई को सफल बना सकते हैं।
नशा मुक्त भारत अभियान का विस्तार
गृह मंत्री ने जानकारी दी कि देशभर के 372 जिलों में नशा मुक्त भारत अभियान चल रहा है। अब तक करीब 10 करोड़ लोग इस मुहिम से जुड़ चुके हैं। शाह ने कहा कि इस जनभागीदारी से ही ड्रग्स के खिलाफ असली जीत मिलेगी। उन्होंने परिवारों, समाज और प्रशासनिक संस्थाओं से युवाओं को नशे से दूर रखने की अपील की। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि विदेशों से नशे का कारोबार चलाने वालों को भी अब कानून के शिकंजे में लाया जाएगा।
2047 का लक्ष्य
अमित शाह ने सम्मेलन में दोहराया कि भारत का लक्ष्य है कि 2047 तक देश को एक मजबूत और विकसित राष्ट्र बनाया जाए। इसके लिए युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाना बेहद जरूरी है, क्योंकि किसी भी देश की असली ताकत उसकी युवा पीढ़ी होती है।
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