🕒 Published 2 months ago (10:13 AM)
जम्मू-कश्मीर में डर का माहौल, लेकिन कोई नुकसान नहीं
श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग जैसे इलाकों में भूकंप के झटकों के बाद लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। अचानक धरती हिलने से नागरिकों में भय का माहौल बन गया। हालांकि, कहीं से भी जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं आई है।
स्थानीय प्रशासन ने तत्काल स्थिति को संभालने के लिए आपात तैयारियाँ शुरू कर दी हैं और NDMA व मौसम विभाग स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
क्यों इस इलाके में बार-बार आते हैं भूकंप?
अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में यूरेशियन और इंडो-ऑस्ट्रेलियन टेक्टॉनिक प्लेटों के टकराव की वजह से अक्सर भूकंपीय गतिविधियाँ देखी जाती हैं। इस कारण यहां भूकंप आना एक सामान्य भूगर्भीय प्रक्रिया है। हालांकि, इस बार भूकंप की गहराई अधिक होने से बड़े नुकसान की आशंका नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में भी ऐसे झटके आते रह सकते हैं।
16 फरवरी को भी कांपी थी दिल्ली-एनसीआर की धरती
इससे पहले 16 फरवरी को दिल्ली-NCR और बिहार के सिवान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
- दिल्ली में सुबह 5:36 बजे,
- जबकि सिवान में सुबह 8 बजे झटके दर्ज किए गए।
इनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 मापी गई थी और केंद्र नई दिल्ली था।
प्रशासन की अपील: सतर्क रहें, अफवाहों से दूर रहें
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) और प्रशासन ने नागरिकों से शांत और सतर्क रहने की अपील की है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए राहत एवं बचाव दलों को तैयार रखा गया है। लोगों से यह भी आग्रह किया गया है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल अधिकृत स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें।
निष्कर्ष: इस बार का भूकंप गहराई में होने की वजह से सतह पर ज्यादा असर नहीं दिखा, लेकिन उत्तर भारत के कई इलाकों में झटकों ने एक बार फिर से लोगों को डर का एहसास करा दिया है। वैज्ञानिकों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों की सतर्कता से फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।