नई दिल्ली। इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो चुकी है और देशभर से श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर पहुंच रहे हैं। इस बार सुरक्षा को लेकर खास सतर्कता बरती जा रही है, खासकर पहलगाम हमले के बाद। इसी को देखते हुए इस साल यात्रा के दौरान ऑपरेशन शिवा के तहत सुरक्षा की अभूतपूर्व व्यवस्था की गई है।
50 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात
अमरनाथ यात्रा मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। पूरे रूट पर 50,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, जिनमें भारतीय थलसेना के 8500 से अधिक जवान भी शामिल हैं। हर कदम पर सेना और सुरक्षाबलों की मौजूदगी देखी जा सकती है।
हाइटेक निगरानी से ऑपरेशन शिवा
भारतीय सेना ने इस बार मॉर्डन टेक्नोलॉजी का सहारा लिया है। खास एप की मदद से यात्रियों की बसों और काफिलों की लाइव ट्रैकिंग की जा रही है। यात्रा की शुरुआत से लेकर पवित्र गुफा तक हर पल की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। ड्रोन हमले के खतरे से निपटने के लिए 50 से ज्यादा काउंटर ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम तैनात किए गए हैं। हाई-रिजोल्यूशन PTZ कैमरे और ड्रोन फीड के जरिए पवित्र गुफा और यात्रा मार्ग की निगरानी हो रही है।
सेना के अस्पताल और मेडिकल सुविधाएं भी तैनात
सेना ने यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं का भी पूरा इंतजाम किया है। ऑपरेशन शिवा के तहत 150 से ज्यादा डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है। 2 एडवांस ड्रेसिंग स्टेशन, 9 मेडिकल सहायता केंद्र और 100 बेड वाला अस्पताल भी बनाया गया है। 26 ऑक्सीजन बूथ और 25,000 लोगों के लिए इमरजेंसी राशन की व्यवस्था की गई है। क्विक रिएक्शन टीम और हेलिकॉप्टर भी किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार हैं।
अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमलों का इतिहास
अमरनाथ यात्रा कई बार आतंकी हमलों की शिकार रही है। सबसे पहले 1993 में यात्रा पर हमला हुआ था और 1996 तक यह सिलसिला चलता रहा। सबसे भयानक हमला 2000 में हुआ, जब पहलगाम बेस कैंप में लश्कर-ए-तैयबा ने हमला कर 32 लोगों की जान ली। इसके बाद 2001, 2002 और 2006 में भी हमले हुए। 2017 में यात्रियों की बस पर हुए हमले में 7 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन बीते 6 वर्षों में सुरक्षा व्यवस्था इतनी मजबूत हो चुकी है कि कोई भी आतंकी हमला सफल नहीं हो पाया। हालांकि, यात्रा से ठीक दो महीने पहले पहलगाम में एक आतंकी हमला जरूर हुआ, जिसने एक बार फिर घाटी का माहौल अशांत करने की कोशिश की।



