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Trump Tariff Imposed On India: अमेरिका ने भारत पर लागू किए 50% टैरिफ, मोदी ने दिया आत्मनिर्भरता का संदेश

नई दिल्ली। अमेरिकी सरकार ने भारत से आयातित कुछ वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक के टैरिफ लागू कर दिए हैं। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (डीएचएस) ने इस संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया है। भारत सरकार ने निर्यात पर निर्भरता कम करने और ‘स्वदेशी’ उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए “वोकल फॉर लोकल” पर जोर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों से भारतीय उत्पाद खरीदने का आह्वान किया।

कपड़ा उद्योग पर गंभीर प्रभाव
अमेरिकी टैरिफ में वृद्धि के कारण तिरुपुर, नोएडा और सूरत की कपड़ा और परिधान इकाइयों ने उत्पादन रोक दिया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बढ़े हुए शुल्क से लागत प्रतिस्पर्धा कमजोर हुई है, जिससे कई कंपनियों को उत्पादन में नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

निर्यात पर बड़ा असर
प्रारंभिक अनुमान बताते हैं कि 47 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगेगा। इसमें पहले से लागू 25 प्रतिशत टैरिफ और रूस से आयातित तेल पर भारत द्वारा लगाए गए 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क शामिल हैं। उदाहरण के तौर पर, अप्रैल में अमेरिकी बाजार में कार्पेट निर्यात पर 2.9 प्रतिशत शुल्क लगता था, जो अब बढ़कर 52.9 प्रतिशत हो जाएगा।

सबसे अधिक प्रभावित उद्योग
भारी टैरिफ वृद्धि के कारण अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पाद महंगे हो जाएंगे। सबसे अधिक प्रभावित होने वाले उद्योगों में शामिल हैं: समुद्री उत्पाद (विशेषकर झींगा), ऑर्गेनिक केमिकल्स, अपैरल और टेक्सटाइल, हीरे और सोने के जेवरात, मशीनरी, मैकेनिकल उपकरण, फर्नीचर और बेड। अनुमान है कि इससे लगभग 30–35 अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित होगा।

कुछ क्षेत्रों को छूट
फार्मा, स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, तथा पेट्रोलियम उत्पाद इस शुल्क से मुक्त रखे गए हैं। अमेरिका ने कृषि, डेयरी और मत्स्य उद्योग में भारत के लिए शुल्क मुक्त व्यापार की नीति अपनाई है।

तिरुपुर के निर्यातकों को नौकरी और राजस्व का नुकसान
तमिलनाडु के तिरुपुर में कुल निटवियर निर्यात का लगभग 68 प्रतिशत हिस्सा है। इस उद्योग में करीब दस लाख लोग कार्यरत हैं। टैरिफ के कारण लगभग 1.5 लाख नौकरियां और 12,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्रभावित होने की संभावना है।

मुख्य प्रभावित निर्यात और कुल शुल्क दरें
झींगा- 60 प्रतिशत
कार्पेट- 52.9 प्रतिशत
अपैरल निटेड- 63.9 प्रतिशत
अपैरल वूवेन- 60.3 प्रतिशत
टेक्सटाइल मेड अप- 59 प्रतिशत
हीरे व सोने के आइटम- 52.1 प्रतिशत
मशीनरी- 51.3 प्रतिशत
फर्नीचर व बेड- 52.3 प्रतिशत

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