🕒 Published 4 months ago (5:18 AM)
‘लालू यादव को गाली देना ट्रेंड बन गया’ – अमित शाह पर तेजस्वी का करारा जवाब, राजद ने भी किया प्रहार!
बिहार की राजनीति में बयानबाजी का दौर हमेशा गर्म रहता है, लेकिन इस बार मामला और ज्यादा गरमा गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक जनसभा में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधा। उनके इस बयान के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए कहा, “लालू यादव को गाली देना ट्रेंड बन गया है।” राजद के अन्य नेताओं ने भी इस मुद्दे पर बीजेपी और केंद्र सरकार पर सवाल दागे।
अमित शाह का लालू यादव पर हमला
पटना के बापू सभागार में आयोजित एक सभा के दौरान अमित शाह ने कहा कि “बिहार में लालू यादव का शासन जंगलराज के नाम से जाना जाता है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लालू यादव ने अपने परिवार को राजनीति में स्थापित करने के अलावा बिहार के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया।
अमित शाह ने अपने भाषण में कहा, “लालू यादव के राज में बिहार में अपराध, भ्रष्टाचार और कुशासन का बोलबाला था। जनता को ऐसी सरकार फिर से नहीं चाहिए।” उन्होंने दावा किया कि बिहार को सही दिशा में ले जाने के लिए भाजपा की सरकार आवश्यक है।
तेजस्वी यादव का करारा पलटवार
अमित शाह के इस बयान पर तेजस्वी यादव ने जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “लालू यादव को गाली देना ट्रेंड बन गया है। हर चुनाव के पहले भाजपा के नेता सिर्फ लालू यादव को गालियां देने में ही व्यस्त हो जाते हैं, लेकिन बिहार के असली मुद्दों पर बात नहीं करते।”
तेजस्वी ने आगे कहा, “अगर आपने बिहार के विकास के लिए कुछ किया है, तो बताइए कि 20 वर्षों में क्या-क्या किया गया? बिहार को विशेष राज्य का दर्जा कब मिलेगा? बेरोजगारी, गरीबी, पलायन और शिक्षा के मुद्दों पर कब चर्चा होगी?”
बिहार के विकास पर उठाए सवाल
तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार और अमित शाह से सीधे सवाल पूछते हुए कहा,
गुजरात को 11 वर्षों में कितनी आर्थिक मदद दी गई और बिहार को कितनी दी गई?
बिहार में कितनी चीनी मिलें शुरू कराई गईं?
बाढ़ नियंत्रण, बचाव और राहत के लिए क्या किया गया?
बिहार के विकास सूचकांकों में सुधार क्यों नहीं हुआ?
भाजपा पर चुनावी राजनीति का आरोप
राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने भी अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अमित शाह शायद भूल गए हैं कि भाजपा पिछले 17 वर्षों से बिहार की सत्ता में शामिल रही है। अगर वे बिहार की बंद पड़ी चीनी मिलों को चालू करने की बात कर रहे हैं, तो वे बताएं कि अब तक क्यों नहीं किया गया?”
राजद नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सिर्फ चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद उन वादों को जुमला करार दे देती है।
बिहार में रोजगार और उद्योग का सवाल
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि बिहार में रोजगार के अवसर लगातार कम होते जा रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि गुजरात की तुलना में बिहार में कितने उद्योग स्थापित किए गए हैं।
“अगर भाजपा बिहार के विकास की इतनी ही चिंतित होती, तो 17 वर्षों में बिहार में नई फैक्ट्रियां और कंपनियां स्थापित होतीं। लेकिन हकीकत यह है कि बिहार से लोग अब भी रोजगार के लिए पलायन करने को मजबूर हैं।”
बिहार बनाम गुजरात: कौन आगे, कौन पीछे?
तेजस्वी यादव ने बिहार और गुजरात की तुलना करते हुए कहा,
गुजरात में बड़े पैमाने पर उद्योग और रोजगार के अवसर बढ़ाए गए हैं, लेकिन बिहार को उपेक्षित रखा गया है।
बिहार को अब तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला, जबकि यह वादा कई बार किया गया।
बिहार में अब भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, जबकि केंद्र सरकार बार-बार विकास के दावे करती है।
भाजपा का पलटवार
अमित शाह और भाजपा के अन्य नेताओं ने तेजस्वी यादव के बयानों पर पलटवार किया। भाजपा नेताओं का कहना है कि “राजद के शासनकाल में बिहार में अपराध, अपहरण और भ्रष्टाचार चरम पर था। भाजपा ने बिहार को एक नई दिशा देने का काम किया है।”
भाजपा ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव अपनी सरकार की विफलताओं को छिपाने के लिए केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।
क्या कहती है जनता?
इस पूरे घटनाक्रम के बीच बिहार की जनता का भी नजरिया बंटा हुआ है। कुछ लोग अमित शाह की बातों से सहमत हैं और मानते हैं कि बिहार को भाजपा सरकार की जरूरत है, जबकि कई लोग तेजस्वी यादव की दलीलों से सहमत हैं कि बिहार को अब विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए और रोजगार के अवसर बढ़ाए जाने चाहिए।
निष्कर्ष
बिहार की राजनीति में यह बयानबाजी कोई नई बात नहीं है। हर चुनाव के पहले ऐसे आरोप-प्रत्यारोप लगाए जाते हैं। लेकिन असली सवाल यह है कि बिहार का विकास कब होगा? रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और औद्योगिक विकास पर कब ध्यान दिया जाएगा?
“लालू यादव को गाली देना ट्रेंड बन गया” यह कहकर तेजस्वी यादव ने यह संकेत दे दिया है कि भाजपा केवल लालू यादव पर हमले करके चुनावी रणनीति बना रही है, जबकि असली मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। बिहार की जनता को अब यह तय करना होगा कि वह इन आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से बाहर निकलकर अपने असली मुद्दों पर कब ध्यान देगी।
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