मुंबई की लोकल ट्रेन में देर रात एक असाधारण घटना घटी, जिसने इंसानियत और हिम्मत की मिसाल पेश की। राम मंदिर रेलवे स्टेशन के पास चलती ट्रेन में एक गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा हुई। ट्रेन में कोई डॉक्टर या मेडिकल सुविधा नहीं थी, लेकिन तभी एक आम यात्री ने असाधारण साहस दिखाया।
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विकास दिलीप बेद्रे बना देवदूत, डॉक्टर दोस्त की मदद से कराई डिलीवरी
यात्री विकास दिलीप बेद्रे ने जब महिला को गंभीर हालत में देखा तो एक पल की भी देरी किए बिना मदद के लिए आगे आए। उन्होंने तुरंत ट्रेन की इमरजेंसी चेन खींची और ट्रेन को राम मंदिर स्टेशन पर रोक दिया। लेकिन वहां भी न एंबुलेंस थी, न कोई मेडिकल स्टाफ।
वीडियो कॉल बना ज़िंदगी का सहारा
स्थिति को देखते हुए विकास ने तुरंत अपनी डॉक्टर दोस्त डॉ. देविका देशमुख को वीडियो कॉल किया। डॉक्टर ने उन्हें हाइजीन बनाए रखने, हाथ धोने और बच्चे की डिलीवरी के लिए जरूरी स्टेप्स बताने शुरू किए। बिना किसी मेडिकल ट्रेनिंग के, विकास ने डॉक्टर के निर्देशों पर 45 मिनट तक पूरी डिलीवरी प्रक्रिया को संभाला।
बच्चे की नाल भी काटी, पूरी प्रक्रिया को निभाया
विकास ने डॉक्टर की मदद से बच्चे की नाल को भी सही तरीके से काटा और गांठ लगाई। प्रसव के बाद उन्होंने बच्चे को मां की छाती से लगाकर जरूरी त्वचा-संपर्क (skin-to-skin contact) कराया, जैसा कि डॉक्टर ने निर्देश दिया था। महिला और नवजात दोनों सुरक्षित हैं।
सोशल मीडिया पर हुआ वायरल, लोग कह रहे – ‘असली रैंचो’
घटना का वीडियो और खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग विकास दिलीप बेद्रे को आमिर खान की फिल्म 3 इडियट्स के किरदार ‘रैंचो’ से तुलना करते हुए “असली रैंचो” कह रहे हैं। आम नागरिक द्वारा इस तरह की हिम्मत और मानवता की मिसाल ने सबका दिल जीत लिया है।
रेलवे स्टेशनों पर मेडिकल सुविधा की ज़रूरत
विकास ने बाद में मीडिया से बातचीत में कहा कि लोकल ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर ऐसी आपात स्थिति के लिए मेडिकल सुविधा होना बेहद ज़रूरी है। “जरूरत कहकर नहीं आती, लेकिन जब आती है तो तैयार रहना जरूरी होता है,” उन्होंने कहा।
यह घटना सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है। विकास दिलीप बेद्रे की हिम्मत, डॉक्टर देविका की तत्परता और इंसानियत की भावना ने एक बार फिर साबित किया कि सही समय पर सही निर्णय दो ज़िंदगियों को बचा सकता है।
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