बॉलीवुड और मराठी सिनेमा से एक बड़ी दुखद खबर सामने आई है। प्रसिद्ध अभिनेत्री और फिल्मकार वी. शांताराम की तीसरी पत्नी संध्या शांताराम का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अभिनय के साथ ही अपने बेहतरीन शास्त्रीय नृत्य के लिए पहचानी जाने वालीं संध्या का अंतिम संस्कार शनिवार को मुंबई के शिवाजी पार्क स्थित वैकुंठ धाम में किया गया।
महाराष्ट्र के आईटी और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर उनके निधन की पुष्टि की और श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा – “फिल्म ‘पिंजरा’ की मशहूर अभिनेत्री संध्या शांताराम जी का निधन बेहद दुखद है। उन्होंने मराठी और हिंदी सिनेमा में अपने अद्भुत अभिनय और नृत्य से दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी। ‘झनक झनक पायल बाजे’, ‘दो आंखें बारह हाथ’ और ‘पिंजरा’ में उनकी भूमिकाएं सदैव याद रहेंगी। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।”
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असली नाम था विजया देशमुख
संध्या शांताराम का असली नाम विजया देशमुख था। उन्हें हिंदी सिनेमा में पहचान 1959 की फिल्म ‘नवरंग’ से मिली। इसी फिल्म का गाना “अरे जा रे हट नटखट” आज भी लोगों की जुबान पर है। इस गीत के लिए उन्होंने विशेष रूप से शास्त्रीय नृत्य की ट्रेनिंग ली थी। उस समय किसी कोरियोग्राफर की मदद नहीं ली गई थी, बल्कि गाने के स्टेप्स खुद संध्या और निर्देशक वी. शांताराम ने तैयार किए थे।
हाथी-घोड़ों के बीच निडर होकर किया डांस
‘नवरंग’ के इसी गाने की शूटिंग में वी. शांताराम ने असली हाथी और घोड़ों का इस्तेमाल किया था। जानवरों के बीच नृत्य करना जोखिम भरा था, लेकिन संध्या ने बिना किसी डर और बिना बॉडी डबल के डांस किया। शूटिंग से पहले वह हाथियों और घोड़ों को अपने हाथों से खाना खिलाकर उनसे दोस्ती करती थीं। उनके साहस और समर्पण से शांताराम बेहद प्रभावित हुए थे।
वी. शांताराम से विवाह और फिल्मी सफर
संध्या के अभिनय और नृत्य ने न सिर्फ दर्शकों बल्कि खुद वी. शांताराम का भी दिल जीत लिया। उस समय शांताराम शादीशुदा थे, लेकिन बाद में उन्होंने संध्या से विवाह किया। संध्या ने अपने करियर का बड़ा हिस्सा शांताराम की फिल्मों के साथ ही बिताया।
उनकी प्रमुख फिल्मों में ‘झनक झनक पायल बाजे’, ‘दो आंखें बारह हाथ’, ‘नवरंग’, ‘पिंजरा’ और ‘अमर भूपाळी’ जैसी क्लासिक फिल्में शामिल हैं। ‘झनक झनक पायल बाजे’ में वह गोपी कृष्ण के साथ नजर आई थीं और इस फिल्म ने चार फिल्मफेयर पुरस्कार अपने नाम किए थे। संध्या शांताराम भले ही बहुत ज्यादा फिल्मों में नजर नहीं आईं, लेकिन जिन फिल्मों में उन्होंने काम किया, वहां अपनी अदाकारी और नृत्य कला से उन्हें सदा के लिए यादगार बना दिया।
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