🕒 Published 1 month ago (2:43 AM)
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच भले ही सीजफायर लागू हो गया हो, लेकिन हालिया घटनाक्रमों के चलते भारत में तुर्की के खिलाफ गुस्सा तेजी से बढ़ रहा है। तुर्की के पाकिस्तान प्रेम ने एक बार फिर भारत में नाराजगी को हवा दे दी है। खासतौर पर हालिया आतंकी घटनाओं और उसमें तुर्की के ड्रोन की भूमिका सामने आने के बाद भारत में “बायकॉट तुर्की” की मुहिम जोर पकड़ने लगी है।
तुर्की के ड्रोन और भारत में गुस्सा
भारत पर हालिया आतंकी हमलों के दौरान जिन ड्रोन को मार गिराया गया, उनकी तकनीक और निर्माण तुर्की से जुड़े थे। इससे यह साफ हो गया कि पाकिस्तान को सैन्य सहायता देने में तुर्की की भूमिका सक्रिय है। यही वजह है कि अब भारत में तुर्की के खिलाफ आक्रोश साफ दिखाई दे रहा है।
व्यापारिक रिश्तों के बावजूद नाराजगी
भारत और तुर्की के बीच लंबे समय से व्यापारिक संबंध हैं। दोनों देशों के बीच 2022-23 में करीब 13.8 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 10.43 अरब डॉलर पर पहुंचा। इसमें भारत का निर्यात 6.65 अरब डॉलर और आयात 3.78 अरब डॉलर का रहा। वहीं तुर्की ने भारत में 227.5 मिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया है। इसके उलट भारतीय कंपनियों ने भी तुर्की में करीब 200 मिलियन डॉलर का निवेश किया है।
कारोबार को हो सकता है नुकसान
हालांकि व्यापारिक रिश्तों की मजबूती के बावजूद, अब भारत में तुर्की से आयातित उत्पादों का विरोध शुरू हो चुका है। व्यापारियों ने तुर्की से सेब की खरीद बंद कर दी है, जबकि कई ट्रैवल एजेंसियों ने तुर्की के टूर पैकेज रद्द कर दिए हैं। ट्रैवल कंपनी ईजमायट्रिप ने ‘देश पहले, व्यापार बाद में’ की नीति अपनाते हुए पाकिस्तान के समर्थक देशों की यात्रा से बचने की सलाह दी है।
तुर्की के प्रोडक्ट्स की भारत में गहरी पैठ
भारतीय बाजार में तुर्की के फर्नीचर, कालीन, सेरेमिक टाइल्स, होम अप्लायंस, पर्सनल केयर और फूड प्रोडक्ट्स की अच्छी खासी मौजूदगी है। यहां Konfor Furniture, Beko Appliances, Arçelik, Vestel जैसे नाम घरेलू बाजार में मशहूर हैं। इसके अलावा फूड सेक्टर में Godiva, Turkish Delight, Ülker, Çaykur जैसे ब्रांड्स मौजूद हैं। फैशन ब्रांड्स में LC Waikiki, Mavi, Trendyol, DeFacto, Sarar और स्किन केयर उत्पादों में Farmasi, Bioblas, Cosmed जैसे प्रोडक्ट्स की मांग भी अच्छी है।
विरोध का असर पड़ना तय
बायकॉट तुर्की अभियान का असर तुर्की की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। भारत जैसा बड़ा बाजार अगर तुर्की के उत्पादों से किनारा करता है तो इससे उसकी अरबों डॉलर की कमाई पर गहरा असर हो सकता है। आने वाले समय में इस विरोध का क्या स्वरूप होगा, यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन फिलहाल भारत में तुर्की के खिलाफ माहौल सख्त होता जा रहा है।