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जो राजनीति को ‘पार्ट टाइम’ समझते हैं, उन्हें करनी ही नहीं चाहिए – अखिलेश यादव का योगी पर तीखा तंज!

जो राजनीति को ‘पार्ट टाइम’ समझते हैं, उन्हें करनी ही नहीं चाहिए – अखिलेश यादव का योगी पर तीखा तंज!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक इंटरव्यू में दिए गए बयान ने सियासी माहौल गर्म कर दिया है। उन्होंने कहा था कि “राजनीति मेरे लिए फुल टाइम जॉब नहीं है।” इस पर समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने जमकर निशाना साधा।

अखिलेश यादव का योगी पर तीखा तंज लगाते हुए उन्होंने कहा, “अगर किसी को राजनीति पार्ट टाइम लगती है, तो उसे राजनीति में आना ही नहीं चाहिए। राजनीति सेवा का क्षेत्र है, जहां दिन-रात मेहनत करनी पड़ती है।”

योगी के इस बयान को लेकर विपक्ष ने उन्हें घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अखिलेश यादव का योगी पर तीखा तंज सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक चर्चा का विषय बन गया है।

क्या कहा था योगी आदित्यनाथ ने?

योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक न्यूज एजेंसी को इंटरव्यू देते हुए कहा था:

“राजनीति मेरे लिए फुल टाइम जॉब नहीं है। फिलहाल, हम यहां काम कर रहे हैं। मगर असल में मैं एक योगी हूं। जब तक हम यहां हैं, हम काम कर रहे हैं। इसकी भी एक समय सीमा होगी।”

योगी के इस बयान पर विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए। सपा प्रमुख अखिलेश यादव का योगी पर तीखा तंज इस मुद्दे को और भड़का रहा है।

अखिलेश यादव का योगी पर तीखा तंज – राजनीति सेवा का क्षेत्र है!

अखिलेश यादव ने कहा,

“अगर कोई मुख्यमंत्री राजनीति को पार्ट टाइम मानता है, तो वह जनता की सेवा कैसे कर सकता है? राजनीति कोई नौकरी नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है, जिसके लिए 24 घंटे भी कम पड़ते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि अखिलेश यादव का योगी पर तीखा तंज सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि एक सवाल है कि क्या योगी आदित्यनाथ अपनी मुख्यमंत्री की भूमिका को गंभीरता से ले रहे हैं या नहीं?

क्या बीजेपी इस बयान से बैकफुट पर आई?

योगी आदित्यनाथ का बयान और अखिलेश यादव का योगी पर तीखा तंज बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बना सकता है।

बीजेपी इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कह रही है कि योगी का बयान उनके संन्यासी जीवन के संदर्भ में था, लेकिन अखिलेश यादव का योगी पर तीखा तंज जनता के बीच अलग संदेश भेज रहा है।

अखिलेश यादव का योगी पर तीखा तंज

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

योगी आदित्यनाथ के बयान और अखिलेश यादव का योगी पर तीखा तंज सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन चुका है।

  • बीजेपी समर्थकों का कहना है कि योगी जी ने यह बात एक संन्यासी के रूप में कही थी।

  • विपक्षी दलों के समर्थकों का मानना है कि अगर मुख्यमंत्री को राजनीति पार्ट टाइम लगती है, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

  • निष्पक्ष लोग इसे योगी आदित्यनाथ का निजी विचार मान रहे हैं, लेकिन वे भी मानते हैं कि यह बयान सीएम पद के लिए उपयुक्त नहीं है।

क्या अखिलेश यादव का योगी पर तीखा तंज 2024 के चुनावों को प्रभावित करेगा?

उत्तर प्रदेश की राजनीति में बयानबाजी हमेशा से चर्चा में रहती है। लेकिन इस बार अखिलेश यादव का योगी पर तीखा तंज एक बड़े मुद्दे में तब्दील होता दिख रहा है।

बीजेपी के कुछ नेताओं ने इस पर सफाई दी, लेकिन विपक्ष इसे जनता के बीच ले जाने की पूरी कोशिश कर रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि 2024 के चुनावों में यह बयान क्या असर डालता है।

बीजेपी का पलटवार

अखिलेश यादव का योगी पर तीखा तंज पर बीजेपी नेताओं ने भी जवाब दिया है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा,

“योगी आदित्यनाथ ने यह बात अपने संन्यासी जीवन के संदर्भ में कही थी। विपक्ष इसे गलत तरीके से पेश कर रहा है।”

बीजेपी का कहना है कि अखिलेश यादव को अपनी सरकार के कार्यकाल को भी याद करना चाहिए।

क्या जनता को यह बयान प्रभावित करेगा?

राजनीति में बयानबाजी कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब बात किसी मुख्यमंत्री के बयान की हो, तो इसका असर जनता पर पड़ सकता है। अखिलेश यादव का योगी पर तीखा तंज इस बयान को जनता के बीच एक बड़े मुद्दे के रूप में पेश कर रहा है।

अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे का आने वाले चुनावों पर क्या असर पड़ता है।

क्या आपको लगता है कि अखिलेश यादव का योगी पर तीखा तंज सही है? या यह सिर्फ एक चुनावी हथकंडा है? अपनी राय नीचे कमेंट में दें!

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