Panipat’s textile industry crisis, भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ ने हरियाणा की हैंडलूम और टेक्सटाइल इंडस्ट्री को भारी झटका लगा है । पहले अमेरिका में पानीपत की कारपेट पर सिर्फ 2.9% शुल्क लगता था, लेकिन अब यह बढ़कर 52.9% हो गया है। इस कारण पानीपत की हैंडलूम इंडस्ट्री के उत्पाद महंगे हो जाएंगे जिसके चलते अमेरिकी खरीदार ऑर्डर लेने से पीछे हट रहे हैं। इसके अलावा यहां काम करने वाले कारीगरों के सामने बेरोजगारी का खतरा पैदा हो गया है।
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1500 करोड़ के ऑर्डर पर संकट,Panipat’s textile industry crisis
जानकारी के अनुसार, 50% टैरिफ ने निर्यातकों ने क्रिसमस के लिए पानीपत से 1500 करोड़ के ऑर्डर तैयार किए गए थे जिस पर अब संकट गहरा गया है । लेकिन अब अमेरिकी कारोबारी माल में भारी छूट के साथ कम कीमत मांग रहे हैं । इससे एक्सपोर्टर की मुश्किलें बढ़ गई है। उनके लिए अचानक नए ग्राहकों की तलाश की समस्या सामने आ खड़ी हुई है ।
प्रमुख उत्पाद और नई मंडियों की तलाश
देश की हैंडलूम इंडस्ट्री का पानीपत बहुत बड़ा निर्यातक शहर है। यहां से बहुत बड़ी मात्रा में अमेरिका को सबसे ज्यादा कुशन-कवर, सोफा-कवर, पर्दे और कारपेट एक्सपोर्ट किए जाते थे। अब इन ऑर्डर के लिए बांग्लादेश, पाकिस्तान और वियतनाम जैसे देशों में नई मंडियों की तलाश करनी पड़ेगी ।
पानीपत की अर्थव्यवस्था पर असर
50% टैरिफ के चलते पानीपत में करीब 10,000 उद्योग इकाइयां हैं, जिनमें से 70% टेक्सटाइल के कारोबार से जुड़ी हुई हैं। यहां से कुल 60% निर्यात अमेरिका को और बाकी 40% यूरोप व अन्य देशों को किया जाता है। इस बीच मिस्र और तुर्की भी पानीपत के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। इन देशों पर अमेरिकी टैरिफ लागू नहीं हुआ है और वहां उत्पाद मशीनों से सस्ते व तेज़ी से बनते हैं। जहां पानीपत को अमेरिका तक माल पहुंचाने में तीन महीने लगते हैं, वहीं मिस्र और तुर्की महज एक महीने में डिलीवरी कर देते हैं।
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