🕒 Published 1 month ago (9:50 AM)
नई दिल्ली 8 मई 2025। भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम ड्रोन हमलों में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। खास बात ये है कि पाकिस्तान ने इस सिस्टम के लिए चीन पर निर्भरता दिखाई थी और चीनी HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम को तैनात किया गया था।
चीनी टेक्नोलॉजी पर उठे सवाल
HQ-9 सिस्टम को चीन ने विकसित किया था, जिसका आधार रूस के S-300 और अमेरिका के Patriot सिस्टम की तकनीक पर आधारित है। दावा किया गया था कि यह सिस्टम 120 से 250 किलोमीटर की रेंज में लक्ष्य को मार गिराने में सक्षम है। इसके कई संस्करण जैसे HQ-9A, HQ-9B और HQ-9BE पहले से ही पाकिस्तान के पास मौजूद हैं। हालांकि अब जो घटनाएं सामने आ रही हैं, उनसे इस सिस्टम की वास्तविक क्षमता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
एयर डिफेंस सिस्टम की नाकामी से पाकिस्तान चिंतित
बताया जा रहा है कि इस सिस्टम को विशेष रूप से इस्लामाबाद, कराची और ग्वादर जैसे महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। लेकिन हाल ही में हुए ड्रोन हमलों ने इस प्रणाली की कमियों को उजागर कर दिया है। पाकिस्तानी सेना को इससे रणनीतिक मोर्चे पर बड़ा नुकसान हुआ है।
भारत के सामने कमजोर पड़ा पाकिस्तानी सुरक्षा कवच
पाकिस्तान ने इस सिस्टम को भारत की बढ़ती सैन्य शक्ति—जैसे राफेल लड़ाकू विमान, ब्रह्मोस मिसाइल और Su-30MKI—का मुकाबला करने के उद्देश्य से खरीदा था। परंतु मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि चीन से खरीदा गया ये रक्षा कवच पाकिस्तानी रणनीति को मजबूती देने में विफल रहा है।
चीन पर बढ़ती निर्भरता भी बनी चिंता का कारण
गौरतलब है कि पाकिस्तान के पास मौजूद 80% से ज्यादा हथियार चीनी मूल के हैं। ऐसे में अगर एयर डिफेंस जैसी अत्यंत आवश्यक प्रणाली ही फेल हो जाए, तो यह पाकिस्तान के लिए आने वाले समय में गंभीर चुनौती बन सकती है। चीन के बनाए इस सिस्टम की विफलता से न केवल पाकिस्तान की सुरक्षा कमजोर हुई है, बल्कि उसकी रणनीतिक स्थिति भी प्रभावित हुई है।