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एयरफोर्स चीफ का बड़ा बयान: “पाकिस्तान को 4 दिन में धूल चटाई, ऑपरेशन सिंदूर इसका उदाहरण”

नई दिल्ली
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने एक सशक्त और गर्व से भरा बयान देते हुए कहा कि “अगर हमारे पास स्पष्ट योजना और अडिग निश्चय हो, तो हम क्या हासिल कर सकते हैं, इसका बेहतरीन उदाहरण ‘ऑपरेशन सिंदूर’ है।” उन्होंने कहा कि इस अभियान में भारतीय वायुसेना ने मात्र चार दिन के भीतर पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए उसकी रणनीतिक ताकत को कमजोर कर दिया।

वायुसेना प्रमुख ने यह टिप्पणी भारतीय वायुसेना दिवस से पहले एक कार्यक्रम में दी, जहां उन्होंने हालिया अभियानों, भविष्य की तैयारियों और भारतीय वायुसेना की बढ़ती ताकत पर चर्चा की।

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

हालांकि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के विस्तृत विवरण को गोपनीय रखा गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह एक रणनीतिक और सटीक अभियान था जिसमें भारतीय वायुसेना ने सीमित समय में दुश्मन के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई की। यह ऑपरेशन युद्ध की घोषणा के बिना ही शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने की एक मिसाल बना।

मुख्य बातें:

  • 4 दिन में ऑपरेशन पूरा: एयरफोर्स चीफ के अनुसार, यह मिशन महज चार दिनों में पूरा कर लिया गया, जिसमें भारतीय वायुसेना की सटीकता और रणनीतिक कौशल की झलक साफ दिखी।

  • दृढ़ संकल्प का उदाहरण: उन्होंने कहा कि यदि इच्छाशक्ति मजबूत हो और रणनीति स्पष्ट हो, तो सीमित संसाधनों में भी बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं।

  • सेना की आधुनिकता पर ज़ोर: एयर चीफ मार्शल चौधरी ने यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना लगातार खुद को आधुनिक तकनीक और हथियारों से लैस कर रही है, जिससे देश की हवाई सुरक्षा अभेद्य बनी रहे।

पाकिस्तान को मिला करारा जवाब

वायुसेना प्रमुख ने बिना सीधे नाम लिए संकेत दिया कि यह ऑपरेशन पाकिस्तान की नापाक गतिविधियों के जवाब में किया गया था। उन्होंने कहा कि “जब वक्त आता है, तो भारत किसी भी खतरे का जवाब देने में सक्षम है — तेज़ी से, सटीकता से और निर्णायक रूप से।”

आत्मनिर्भर भारत की वकालत

इस अवसर पर उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में वायुसेना के योगदान को भी रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि आने वाले वर्षों में भारत स्वदेशी लड़ाकू विमानों, मिसाइलों और रडार सिस्टम्स पर और अधिक निर्भर होगा।

वायुसेना प्रमुख का यह बयान न केवल भारतीय सैन्य ताकत की झलक देता है, बल्कि यह भी बताता है कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि जरूरत पड़ने पर रणनीतिक पहल कर सकता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे अभियान यह दिखाते हैं कि नया भारत हर मोर्चे पर तैयार है — चाहे वो रणनीति हो, तकनीक हो या ताकत।

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